फसल अवशेष जलाने पर देना होगा भारी जुर्माना, करें अवशेष प्रबंधन और बढ़ाएं उर्वरा शक्ति

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फसल अवशेष जलाने पर देना होगा भारी जुर्माना, करें अवशेष प्रबंधन और बढ़ाएं उर्वरा शक्ति

भुवन वर्मा बिलासपुर 22 सितंबर 2020

बलौदा बाजार- फसल अवशेष जलाया तो खैर नहीं! विभाग इस बार अपने फील्ड स्टाफ को अभी से इस पर रोक लगाने के लिए जरूरी मार्गदर्शन जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि वे किसानों से मिलकर फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी दें। यह भी बताएं कि इसमें क्या लाभ है? और अवशेष जलाने पर क्या नुकसान है?

जल्द पकने वाली धान की किस्में अब तैयार होने लगी है। जैसी स्थिति दिखाई दे रही है उसे देखते हुए यह मानकर चला जा रहा है कि आने वाले माह के अंत तक यह तैयार हो सकती हैं। लिहाजा फसलों की कटाई के पूर्व अवशेष प्रबंधन के सुव्यवस्थित उपाय नहीं किए गए तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इसलिए कृषि विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन के नियमों को प्रभावी बनाने के लिए इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। जिसके अनुसार ऐसी गतिविधियां किसानों पर भारी पड़ेगी।

जलाया फसल अवशेष तो ये दंड

हार्वेस्टर से फसल कटाई के बाद अधिकतर किसान अवशेष खेतों में ही छोड़ देते हैं। लाने के झंझट को देखते हुए इन्हें जला दिया जाता है जो फैलते हुए पेड़ों को अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं। इसे देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के मुताबिक अब ऐसी हरकतें किसानों पर भारी पड़ेगी। नियम के मुताबिक 2 एकड़ का फसल अवशेष जलाने पर दो हजार रुपए, दो से 5 एकड़ का फसल अवशेष जलाया तो पांच हजार रुपए और 5 एकड़ से अधिक के अवशेष जलाने पर 15 हजार रुपए का जुर्माना किसानों को देना होगा।

अवशेष जलाने पर यह नुकसान

कटाई के बाद छोड़े गए अवशेष को खेतों में ही जला दिए जाने पर मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्व तो नष्ट होते ही हैं साथ ही उर्वरा शक्ति बढ़ाने वाले जीवाणु भी खत्म हो जाते हैं। यह भूमि की घटती उर्वरा शक्ति और कम उत्पादन क्षमता के रूप में सामने आने लगती है। सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि भूमि की जल धारण क्षमता बेहद कम हो जाती है।

अवशेष प्रबंधन से यह लाभ

अपनी धरती बचाना है तो फसल अवशेष को जलाने की बजाए
रोटावेटर के माध्यम से अच्छी तरह मिट्टी में मिलाएं। पानी एवं डिकंपोजर या ट्राइकोडर्मा डालकर अच्छी और प्राकृतिक खाद तैयार की जा सकती है। इससे मिट्टी की ना केवल जल धारण क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि बढ़ती हुई उर्वरा शक्ति और फसल उत्पादन की ताकत बढ़ाने में मदद मिलेगी।

” फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसान विभाग द्वारा जारी सलाह का पालन करें। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके बावजूद यदि प्रबंधन पर ध्यान नहीं दिया गया और अवशेष जलाए गए तो नियमानुसार अर्थदंड के पात्र होंगे ” – वी पी चौबे, उपसंचालक, कृषि बलौदा बाजार।

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