साय कैबिनेट की बैठक…धान खरीदी की समस्याओं पर चर्चा: कांग्रेस बोली-केंद्र ने समर्थन मूल्य बढ़ाया, 3,217 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदी करे सरकार

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रायपुर/ छत्तीसगढ़ सरकार मंगलवार यानी आज कैबिनेट की बैठक करने जा रही है। बैठक मंत्रालय में दोपहर 12 बजे आयोजित होगी। मुख्य रूप से इस बैठक में धान खरीदी में आ रही दिक्कतों को CM विष्णुदेव साय और अन्य मंत्री रिव्यू करेंगे।

पिछले कुछ दिनों में सभी मंत्री अलग-अलग इलाकों के धान खरीदी केंद्रों में गए हैं। लोगों से फीडबैक लेकर लौटे हैं। धान खरीदी में जो समस्याएं आ रही हैं, उन पर चर्चा की जाएगी। वहीं कांग्रेस ने केंद्र के समर्थन मूल्य बढ़ाने पर साय सरकार से 3,217 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी की मांग की है।

धान खरीदी केंद्र में किसानों से सीएम साय ने चर्चा की।

धान खरीदी केंद्र में किसानों से सीएम साय ने चर्चा की।

बारदाने की कमी और राइस मिलर्स की मांग पर भी चर्चा

बताया जा रहा है कि इसके साथ ही बारदाने की कमी और राइस मिलर्स की मांग जैसे मुद्दों पर बात हो सकती है। वहीं 16 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने को है। सरकार के मंत्री इसे लेकर भी चर्चा कर सकते हैं।

टोकन और धान उठाव पर घेर रही कांग्रेस

कांग्रेस लगातार किसानों को टोकन न मिलने, मिलर्स के धान उठाव न करने जैसी बातों पर सरकार को घेर रही है। 16 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने को है। सरकार के मंत्री इसे लेकर भी चर्चा कर सकते हैं।

धान खरीदी केंद्र में धान उठाव नहीं होने पर कांग्रेस सरकार को घेर रही।

धान खरीदी केंद्र में धान उठाव नहीं होने पर कांग्रेस सरकार को घेर रही।

कांग्रेस कर रही 3217 रुपए भुगतान की मांग

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद ने कहा कि धान की कीमत का भुगतान सरकार 3,217 रुपए में करे। 3100 रुपए भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। वहीं केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ा दिया है।

इस कारण इस साल धान की खरीदी 3100 रुपए से बढ़ाकर 3217 रुपए में किया जाए। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रुपए में धान की खरीदी की थी।

छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी शुरू हुई है। सरकार कह रही है कि, बंपर खरीदी चल रही है, लेकिन कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू का कहना है कि, पिछले 4-5 दिनों से वो और उनका परिवार धान बेचने टोकन के लिए भटक रहा है। अब तक उन्हें टोकन नहीं मिल पाया है।

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