गिधवा परसदा / बेमेतरा पक्षी विहार विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनेगा — सीएम भूपेश बघेल
गिधवा परसदा पक्षी विहार विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनेगा — सीएम भूपेश बघेल
भुवन वर्मा बिलासपुर 2 फरवरी 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर — ‘गिधवा-परसदा पक्षी विहार’ को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। छत्तीसगढ़ के इस पक्षी विहार को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र में स्थापित करने के लिये हर संभव कदम उठाए जायेंगे। पक्षी विज्ञानियों, प्रकृति प्रेमियों और यहां आने वाले सैलानियों के लिये विभिन्न सुविधायें विकसित की जायेंगी।
उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखंड अन्तर्गत आने वाले नगधा गांव में आयोजित तीन दिवसीय ‘गिधवा-परसदा पक्षी विहार महोत्सव’ की समापन समारोह को संबोधित करते हुये कही। इसके पहले श्री बघेल ने गिधवा-परसदा जलाशय का भ्रमण किया और वहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों और जलाशय के मनोरम और विहंगम दृश्यों को कैमरे में कैद किया। मुख्यमंत्री ने पक्षी महोत्सव में जैव विविधता के संरक्षण के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण घोषणायें करते हुये कहा कि गिधवा एवं परसदा ग्रामों के आस-पास जिन क्षेत्रों में प्रवासी पक्षी आते हैं, उसके संरक्षण की योजना बनाकर छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा कार्य किया जायेगा। साथ ही क्षेत्र में एक पक्षी जागरूकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जायेगा। यहां राज्य के प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों की जैव विविधता संबंधी जानकारी एवं प्रशिक्षण जन सामान्य को दी जायेगी। राज्य के समस्त ऐसे वेटलैंड जिसमें प्रवासी पक्षी आते हैं एवं जैव विविधता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, उनके संरक्षण एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड को दी जायेगी। इसके अलावा बेमेतरा जिले के विकास के लिये मुख्यमंत्री ने लगभग 158 करोड़ 43 लाख रूपये की लागत के 53 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री 124 करोड़ 81 लाख रूपये की लागत के 16 कार्यों का लोकार्पण और 33 करोड़ 61 लाख रूपए की लागत के 37 कार्यों का भूमिपूजन किये। इन कार्यों में नहरों के जीर्णोद्धार, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य केन्द्र और शाला भवनों, सौर सुजला योजना के अंतर्गत सोलर पंपों की स्थापना के कार्य भी शामिल हैं। इस अवसर पर वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव गुरुदयाल बंजारे, विधायक आशीष छाबड़ा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, आईजी विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर शिवअनंत तायल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि गिधवा-परसदा के जलाशयों को विश्व स्तरीय पक्षी पर्यटन स्थलों में स्थान दिलाने के लिये यहॉं 31 जनवरी से 02 फरवरी 2021 तक पक्षी विहार महोत्सव का आयोजन किया गया। पक्षियों के संरक्षण के साथ-साथ जैव विविधता संरक्षण तथा स्थानीय लोगों को ईको-पर्यटन के माध्यम से होम, विलेज स्टे से रोजगार उपलब्ध होगा। बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा, नगधा, एरमशाही क्षेत्र जलीय एवं स्थल जैव विविधता से भरपूर है। यह क्षेत्र पारिस्थितिकीय व स्वस्थ्य पर्यावरण के लिये उपयुक्त है। गिधवा-परसदा स्थल मुख्यतः जलीय नमी युक्त क्षेत्र है। इसका भौगोलिक विस्तार लगभग 06 कि.मी. क्षेत्र में है। गिधवा परसदा में मुख्य 02 बड़े तथा 02 मध्यम आकार के जलाशय हैं, नजदीकी ग्राम एरमशाही में 05 जलाशय भी स्थित हैं। गिधवा-परसदा जलीय तंत्र में भरपूर जलीय खाद्य वनस्पति व जीव होने के कारण यहां पक्षियों के लिये अच्छा रहवास है। यहां किये गये अध्ययनों में पक्षियों की कुल 143 प्रजातियां जिसमें कुल 26 स्थानीय प्रवासी प्रजातियां, 11 विदेशी प्रवासी प्रजातियां तथा 106 स्थानीय आवासीय प्रजातियां पक्षी पायी गयी है।
इसके पहले सीएम बघेल चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि में आयोजित कार्यक्रमों में भी शामिल हुये। जहां उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुये कहा कि चंदूलाल चन्द्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को सरकार अधिग्रहित करेगी। इसके लिये कैबिनेट की बैठक और सदन में प्रस्ताव लाया जायेगा। इसके पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चंदूलाल चन्द्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज पहुंचे और स्व. चंदूलाल चन्द्राकर की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने यहां आरटीपीसी सेंटर का शुभारंभ भी किया। इसके पहले वे पूर्व सांसद स्व चंदूलाल चन्द्राकर की पुण्यतिथि के अवसर पर भिलाई 3 स्थित चंदूलाल चन्द्राकर व्यवसायिक परिसर पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चंदूलाल चन्द्राकर के जीवनी पर भी प्रकाश डालते हुये कहा कि चंदूलाल चन्द्राकर छत्तीसगढ़ के स्वप्नदृष्टा थे , वे एक कुशल जनप्रतिनिधि के साथ साथ अच्छे पत्रकार , बेहतर खिलाड़ी भी थे। अपने अंतिम तक पत्रकारिता से जुड़े रहे , खेल पत्रकारिता में उन्होने 09 से अधिक ओलंपिक अटेंड किया। सीएम ने आगे कहा कि उनके ना रहने से अपूरणीय क्षति हुई है , जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। लेकिन उनके सपने को पूरा करने का काम हम करेंगे, उनके बताये मार्ग पर चलने की हम शपथ लेते हैं। उनके बताये हुये रास्ते पर छत्तीसगढ़ विकास कर रहा है। उन्होंने जो कृषि संबंधी और उद्योग संबंधी विजन हमें दिया उस मिशन को आगे लेकर हम चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की कृषि संबंधी योजनाओं से किसान का खेती में भरोसा लौटा है। इस साल 92 लाख मीट्रिक धान की खरीदी हुई जो अब तक का रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त आय अर्जित हो रही है। पहले किसान धान बेचकर मोटरसाइकिल खरीदते थे अब किसान गोबर बेचकर भी मोटरसाइकिल खरीद रहे हैं।