पूर्णाहुति एवं सहस्त्रधारा के साथ हुआ भागवत कथा का विश्राम
पूर्णाहुति एवं सहस्त्रधारा के साथ हुआ भागवत कथा का विश्राम
भुवन वर्मा बिलासपुर 28 जनवरी 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
बलौदाबाजार — भगवान श्रीकृष्ण एवं राधारानी की अहैतु कृपा से बलौदाबाजार में स्व० चतुरसिंह वर्मा के स्मृति में 20 जनवरी से 28 जनवरी पर्यन्त पं० श्री हरिकृष्ण महाराज जी के मुखारविंद से परम पवित्र , परम पावन संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ कथा आयोजित है जिसके उपाचार्य पं० श्री शुभम कृष्ण जी महाराज और मुख्य यजमान दिनेश्वरी हीरेन्द्र कुमार वर्मा हैं। इस कथा के सहप्रायोजक मासिक पत्रिका अस्मिता और स्वाभिमान परिवार रहे। व्यासाचार्य के मुखारविंद से चल रहे संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ कथा का पं० शुभमकृष्ण महाराज के मंत्रोच्चार से पूर्णाहुति , सहस्त्रधारा एवं ब्राह्मण भोज के साथ समापन हुआ। वृंदावन के होली की तर्ज पर कथा पंडाल में होली भी मनाया गया।
सात दिनों तक की कथा में कथाव्यास ने भागवत महात्म्य , ध्रुव चरित्र , परीक्षित कथा , राजा बलि की कथा , कपिलोपाख्यान , शिव-पार्वती विवाह, प्रहलाद चरित्र, वामन अवतार, रामकथा, कृष्णजन्म, बाल लीला, कृष्ण की रासलीला, गोवर्धन पूजा , महारास एवं रूकमणी मंगल की कथा , सुदामा मित्रता की कथा सुनायी। भागवत कथा स्थल में प्रतिदिन प्रसंग के अनुसार भगवान की मनमोहक झाँकी भी निकाली जा रही थी। व्यासाचार्य ने बताया कि श्रीमद्भागवत अत्यंत गोपनीय रहस्यात्मक पुराण है। यह भगवत्स्वरूप का अनुभव कराने वाला और समस्त वेदों का सार है। संसार में फंसे हुये जो लोग इस घोर अज्ञानान्धकार से पार जाना चाहते हैं उनके लिये आध्यात्मिक तत्वों को प्रकाशित कराने वाला यह एक अद्वितीय दीपक है। जहां भगवान के नाम नियमित रूप से लिया जाता है। वहां सुख, समृद्धि व शांति बनी रहती है। जीवन को कर्मशील बनाना है तो श्रीमदभागवत कथा का श्रवण करें। यह जीवन जीने की कला सिखाती है।कथा सुनने के लिये प्रतिदिन नगर सहित आसपास के लोग एवं जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में कथास्थल पहुँचते थे। सभी श्रद्धालुओं ने सातों दिन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुये कथाश्रवण किया।
कार्यक्रम को सुचारू और व्यवस्थित रूप से संचालन करने एवं अन्य कार्यों में हीरेंद्र वर्मा , धनेश्वरी वर्मा , रवि कुमार वर्मा , डोमार वर्मा , भुवन वर्मा , संतोषी वर्मा लष्मीप्रभा, प्रतिभा,प्रीति , छोटू वर्मा मनोज वर्मा,रामदुलार पटेल, डी पी वर्मा का विशेष योगदान रहा।