हाईकोर्ट बोला- विधायिका की संवैधानिक शक्तियों पर हस्तक्षेप नहीं: चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण को चुनौती, HC ने खारिज की याचिका
बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने माना है कि राज्य सरकार की विधायिका के संवैधानिक अधिकारों पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण भी संवैधानिक अधिकारों के तहत किया गया है, जिसके खिलाफ दायर याचिका को हाईकोर्ट ने आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया है। याचिका में अधिग्रहण अधिनियम को चुनौती दी गई थी।
दरअसल, चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज दुर्ग के हितों की रक्षा के लिए योजना तय करने के लिए राज्य अधिकारियों को निर्देश देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। जिसमें अधिनियम, 2021 की धारा 4, 5 और 9 के प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी।
याचिका में कहा गया था, कि याचिकाकर्ता एक धर्मार्थ शैक्षणिक संस्थान है और सोसायटी विभिन्न संस्थान चलाता है। चंदूलाल मेडिकल अस्पताल कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक कंपनी है और एक मेडिकल, डेंटल और फार्मेसी कॉलेज और 750 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी चला रही है।
हाईकोर्ट ने माना आधारहीन
इस मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डीविजन बेंच में हुई। इस दौरान बताया गया कि राज्य द्वारा बनाई गई विधायिका कानून बनाकर न्यायालय के आदेशों को खारिज नहीं कर सकती और न्यायिक घोषणाओं को रद्द नहीं किया जा सकता।
यह, स्पष्ट रूप से न्यायिक शक्तियों का उल्लंघन है। सभी पक्षों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट राज्य की विधायिका के संवैधानिक शक्तियों पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती। कोर्ट ने माना कि यह याचिका बिना किसी आधार पर दाखिल की गई है। इसलिए इसे खारिज की जाती है।
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