अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय द्वारा बिलासा सभागार में “समसामयिकी परिस्थिति और महात्मा गांधी की वैश्विक प्रासंगिकता” पर आयोजित हुई विचारगोष्ठी

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अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय द्वारा बिलासा सभागार में “समसामयिकी परिस्थिति और महात्मा गांधी की वैश्विक प्रासंगिकता” पर आयोजित हुई विचारगोष्ठी

भुवन वर्मा बिलासपुर 02 अक्टूबर 2021

बिलासपुर । अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के द्वारा बिलासा सभागार में “समसामयिकी परिस्थिति और महात्मा गांधी की वैश्विक प्रासंगिकता” के विषय पर विचारगोष्ठी सभा का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ के राज्य अरपा पैरी के धार से की गई। तत्पश्चात माननीय कुलपति महोदय द्वारा लाल बहादुर शास्त्री एवम महात्मा गांधी जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण किया गया । गांधी जी के प्रिय भजन “वैष्णव जन तो तेने कहिए” संस्कृति गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया ।

कार्यक्रम का संचालन समन्वयक एच एस होता ने किया , हर्ष पांडे ने गांधीजी की वर्तमान प्रासंगिकता के विषय में प्रकाश डाला , कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आदित्य सत्संग अमेरिक ने बताया कि भारत एक अद्भुत देश है हमारी संस्कृति कभी गुलामों की संस्कृति नहीं रही है हम स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं और गांधीजी ने हमें स्वतंत्रता सभ्यता स्वच्छता व आत्मविश्वास की शिक्षा दी है । उन्होंने भगवत गीता के ऊपर प्रकाश डालते हुए बतलाया कि गांधीजी जब भी किसी समस्या में होते थे, वे गीता का अध्ययन करते थे , कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति एडीएन वाजपेई ने बतलाया गांधी जी ने गुलामी की जंजीर को अपने सात्विक व अहिंसात्मक प्रयोगों से तोड़कर उन्होंने सत्य अहिंसा का मार्ग विश्व को दिखलाया , गांधीजी के समस्त प्रयोग समाजवाद को लेकर हैं उन्होंने छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कही, समाज को स्वावलंबी सभ्य बनाने पर बल दिया गांधी निडर योद्धा व प्रयोगधर्मी थे वे सर्व समावेशी जननायक थे उनसे हमें मानवतावाद समाजवाद ,राष्ट्रवाद की शिक्षा लेनी चाहिए तत्पश्चात कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त करने हेतु कुलसचिव सुधीर शर्मा ने अपना उद्वोधन दिया ।

उन्होंने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व समस्त जनों का आभार व्यक्त करते हुए बतलाया कि विश्वविद्यालय ने स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने हेतु कुछ विशेष कदम उठाए है जिसमें प्लास्टिक के सामानों का प्रयोग ना करके मिट्टी के कुल्हड़ इत्यादि के सामानों का प्रयोग किया जाएगा गांधी जी द्वारा 25 नवंबर 1935 को बिलासपुर आगमन पर जो उन्होंने अस्पृश्यता निवारण हेतु उद्बोधन दिया था उसी स्थान पर उनके द्वारा लगाए गए वृक्ष की रक्षा सेवा राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्यों के द्वारा की जाएगी वह उस स्थान को उनकी स्मृति के रूप में स्वच्छ रख कर उसे गोद लेने की बात भी विश्वविद्यालय द्वारा की गई इस विचार गोष्ठी उपस्थित कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर सुधीर शर्मा (कुलसचिव) ,कार्यक्रम के समन्वयक डॉ एच एस होता नेहा यादव राष्ट्रीय डॉ मनोज सिन्हा प्रतिवादी डॉक्टर सौमित्र तिवारी एवं समस्त विश्वविद्यालय के शिक्षक शिक्षिका गण स्थानीय जनमानस व मीडिया के पत्रकार उपस्थित रहे ।

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