पटवारी संस्कृति शर्मा ने भूमि प्रमाणीकरण के लिए मांग की 10 हजार रूपये : पीड़ित पक्ष ने लिखित ज्ञापन देकर एसडीएम से की निष्पक्ष जांच की मांग

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पटवारी संस्कृति शर्मा ने भूमि प्रमाणीकरण के लिए 10 हजार रूपये की मांग : पीड़ित पक्ष ने लिखित ज्ञापन देकर एसडीएम से की निष्पक्ष जांच की मांग

भुवन वर्मा बिलासपुर 5 अगस्त 2022

तिल्दा। पटवारी संस्कृति शर्मा के द्वारा गत दिवस भूमि प्रमाणीकरण के लिए 10 हजार रूपये की मांग रायपुर जिले का तिल्दा तहसील के अंतगत तिल्दा पटवारी हल्का नंबर ८ पटवारी संस्कृती शर्मा के द्वारा अर्पिता दत्ता पति सुजोय दत्ता तिल्दा के निवासी ने सासाहोली स्थित भूमि जिसमे १५०० वर्ग फुट भूमि क्रय की है। जिस भूमि का रजिस्ट्री के उपरांत प्रमाणीकरण के लिए सुजॉय के द्वारा पटवारी के कर्मचारी सतीश चौधरी पता मौली मंदिर के पास तिल्दा को ₹5हजार नगद दिया। साथ में रजिस्ट्री की मूल प्रति प्रदान की गई इसके पश्चात सतीश चौधरी के द्वारा सुजॉय को फोन कर पटवारी ऑफिस में बुलाया गया जहां पर ₹5000 अतिरिक्त की राशि की मांग की जो कि उक्त कार्य होने के पश्चात फिर से दूसरे रजिस्ट्री विद्युत मजूमदार के द्वारा भूमि नामांतरण के लिए सतीश चौधरी के द्वारा ₹5000 की मांग की गई । उक्क्त बातें अर्पिता दत्ता ने कही की मेरे पति के द्वारा सतीश चौधरी को 5000 को प्रदान किया गया। रजिस्ट्री की मूल प्रति प्रदान कर कुछ समय के बाद मेरे द्वारा कॉल करने पर पटवारी ऑफिस पहुंचने की बात कही तथा कुछ दिनों के बाद सतीश चौधरी के द्वारा मेरे पति को फोन कर पटवारी कार्यालय बुलाया जिस पर तत्पर पटवारी संस्कृति शर्मा के द्वारा ₹5000 की और मांग की गई जिस पर मेरे पिता ने नामांतरण के लिए इतना अधिक राशि नहीं लगता है की बात कही तुम लोग जबरदस्ती शासकीय कार्य होने के बाद भी जहां पैसा नहीं लगने पर भ्रष्टाचार के रूप में खुद के रूप में पैसा लेने की बात कही जिस पर पटवारी के द्वारा पता में आकर मेरे पिता को कई अपशब्द कहे । मेरे पिता के ऊपर उक्त रजिस्ट्री की मूर्ति को उसके मुंह पर दे मारा जो कि उक्त कृत्य अशोभनीय है । पटवारी के द्वारा शासकीय शुल्क से अतिरिक्त की राशि की वसूली मुझ से की गई है तथा मेरे साथ साथ और कई भी किसानों से जिनसे बटवारा नामा के लिए ₹40 हजार तथा भूमि नामांतरण भूमि के प्रमाणीकरण भूमि के नक्शा बाटन के लिए अपना एजेंट द्वारा वसूली प्रतिमाह में कई लाखों की वसूली कर रहे हैं। इससे शासन प्रशासन के कार्यों को आम जनता के लिए सुविधाजनक ना कर भ्रष्टाचार करते हुए अपने जेब को भरते जा रहे हैं ।

अर्पिता दत्ता शासन से यह गुहार कि है क्या पटवारी अपने अंदर कोई कर्मचारी नियुक्त कर सकता है..?

अगर नियुक्त कर सकता है तो उसकी पद उसकी नियुक्ति कैसे होगी उन्हें वेतन किस्मत से पटवारी देते है । रकम उगाही कैसे कैसे की जा रही है क्या सोच से परे है तथा उक्त प्रकरण के संबंध में इसकी शिकायत मेरे द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से किया गया भ्रष्टाचारी पटवारी के साथ-साथ इसके अतिरिक्त कर्मचारी सतीश चौधरी के ऊपर भी कार्यवाही होना चाहिए क्योंकि कोई भी अधिनस्थ कर्मचारी शासकीय दस्तावेजों में अपनी लिखित हस्ताक्षर त्रुटि सुधार कैसे कर सकता है क्या सब समझ से परे है इसमें बड़े से बड़े अधिकारी मिले हुए हैं जिसकी खोजबीन अवश्य की जाए तथा मेरे तरह कई गरीब किसान मध्यमवर्ग ई महिलाएं पुरुषों की जेब से शासन से अतिरिक्त राशि उगाही ना हो ,तिल्दा में कई पटवारियों के द्वारा भी घुस लिया जाता है ।

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