इतराया इमामदस्ता, दालचीनी और गिलोय, इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत करने काढ़ा की सलाह ने बढ़ाई मांग

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भुवन वर्मा बिलासपुर 12 अगस्त 2020

बिलासपुर- इमामदस्ता कहें या खलबट्टा के अच्छे दिन आ गए हैं। कभी बेहद सीमित उपयोग किया जाने वाला यह पात्र हर घर के किचन में अपनी महत्वपूर्ण मौजूदगी के बीच नजर आने लगा है। कभी दिन भर में एक किलो बिकने वाले गिलोय और दालचीनी की मांग में जोरदार उछाल आती नजर आ रही है। कुछ ऐसा ही हाल मीठी लकड़ी में भी देखा जा रहा है। जिस की बढ़ती मांग के बीच आपूर्ति बढ़ा दी गई है।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच दुनिया भर के देशों में वैक्सीन पर रिसर्च चल रहा है। उसमें सफलता के करीब पहुंचने की बातें भी सामने आ रही हैं। इस बीच इस वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाली चीजों में सबसे ज्यादा कारगर माने जा रहे वन औषधियों से बना काढा ने वाकई आश्चर्यजनक परिणाम दिए हैं। इसे इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रांग करने में सबसे बड़ा प्राकृतिक उपचार माना जा चुका है। सुखद परिणाम मिलने के बाद इसके सेवन की सलाह अस्पतालों में भी दी जा रही है तो संक्रमित मरीजों के इलाज स्थल पर भी इसकी सुविधा चालू कर दी गई है।

दादी मां का नुस्खा और इमामदस्ता

आयुर्वेद में दवाओं के सेवन मैं मात्रा और निर्माण की विधि सबसे महत्वपूर्ण मानी गई है। इसलिए इसे दादी मां का नुस्खा नाम दिया गया है। इसमें वन औषधि के बाद दूसरी जरूरी सामग्री इमामदस्ता याने खलबट्टा है। मिक्सी के बावजूद इसकी जरूरत इस काल में ज्यादा महसूस की जा रही है क्योंकि मिश्रण सही ढंग से तैयार किया जा सकता है। इसलिए काढ़ा के सेवन की सलाह के बीच जिन घरों में यह थे उन्हें फिर से निकाल लिया गया है नहीं है तो खरीदा जाने लगा है। अचानक मांग के बीच आकार और वजन के आधार पर 220 से 340 रुपए में मिलने लगे हैं।

नुस्खे में यह घटक महत्वपूर्ण

इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बनाने के लिए जो काढ़ा दिया जा रहा है या सलाह दी जा रही है उसमें सबसे महत्वपूर्ण घटक गिलोय, दालचीनी मुख्य है। साथ में उपयोग की जा रही दूसरी वन औषधि में अदरक ,लौंग, अजवाइन, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते मुख्य हैं जो आसानी से घर की ही रसोई घर में मिल जाएगी लेकिन इस समय महत्वपूर्ण घटक गिलोय ही है। काढ़ा के सेवन की दी जा रही सलाह ने इन सभी चीजों की मांग बढ़ा दी है। सप्लाई मांग के अनुरूप बराबर बनी हुई है लेकिन कीमतों में 50 से 100 रुपए किलो की तेजी आ चुकी है क्योंकि हर शहर, हर कस्बा ,हर गांव से इसकी मांग निकल रही है।

मिल रहे अच्छे परिणाम

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले भले ही चिंता में डाल रहे हों लेकिन केंद्रीय आयुष मंत्रालय की सलाह इस वक्त सभी राज्यों में बड़े काम आ रही है। आयुर्वेद में औषधियों को सबसे ज्यादा कारगर माना जा रहा है। इस पर गंभीरता से काम करने के बाद इन सभी चीजों से बनाया जाने वाला काढ़ा इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध हुआ है। अपने राज्य में सबसे पहले इसके सेवन की शुरुआत प्रवासी मजदूरों की वापसी से की गई। स्टेशन पर पहुंचते ही प्रवासी मजदूरों की जरूरी स्वास्थ्य जांच के बाद हर नियत स्टेशन पर काढ़ा दिया गया इसके पहले स्वास्थ्य विभाग खुद इसका उपयोग करके संतुष्ट हो चुका है।

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