कृषि कानून नई संभावनाओं का द्वार — प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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कृषि कानून नई संभावनाओं का द्वार — प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

भुवन वर्मा बिलासपुर 29 नवम्बर 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियोवार्त्ता ‘मन की बात’ की 71 वें संस्करण के जरिये देशवासियों को संबोधित किये। इस दौरान उन्होंने देश में कोरोना की स्थिति से लेकर किसान कानून सहित कई अहम मुद्दों पर अपने विचार साझा किये। कोरोना महामारी को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा करीब-करीब एक साल हो रहे हैं, जब दुनियाँ को कोरोना के पहले केस के बारे में पता चला , तब से लेकर अब तक पूरे विश्व ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। लाकडाऊन के दौर से बाहर निकलकर अब वैक्सीन पर चर्चा होने लगी है। कोरोना को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही अब भी बहुत घातक है , हमें कोरोना के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई को मज़बूती से जारी रखना है। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के धुले ज़िले के किसान जितेन्द्र भोइजी का भी जिक्र किया जिन्होंने नये कृषि कानून का इस्तेमाल किया और अपनी परेशानी खत्म की , कुछ ही दिनों में उन्होंने अपना बकाया भी चुका दिया। इसके अलावा पीएम ने राजस्थान के बारा जिले के किसान मोहम्मद असलम की भी चर्चा करते हुये बताया कि मोहम्मद असलन किसानों में जागरूकता बढ़ा रहे हैं।

अफवाहों से दूर रहें किसान – मोदी

मन की बात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि संसद ने हाल ही में कठोर मंथन के बाद नये कृषि सुधार कानून पारित किया है। उन्होंने किसानों से कहा कि अफवाहों से दूर रहें। इन सुधारों से ना केवल किसानों की दिक्कतें कम हुई हैं बल्कि इस कानून ने उन्हें नये अधिकार और अवसर भी दिये हैं। कृषि सुधारों ने किसानों के लिये नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांँगों को पूरा करने के लिये किसी ना किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वो मांग पूरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से ना सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुये हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नये अवसर भी मिले हैं।

माता अन्नपूर्णा मूर्ति का आना सुखद – मोदी

मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पीएम मोदी ने कहा हर भारतीय को यह जानकर गर्व महसूस होगा कि देवी अन्नपूर्णा की एक प्राचीन मूर्ति को कनाडा से भारत वापस लाया जा रहा है। लगभग 100 साल पहले 1913 में, यह मूर्ति वाराणसी के एक मंदिर से चोरी करके देश के बाहर तस्करी की गई थी। माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है। अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिये सुखद है। माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रही हैं। मांँ अन्नापूर्णा देवी की मूर्ति वापस लाने के लिये मैं कनाडा सरकार का आभार व्यक्त करता हूँ। न्यूजीलैंड में वहां के नवनिर्वाचित एमपी डॉ० गौरव शर्मा ने विश्व की प्राचीन भाषाओं में से एक संस्कृत भाषा में शपथ ली है.‘मन की बात’ के माध्यम से मैं गौरव शर्मा जी को शुभकामनाएं देता हूंँ. हम सभी की कामना है कि वो न्यूजीलैंड के लोगों की सेवा में नई उपलब्धियांँ प्राप्त करें। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में कई संग्रहालय और लाइब्रेरी अपने कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का काम कर रहे हैं। दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किये हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत की संस्कृति को लेकर कहा कि भारत की संस्कृति और शास्त्र, दोनों हमेशा से ही पूरी दुनियाँ के लिये आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आये और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गये तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गये। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की संस्कृति और आस्था पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र रही. उन्होंने कहा कि पूरी दुनियाँ में भारत की संस्कृति की चर्चा होती है और दूसरे देशों में इसके बारे में शिक्षा दी जाती है। गुरुनानक देव जयंती पर देशवासियों को शुभकामनायें देते हुये उन्होंने कहा कि पूरी दुनियाँ में गुरुनानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है , उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं। उन्होंने ही लंगर की परंपरा शुरू की थी और आज हमने देखा कि दुनियाँ-भर में सिख समुदाय ने किस प्रकार कोरोना के इस समय में लोगों को खाना खिलाने की अपनी परंपरा को जारी रखा है।

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