मध्यान्ह भोजन : 63 दिन का सूखा राशन मिलेगा सील बंद पैकेट में

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मध्यान्ह भोजनः 63 दिन का सूखा राशन मिलेगा सील बंद पैकेट में

अपनी सुविधा के अनुसार वितरण की मिली छूट, हर सामग्री की तस्वीर अनिवार्य

भुवन वर्मा बिलासपुर 22 सितंबर 2020

रायपुर/ बलोदा बाजार- इस बार 63 दिन का मध्यान्ह भोजन एक साथ दिया जाएगा। घर- घर जाकर बांटने का फैसला स्वविवेक से लेने की छूट दी गई है तो हर खाद्य सामग्री का अलग-अलग सील बंद पैकेट और उसकी तस्वीर लिए जाने के भी आदेश जारी हो गए हैं। यह पूरा काम कोविड-19 की गाईडलाईन के पालन के साथ करना होगा।
कोरोना संक्रमण के बाद बंद स्कूलों में मध्यान्ह भोजन को सूखा राशन के रूप में दिए जाने का सिलसिला चालू और अगले माह भी जारी रहेगा। कई दिक्कतों के बीच वितरण में आ रही सबसे बड़ी समस्या इस बार दूर की जा रही है। घर घर जाकर सूखा राशन के रूप में मध्यान्ह भोजन का वितरण का काम स्कूलों के स्वविवेक पर छोड़ दिया गया है। राहत दी गई है कि वे यह काम स्कूल में या घर-घर जाकर भी कर सकते हैं। राहत के साथ एक शर्त भी जोड़ी जा रही है कि हर राशन का सील बंद पैकेट बनाना होगा और बाद में उसकी उसकी तस्वीर लेकर मुख्यालय भेजना होगा जिससे उसकी गुणवत्ता की पहचान की जा सके।

एक साथ 63 दिन का राशन

लोक शिक्षण संचालनालय से जारी आदेश के अनुसार 11 अगस्त से 31 अक्टूबर तक की अवधि का सूखा राशन मध्यान्ह भोजन के रूप में पहली से आठवीं तक के बच्चों को दिया जाना है। इसमें चावल, दाल, अचार, सोया बड़ी, तेल और नमक का अलग-अलग पैकेट बनाकर सभी को एक बड़े पैक में दिया जाएगा। बता दें कि इसके पूर्व 45 दिन का सूखा राशन मध्यान्ह भोजन के रूप में दिया जा चुका है।

राहत के साथ शर्त

संचालनालय ने इस बार राहत देते हुए कहा है कि स्कूलें अपने स्तर पर घर घर पहुंचाने या स्कूल में ही वितरण करने का फैसला ले सकेंगी लेकिन इसकी सूचना संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को देनी होगी। शर्त यह होगी कि सूखा राशन का सील बंद पैकेट बनाया जाना है। पैकिंग पूर्व खाद्य सामग्री पैकिंग के बाद की तस्वीर अनिवार्य रूप से लेनी होगी। सभी सामग्री का एक पूरा पैकेट बना कर देना भी शर्त में शामिल होगा।

इसलिए तस्वीर

संचालनालय ने बीते कुछ महीनों से यह पाया है कि गुणवत्ता हीन खाद्य सामग्री का वितरण किए जाने की शिकायतें बढ़ रही है। इस पर अंकुश लगाया जाना जरूरी है। इसलिए इस बार हर खाद्य सामग्री का अलग-अलग नमूना सैंपल के रूप में रखने के आदेश जारी किया गया है। इसे एक माह तक रखने के भी निर्देश है। इसके पीछे की वजह भी बताई गई है कि इस अवधि में खराब हो जाने पर उसकी गुणवत्ता जांची जा सकेगी।

प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक

प्राथमिक स्कूल के हर छात्र को प्रति दिवस के आधार पर 63 दिन का 6 किलो 300 ग्राम चावल, 1 किलो 620 ग्राम दाल, 500 ग्राम अचार, 630 ग्राम सोया बड़ी, 315 ग्राम तेल, और 400 ग्राम नमक मिलेगा। प्रत्येक छात्र को 63 दिन के सूखा राशन के रूप में 9 किलो 405 ग्राम खाद्य सामग्री मिलेगी। पूर्व माध्यमिक स्कूल में प्रति छात्र को प्रतिदिन के आधार पर 9 किलो 450 ग्राम चावल, 1 किलो 890 ग्राम दाल ,750 ग्राम अचार, 945 ग्राम सोया बड़ी, 500 ग्राम तेल और 600 ग्राम नमक दिया जाएगा। इस तरह मिडिल स्कूल के प्रत्येक छात्र को 63 दिन का जो सूखा राशन दिया जाएगा उसकी कुल मात्रा 14 किलो 135 ग्राम होगी।

” लॉक डाउन की अवधि समाप्त हो जाने के बाद 63 दिवस का सूखा राशन वितरण किया जाना है। स्कूलें अपनी व्यवस्था के अनुसार वितरण का काम कर सकेंगी ध्यान रखें कि यह काम संचालनालय और कोविड-19 के नियमों के तहत किए जाएं ” – सी.एस ध्रुव, जिला शिक्षा अधिकारी, बलोदा बाजार।

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