जनपद बिल्हा सीईओ बी आर वर्मा को अस्थिर करने के प्रयास का यह कोई पहला मौका नहीं : वही क्षेत्र के सरपंच और सचिवों का कहना है कि वे सीईओ के खिलाफ किसी प्रकार से लिखित या मौखिक नही किये हैं शिकायत

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जनपद बिल्हा सीईओ बी आर वर्मा को अस्थिर करने के प्रयास का यह कोई पहला मौका नहीं : वही क्षेत्र के सरपंच और सचिवों का कहना है कि वे सीईओ के खिलाफ किसी प्रकार से लिखित या मौखिक नही किये हैं शिकायत

भुवन वर्मा बिलासपुर 23 फरवरी 2022

बिलासपुर— बिल्हा जनपद में सीईओ बी आर वर्मा के खिलाफ एक सोची-समझी रणनीति के तहत कुरचना रची गई है । मुद्दा उठाने वाले जनप्रतिनिधि ने पहले अपने स्तर में सेट करने का प्रयास किए नहीं हुआ तो सचिवों को आधार बनाकर करोड़ों का लेनदेन का आरोप लगाया जो निराधार हैं । वैसे भी जांच के आदेश दे दिए हैं और प्रणाम अति शीघ्र दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ।

अपने दायित्व को लगन निष्ठा से आम जन व प्रतिनिधियों के विश्वास के साथ कार्य संपादित करने वाले प्रशासनिक अधिकारी जनपद सीईओ बी आर वर्मा को अस्थिर करने के प्रयास का यह कोई पहला मौका नहीं है ।इससे पहले भी दो बार उनके कार्यकाल में किसी न किसी मुद्दे पर हवा देखकर जैसे तैसे पद से हटाने का कुचक्र रचा जा चुका है । उन्हें दायित्व से निकाल बाहर कराना चाहते हैं । जिनकी दाल नहीं गलती वही जनप्रतिनिधि अनाप-शनाप आरोप लगाकर जाँच का आदेश पारित करा लेते हैं । वे चाहते हैं की बिल्हा सीईओ उनके इशारों पर काम करें सम्भव न होने पर तरह तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं ।

इधर पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के आदेश पर जिला पंचायत सीईओ ने बिल्हा सीईओ के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। कमीशनखोरी की जांच चार सदस्यीय टीम करेगी। टीम का भी गठन कर दिया गया है।

फिलहाल जांच के बिन्दु क्या होंगे इसकी जानकारी नहीं है। जिला पंचायत सामान्य सभा मे सभापति ने बिल्हा जनपद पंचायत पर 15 वें वित्त योजना की राशि वितरण के समय चार प्रतिशत कमीशनखोरी का आरोप लगाय था। मामले में जांच की मांग भी किया। लेकिन सामान्य सभा की बैठक के दो दिन बाद ही जिला पंचायत सीईओ हरीश एस ने ऐसे किसी सवाल या जांच से इंकार किया।

127 सचिवों का काम 6 सचिवों से – असत्य आरोप

दूध से धुले हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा ये भी कहा जा रहा है कि बिल्हा में कुल 127 सचिव है। लेकिन सभी क्षेत्रों में कराए गए काम का भुगतान सिर्फ 6 सचिव ही करते हैं। और ये भी बताते हैं कि खुद सीईओ ने 6 सचिवों वाली क्लस्टर कमेटी को भंग करने का आदेश दिया है।

सवाल उठता है कि कमेटी कब और किसके आदेश पर बनाया गया। शायद इसका लिखित आदेश भी होगा…? आरोप लगाने वालों का कहना है कि उनके पास क्षेत्र के तमाम सरपंच और सचिवों की लिखित शिकायत है।

हमारी टीम ने कुछ सरपंच और सचिवों से बात की उनका कहना है कि वे इस तरह से किसी प्रकार से लिखित शिकायत किसी भी को नही दिए हैं ।

आरोप में कहा गया है कि ढाई करोड़ से अधिक घोटाला सूत्रों की मानें तो 6 सचिवों ने मिलकर बीआर वर्मा के इशारे पर करीब ढाई करोड़ से अधिक राशि सीईओ व सचिवों ने दबा दिए हैं जो कि ऑनलाइन के जमाने में असंभव कार्य है।

विदित हो कि शिकायत मिलने के बाद प्ंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने जांच का आदेश दिया है। जिला पंचायत सीईओ ने जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन भी किया है।

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