पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद के प्रथम दर्शन से हुई रथयात्रा की शुरुआत

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पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद के प्रथम दर्शन से हुई रथयात्रा की शुरुआत

भुवन वर्मा बिलासपुर 1 जुलाई 2022

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

जगन्नाथपुरी — पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने पच्चीस सौ वर्षों से चली आ रही परंपरानुसार रथारुढ़ भगवान जगन्नाथ का प्रथम दर्शन कर विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथपुरी रथयात्रा की शुरुआत की। तत्पश्चात गजपति महाराज ने सोने की झाड़ू से रास्ता बुहारकर रथ को आगे बढ़ाने की शुरुआत किया। इस संबंध में इतिहास है कि शिवावतार भगवत्पाद आदि शंकराचार्य महाभाग ने आज से चौबीस सदी पूर्व जगन्नाथ मंदिर में भगवान के विग्रहों को पुनः प्रतिष्ठित कर साथ ही चार आम्नाय पीठों में से एक पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ में अपने प्रमुख शिष्य पद्माचार्य जी को इस पीठ के प्रथम शंकराचार्य के रूप में अपने करकमलों से अभिषिक्त किया था , तब से श्रीजगन्नाथ मंदिर में पुरी शंकराचार्य जी की विशेष महत्ता है तथा उनका मंदिर में प्रवेश एक विशेष द्वार से होता है। रथारूढ़ भगवान के विग्रह स्पर्श संबंधी नियम एवं अधिकार के संबंध में पुरी शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज द्वारा निर्धारित नियमावली को न्यायालय ने यह उद्घृत करते हुये स्वीकार किया कि धार्मिक क्षेत्र में शंकराचार्य जी सर्वोच्च न्यायाधीश हैं तथा उनके द्वारा प्रदत्त नियमों को अक्षरशः स्वीकार किया जाता है तथा राज्य शासन इसका परिपालन सुनिश्चित करे। आज रथयात्रा में
देव प्रतिमाओं को रथों में स्थापित करने के बाद पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्य सिंह देव ने सोने की झाड़ू से रथों को बुहारने की परंपरा को निभाया। इसके बाद गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देव प्रतिमाओं का दर्शन किया और फिर रथों को खींचा गया।ढोल, मंजीरे और शंख की ध्वनि तथा ‘हरि बोल’ के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ , बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा को शुरुआत हुई।यह जगन्नाथ रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से आरंभ होकर दशमी तिथि को समाप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रथयात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर पहुंचाया जाता हैं , जहां भगवान सात दिनों तक विश्राम करते हैं। इसके बाद भगवान जगन्नाथ की वापसी की यात्रा शुरु होती है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पूरे भारत में एक त्योहार की तरह मनायी जाती है। श्री जगन्नाथ मंदिर से तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर तक देव प्रतिमाओं को ले जाने वाले तीन रथों के आसपास पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जिसे 10 जोन और 29 सेक्टरों में विभाजित किया गया था।

शाह ने अहमदाबाद में की मंगला आरती

इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज अहमदाबाद में जगन्नाथ मंदिर में ‘मंगला आरती’ की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में मंगला आरती में सम्मिलित होकर महाप्रभु जगन्नाथ जी का आशीर्वाद लिया। रथ यात्रा के शुभ अवसर पर यहां आकर महाप्रभु की आराधना करना मेरे लिये हमेशा एक विशिष्ट आध्यात्मिक अनुभूति का क्षण होता है। जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर शुभकामना देते हुये गृहमंत्री ने हिंदी और ओडिया भाषा में ट्वीट कर कहा कि आस्था और भक्ति के अनूठे संगम श्री जगन्नाथ रथयात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनायें। महाप्रभु जगन्नाथ जी से सभी के सुखी व आरोग्यमय जीवन , समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना करता हूं। जय जगन्नाथ। केन्द्रीय गृहमंत्री के मंगला आरती पश्चात गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सुबह ‘पहिंद विधि’ रस्म अदा की , जिसमें रथ यात्रा की शुरुआत से पहले एक सुनहरी झाड़ू का उपयोग करके रथों का रास्ता साफ किया जाता है। इसके बाद, भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ जमालपुर क्षेत्र के चार सौ साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से वार्षिक यात्रा के लिये निकले।

सीएम बघेल ने निभाई छेरा पहरा रश्म

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में छेरा पहरा की रस्म पूरी कर सोने की झाड़ू से बुहारी लगाकर रथ यात्रा की शुरुआत की। इसके पहले मुख्यमंत्री ने यज्ञशाला के अनुष्ठान में शामिल हुये और हवन कुंड की परिक्रमा कर पूजा-अर्चना की। उन्होंने जगन्नाथ मंदिर में महाप्रभु जगन्नाथ , उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की आरती की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख , समृद्धि , खुशहाली और प्रदेश में अच्छी बारिश की कामना की।

राष्ट्रपति- प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनायें

रथयात्रा के पावन अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों , विशेष रूप से ओड़िशा में सभी श्रद्धालुओं को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। मैं कामना करता हूँ कि प्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद से सभी देशवासियों का जीवन सुख , समृद्धि और स्वास्थ्य से परिपूर्ण बना रहे। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर लोगों को बधाई दी और सभी के अच्छे स्वास्थ्य एवं खुशियों की कामना की। मोदी ने ट्वीट किया कि रथयात्रा के खास दिन की बधाई। हम भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं कि वह अपना आशीर्वाद हम पर हमेशा बनाये रखें। सभी के लिये अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों की कामना करता हूं।

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