कठपुतली सरकार को इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी में केंद्र ने ठेंगा दिखाया, केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से लेना जानती है देना नहीं- शैलेश
केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य जहां डबल इंजन की सरकार है फिर भी राज्य को नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोग्राम का हिस्सा नहीं बनाया गया और इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी देने से परहेज़ किया, आख़िर क्यों ? कुछ राज्यों को दो दो इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी दिया और छत्तीसगढ़ को ठेंगा दिखाया।क्या हमारे पास योग्यता की कमी है या हमारी इक्षा शक्ति कमजोर है क्या कारण है कि मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को विकास की इस महत्वपूर्ण कड़ी से नहीं जोड़ा ?
केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से सिर्फ़ लेना जानती है हमारे संसाधनों का उपयोग पूरे देश में किया जा रहा है यहाँ की अमीर धरती से कोयला,लोहा,माँ और अन्य महत्वपूर्ण खनिज बाहर जा रहा है एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान है और सबसे ज्यादा कोयला यहाँ से बाहर जाता है और एक अच्छा औद्योगिक वातावरण प्रदेश में है सभी साधन और संसाधन उपलब्ध है बिजली,पानी और रॉ मटेरियल सब उपलब्ध है और योग्यता में भी प्रदेश पीछे नहीं है फिर भी छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
डबल इंजन की सरकार होने बाद जनता को अपेक्षा थी कि कोई अच्छा काम होगा लेकिन जनता को धोखा ही मिल रहा है और इशारे से चलने वाली सरकार इस मोर्चे पर भी विफल दिखाई दे रही है यहाँ से संसाधन बाहर कैसे जाएँगे बस यही उद्देश्य केंद्र की सरकार का रहता है।आज छत्तीसगढ़ वासी अपने आप को ठगा स महसूस कर रहे है।पंजाब,महाराष्ट्र,बिहार,राजस्थान,उत्तर प्रदेश,उत्तर प्रदेश,आंध्रप्रदेश,तेलंगाना,केरल और उत्तराखंड जैसे राज्यों को इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी मिला और राज्य को आगे आने का अवसर मिला लेकिन यहाँ के युवाओं के लिए सिर्फ़ निराश ही किया।
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