छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीत सत्र : बिना टेंडर के शुरू हुआ पुल बनना, कार्रवाई की मांग पर अड़ा विपक्ष

22
widhan sabha

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र में मंगलवार को भी सदन में जमकर नारेबाजी हुई। सुकमा में नियम विरुद्ध पुल पुलिया निर्माण को लेकर कांग्रेस ने नारेबाजी की और बिना टेंडर, अनुमति कार्य होने पर कार्रवाई की मांग की। जिसको लेकर मंत्री अरुण साव ने जवाब दिया। लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ और नारेबाजी शुरू कर दी। यहां तक की कांग्रेस ने उन्हें भ्रष्ट कह दिया, जिसके बाद सत्तापक्ष ने विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। जिसके बाद आसंदी ने मंत्री को भ्रष्ट कहे जाने वाले शब्दों को विलोपित कर दिया।

विधानसभा में कवासी लखमा ने सुकमा और दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित सरहदी 3 गांवों में पुलिया निर्माण का मामला उठाते हुये कहा कि, पहले पूल बनने का काम शुरू हुआ। फिर टेंडर डालने का कौन सा नियम है? जिस पर मंत्री अरुण साव ने जवाब देते हुए कहा कि, मई के महीने में 2 पूल के निर्माण का काम शुरू हुआ और वहां सुरक्षा कैम्प स्थापित है। वहां रसद सामान ले जाना ज़रूरी था, इसलिए 2 पुलिया का निर्माण शुरू हुआ था। आचार संहिता लगा था, शिकायत होने पर काम रोक दिया गया। लेकिन उसका कोई भुगतान नहीं हुआ है और अब टेंडर आज खुल रहा है। अब जिसे मिलेगा वो बनाएगा। कलेक्टर ने पूल बनाने की अनुमति दी थी। विधायक कवासी लखमा ने आगे कहा कि, पूल निर्माण मामले में गड़बड़ी की गई है। जनता की गाढ़ी कमाई को चूना लगाया है। ईई और सब इंजीनियर पर कार्रवाई करेंगे क्या?

विपक्ष ने की कार्रवाई की मांग 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  ने कहा कि, मंत्री मान रहे हैं कि, आचार संहिता में निर्माण शुरू हुआ है और टेंडर भी नहीं हुआ था। फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही थी? जिस पर डिप्टी सीएम ने जवाब दिया। लेकिन मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाज़ी करनी शुरू कर दी। विपक्ष संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की माँग को लेकर अड़ गया और वॉक आउट कर गया।

About The Author

22 thoughts on “छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीत सत्र : बिना टेंडर के शुरू हुआ पुल बनना, कार्रवाई की मांग पर अड़ा विपक्ष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed