अभिनेता रजनीकांत होंगे दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित

0

अभिनेता रजनीकांत होंगे दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित

भुवन वर्मा बिलासपुर 01 अप्रैल 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — भारतीय सिनेमा और दक्षिण भारतीय फिल्मों के दिग्गज अभिनेता रजनीकांत (71 वर्षीय) को तीन मई को 51वां फिल्मी दुनियां के सबसे बड़े पुरस्कार दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज इसकी घोषणा करते हुये कहा- हमें खुशी है कि देश के सभी भागों से फिल्मकार , अभिनेता , अभिनेत्री , गायक , संगीतकार सभी लोगों को समय समय पर दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिला है। आज इस साल का दादा साहब फाल्के अवॉर्ड महान नायक रजनीकांत को घोषित करते हुये हमें बहुत खुशी है। रजनीकांत बीते पांच दशक से सिनेमा की दुनियां पर राज कर रहे हैं और लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। यही कारण है कि इस बार दादा साहेब फाल्के की ज्यूरी ने रजनीकांत को ये अवॉर्ड देने का फैसला लिया है। इस साल ये सिलेक्शन ज्यूरी ने किया है। इस ज्यूरी में आशा भोंसले , मोहनलाल , विश्वजीत चटर्जी , शंकर महादेवन और सुभाष घई इन पांचों ज्यूरी ने बैठक करके एक राय से महानायक रजनीकांत को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड देने की सिफारिश की। प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा, ‘रजनीकांत ने अपनी प्रतिभा , मेहनत और लगन से ये स्थान लोगों के दिल में जमा लिया है , ये उनका सही गौरव है। इसे तमिलनाडु चुनाव से जोड़कर देखे जाने के एक सवाल पर जावडेकर ने कहा कि इस घोषणा का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि रजनीकांत को फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। दादा साहब फाल्के अवॉर्ड इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि दादा साहब फाल्के ने पहला सिनेमा वर्ष 1913 में राजा हरिशच्रंद बनाया था तो उस राजा हरिशचंद्र सिनेमा के बाद ये पहले चित्रपट महर्षि कहलाने लगे और दादा साहब फाल्के की मृत्यु के बाद ये अवॉर्ड उनके नाम से रखा गया और आज तक 50 बार ये अवॉर्ड दिया गया है।

गौरतलब है कि रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरू के मराठी परिवार में हुआ था। इनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है जो आगे चलकर रजनीकांत बने। जीजाबाई और रामोजी राव की चार संतानों में से शिवाजी सबसे छोटे हैं। इनकी उम्र महज चार- पांच साल की रही होगी तभी इनकी मां का निधन हो गया था। गरीब परिवार में जन्मे रजनीकांत ने अपनी मेहनत और कड़े संघर्ष के बाद टॉलिवुड में खास मुकाम हासिल किया। रजनीकांत का बचपन मुश्किलों से भरा रहा है। बचपन में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। मां के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर आ गई। रजनीकांत के लिये भी घर चलाना इतना आसान नहीं था। उन्होंने घर चलाने के लिये कुली तक का काम किया। रजनीकांत फिल्मों में आने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। रजनीकांत ने 25 साल की उम्र में तमिल फिल्म इंडस्ट्री में बालचंद्र की फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ से एंट्री ली थी। इस फिल्म में कमल हासन और श्रीविद्या भी थे। वर्ष 1975 से वर्ष 1977 के बीच उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में कमल हसन के साथ विलेन की ही भूमिका की। लीड रोल में उनकी पहली फिल्म “भैरवी” (वर्ष 1978) आयी। ये फिल्म काफी हिट रही और रजनीकांत स्टार बन गये। रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी। दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुये थे। कई नकारात्मक किरदारों का अभिनय करने के बाद रजनीकांत पहली बार नायक के रूप में एसपी मुथुरमन की फिल्म भुवन ओरु केल्विकुरी में दिखे थे। वर्ष 1983 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रख दिया। उनकी पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून थी। रजनीकांत ने इसके बाद सिर्फ तरक्की की सीढ़ियां चढ़ीं।

आज वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े स्टार कहे जाते हैं। अपनी खास स्टाइल , अंदाज की वजह से वे वालिवुड में भी नामी बन गये हैं। दक्षिण भारत में उनके फैंस उन्हें भगवान मानते हैं। बताते चलें कि दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहा जाता है। उनके ही नाम पर हर साल ये पुरस्कार दिये जाते हैं। अब तक 50 बार ये पुरस्कार दिया जा चुका है। रजनीकांत से पहले यह पुरस्कार वर्ष 2018 में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और वर्ष 2017 में भूतपूर्व भाजपा नेता और अभिनेता विनोद खन्ना को दिया गया था।

राजनीति में आने से किया इंकार

पिछले कुछ दिनों में चर्चा काफी तेजी थी कि रजनीकांत तमिलनाडु की चुनावी राजनीति में भी कदम रखने वाले हैं। लेकिन बीते साल दिसंबर में उन्होंने ऐलान किया कि वे चुनावी राजनीति से बाहर ही रहेंगे।

अनेक पुरस्कारों से सम्मानित

रजनीकांत को वर्ष 2014 में 06 तमिलनाड़ु स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें से 04 सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और 02 स्पेशल अवॉर्ड्स फॉर बेस्ट एक्टर के लिये दिये गये थे। उन्हें वर्ष 2000 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। वर्ष 2014 में 45वें इंटरनेश्नल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में रजनीकांत को सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर से भी सम्मानित किया गया था।

अवॉर्ड पाने वाले 12वें साउथ इंडियन

रजनीकांत 12वें दक्षिण भारतीय हैं जिन्‍हें यह अवॉर्ड मिला है। इससे पहले डॉ. राजकुमार , अक्‍कीनेनी नागेश्‍वर राव , के० बालाचंदर जैसे लोगों को यह पुरस्‍कार दिया जा चुका है। इस खबर के सामने आने के बाद से रजनीकांत को हर तरफ से बधाइयां मिल रही हैं।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *