प्रशासनिक अधिकारियों ने किया जमकर भ्रष्टाचार : दोषी बना दिया निर्दोष सरपंच को

0

प्रशासनिक अधिकारियों ने किया जमकर भ्रष्टाचार : दोषी बना दिया निर्दोष सरपंच को

भुवन वर्मा बिलासपुर 07 अक्टूबर 2020

“करनी किसी और की तथा भरनी किसी और को” की तर्ज पर पाली आरईएस के एसडीओ ने ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर मुख्यमंत्री समग्र विकास के कार्यों में किया जमकर भष्ट्राचार, दोषी बन गए सरपंच

कोरबा/पाली:- ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग पाली के एसडीओ एमएस कंवर द्वारा अघोषित ठेकेदारों से मिलकर किस प्रकार मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत पंचायतों को लगभग पांच वर्ष पूर्व स्वीकृत कार्यों में भष्ट्राचार को अंजाम दिया गया और जिसका अंजाम सरपंचों को भुगतना पड़ा।आइये इसका विस्तार करते है।

हुआ कुछ यूं कि गत वर्ष 2014- 15 में शासन द्वारा मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत पाली विकासखण्ड के अनेकों पंचायतों में करोड़ो के सीसी कांक्रीट रोड एवं पुल- पुलिया के कार्य स्वीकृत किये गए।तथा कार्यालय जनपद पंचायत पाली से जिसका कार्य आदेश जारी होने पश्चात अघोषित ठेकेदारों ने सरपंचों- सचिवों पर दबाव डालकर काम हथिया लिया और निर्माण कार्यों पर मनमाने भर्राशाही करते हुए गुणवत्ताहीन कार्यों को अंजाम दिया गया तथा आरईएस के एसडीओ एमएस कंवर के साथ मिलीभगत कर गुणवत्ता प्रमाणिक करा लिया गया।धन लालसा में लिप्त एसडीओ द्वारा भी कार्यालय में बैठे- बैठे गुणवत्तापरख कार्यों का प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया।और इस प्रकार करोड़ो के कार्यों में एसडीओ के साथ मिलकर ठेकेदारों ने लाखों की कमाई कर ली।

इस मामले में प्रशासन तब हरकत में आया जब कोरबा लोकसभा के पूर्व सांसद द्वारा भष्ट्राचार के इस मामले की शिकायत शासन स्तर तक की गई।और प्रशासन की ओर से आनन- फानन में टीम गठित कर जांच का जिम्मा सौंपा गया।जहाँ जांच में घटिया निर्माण की पोल खुली एवं सरपंचों पर लाखों के वसूली की तलवार लटक गई।जहाँ इस भष्ट्राचार में बलि का बकरा केवल सरपंचों को बनाया गया जबकि उन घटिया निर्माणकार्यों का घर बैठे- बैठे सीसी जारी करने वाले एसडीओ एमएस कंवर की इस भष्ट्राचार के खेल में मुख्य भूमिका थी जिन्होंने निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर उनका गुणवत्ता देखने के बजाय कागजी घोड़ा दौड़ाकर उन तमाम कार्यों का गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी कर दिया। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा गैर जिम्मेदाराना कार्य को अंजाम देने वाले ऐसे अधिकारी को बख्श दिया गया और सारा आरोप सरपंचों पर थोप दिया गया।जहाँ आधे सरपंचों ने रिकव्हरी की राशि किसी प्रकार जमा कर दी जबकि अनेक पूर्व सरपंचों से वसूली राशि अभी भी लंबित है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *