वर्षों से ब्लैकमेलिंग का शिकार युवक की आईजी-एसपी ने नहीं सुनी फरियाद:महिला की शिकायत पर जुर्म दर्ज

पीड़ित युवक पूर्व के डॉ रमन, भूपेश बघेल से लेकर वर्तमान विष्णु देव साय सरकार से किया न्याय की गुहार पर नही मिला न्याय
बिलासपुर।छत्तीसगढ़ की न्यायधानी पुलिस ने एक प्रतिष्ठित युवक पर लिव इन रिलेशनशिप में रह कर महिला के साथ 2013 से लगातार शादी का वादा करके अनाचार करने की शिकायत पर जुर्म दर्ज कर लिया है । जबकि यह पूरा मामला आपसी लेन देन और ब्लैकमेलिंग का मामला है,जिसे लेकर युवक ने 2014-2015 से बिलासपुर आईजी, एसपी के साथ ही सरकार को न्याय की गुहार लगाते आ रहे हैं लेकिन आज महिला कानून की एक तरफा कार्यवाही के चलते महिला थाना द्वारा मामले की किसी तरह की जांच न कर अनाचार करने का आरोप पर जुर्म दर्ज कर लिया है।
इस पूरे मामले को लेकर युवक ने बीते 2014-15 से लेकर बीते 16 जून को वर्तमान पुलिस महानिरीक्षक डॉ संजीव शुक्ला, एसएसपी रजनेश सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपकर बताया कि वर्तमान मंगला निवासी महिला द्वारा जान पहचान होने एवं पारिवारिक आना जाना होते रहा है और उन्हें कुछ रकम की जरूरत पड़ी तो उधार दिए गए और बाद में उक्त महिला ने अपने सरकारी दस्तावेजों में संबंधित युवक को अपना पति बताकर पति के रुप में नाम अंकित करा लिया। जिसकी जानकारी होने पर युवक ने इस पूरे मामले पर पूर्व रमन सरकार, भूपेश बघेल सरकार से लेकर वर्तमान विष्णु देव साय सरकार से न्याय की गुहार लगाते रहे हैं और सरकारी दस्तावेजों में पति के रुप में नाम अंकित होने के कारण वह उसे हर महीने 10-15 हजार रुपए के साथ भी ईलाज पानी कराते आ रहे हैं और बीते एक साल से 30-35 लाख रुपए का मकान खरीद कर देने की मांग करती रही और नहीं देने पर दैहिक शोषण करने की झूठी मामले पर फसाने की धमकी देते रही है। जिसे लेकर पीड़ित युवक ने वर्तमान आईजी आईजी संजीव शुक्ला, एसएसपी रजनेश सिंह को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष कार्रवाई करने की मांग को नजर अंदाज करते हुए सिविल लाइन और सिरगिट्टी पुलिस प्रशासन ने पीड़ित युवक को न्यायालय की शरण में जाने की सलाह देकर मामले में कोई जांच पड़ताल नहीं की। वहीं महिला द्वारा 2013 से लेकर लिव इन रिलेशनशिप में रहने की बात कहते हुए युवक पर शादी का झूठा वादा कर, मारपीट करने और घर से भगाने का आरोप लगाने पर महिला थाना द्वारा युवक से बिना पूछताछ के एकतरफा एफआईआर दर्ज किया है। जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।
आखिर महिला थाना हर मामले पर समझौते का प्रयास करते हैं लेकिन 2013 से महिला द्वारा लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद अनाचार का आरोप लगाने पर एफआईआर दर्ज कर किया और आईजी, एसएसपी पीड़ित युवक की शिकायत को पूरी तरह से नजर अंदाज करके महिला कानून की आड़ में प्रतिष्ठित युवक की सामाजिक प्रतिष्ठा को खत्म करने में अहम् भूमिका निभाई है और कल पीड़ित युवक ने इस मामले को लेकर दस्तावेजी सबूत के साथ सोशल मीडिया पर अपनी बात खुलकर रखें है लेकिन बड़े ही खेद का विषय है कि पत्रकार जगत इस मामले की विस्तृत खबर अपनी अखबार, वेबपोर्टल में जगह देना उचित नहीं समझा और पीड़ित युवक की नाम सहित महिला द्वारा कराए गए जुर्म दर्ज को प्रमुखता से प्रकाशित कर उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को खत्म करने में अहम् भूमिका निभाई है। बहरहाल यह मामला अब न्यायालय की शरण में है, जहां पर भी पीड़ित युवक को जमानत मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रहा है क्योंकि न्यायालय भी महिला मामले पर आरोपी को जेल भेजने में अपनी काबिलियत समझते हैं,भले ही आरोपी बेकसूर क्यों न हो..!
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