दिखाई सजगता ,दिया सहयोग : बारिश से कृषि उपज भीगने से नुकसान नियंत्रित करने में मिली सफलता

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भुवन वर्मा बिलासपुर 9 जुलाई 2020


भाटापारा- किसान सजग नहीं रहते, मंडी अभिकर्ताओं की मदद ना मिली होती, मिलर्स का सहयोग ना होता तो गुरुवार की दोपहर हुई बारिश से प्रांगण में रखी कृषि उपज की एक बड़ी मात्रा नुकसान की भेंट चढ़ चुकी होती। बारिश थमने के बाद मंडी प्रबंधन का अमला लाव- लश्कर के साथ निकला और प्रांगण मैं जमा हो चुके पानी के निकासी की व्यवस्था करवाई। इस तरह बारिश में भीगने से नुकसान की मात्रा काफी हद तक नियंत्रित कर ली गई।

बारिश में नुकसान की आशंका को देखते हुए मंडी प्रशासन ने शेड के नीचे नीलामी की प्रक्रिया चालू करवाई थी। इस बीच मौसम खुला और आवक का दबाव एकाएक बढ़ा और बुधवार को अट्ठारह हजार बोरा तक जा पहुंचा। भाव भी अच्छे मिले। इसलिए गुरुवार को एक बार फिर आवक बढी। इस बीच आवक बढ़ता देख मंडी प्रशासन ने सभी की सहमति से प्रांगण और शेड के नीचे दोनों तरफ अलग-अलग एक साथ नीलामी की व्यवस्था चालू करवाई। इसका लाभ पहले ही दिन तब देखने को मिला जब आवक की पूरी मात्रा ना केवल नीलाम करवा ली गई बल्कि मिलों के लिए रवाना भी हो गई। योजना कहें या फिर प्रयोग, व्यवस्था पूरी तरह सफल रही। दूसरे दिन यानी गुरुवार को भी इसी व्यवस्था के तहत काम होना था लेकिन कुछ एक कारणों से इस काम में विलंब हो गया जिसकी वजह से दोपहर बाद बारिश का सामना करना पड़ा लेकिन सजगता, आपसी सामंजस्य और सहयोग से बड़ी मात्रा नुकसान से बचा ली गई।


इस तरह बची उपज
्बारिश की आशंका के बीच मंडी अभिकर्ताओं और किसानों ने पहले से ही ऐसी विपरीत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तिरपाल की व्यवस्था की हुई है। गुरुवार की दोपहर जैसे ही बादलों ने डेरा डालना चालू किया वैसे ही खुले में रखी कृषि उपज को बचाने तिरपाल से ढक दिया गया। इस तरह नुकसान का प्रतिशत काफी कम करने में मदद मिली। जो नुकसान हुआ है वह ढेर और बोरियों के नीचे का हिस्सा है। जिसके लिए फिलहाल कोई उपाय नहीं था।

गुरुवार की आवक
दो तरफ एक साथ नीलामी और काम शाम से पहले निपटने की जानकारी जैसे ही गांवों तक पहुंची उसके बाद बुधवार के आवक की तुलना में गुरुवार को एकाएक 2000 बोरा की बढ़त दर्ज की गई। मंडी रिकॉर्ड के मुताबिक बुधवार को धान की आवक 18 हजार 23 बोरे की थी इसमें 2000 की वृद्धि के बाद गुरुवार की आवक का आंकड़ा 20000 बोरा को पार कर गया। आवक बढ़ने के पीछे पहले की तुलना में सुधरी हुई व्यवस्था त्रुटियों को दूर करने के प्रयासों और कामकाज शीघ्र निपटान को मुख्य वजह माना जा रहा है।

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