पांच राज्यों में चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक मजबूरी में लिया गया फैसला अंततः किसान बिल वापस लिये मोदी सरकार ने- बैजनाथ चंद्राकर : प्रमोद नायक ने कहा किसानों जीत

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पांच राज्यों में चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक मजबूरी में लिया गया फैसला अंततः किसान बिल वापस लिये मोदी सरकार ने- बैजनाथ चंद्राकर : प्रमोद नायक ने कहा किसानों जीत

भुवन वर्मा बिलासपुर 19 नवम्बर 2021

बिलासपुर । बैजनाथ चंद्राकर अध्यक्ष अपेक्स बैंक ने किसान बिल वापसी पर अपनी विचार देते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा आज प्रकाश पर्व पर किसानों के तीनों बिल को वापस लिया जाना निश्चित ही यह किसानों की जीत है एक साल से संघर्षरत किसान भाई अपनी मांगों को अपनी बातों को लेकर धरना पर डटे है । खासकर में उन किसान भाइयों को धन्यवाद देता हूं जो पंजाब हरियाणा और दिल्ली से आते हैं उन्होंने मुद्दे को जीवंत रखा और लड़ते रहे अंततः एक साल बाद मोदी ने आज प्रकाश पर्व पर किसान कला कानून बिल वापस लिए हैं । कहीं न कहीं यह राजनीतिक दबाव ही रहा है । सामने आने वाले पांच राज्यों का चुनाव जो होना है । इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने किसान बिल को वापस ले लिए हैं। निश्चित ही यह भारत देश के किसानों की जीत है में इस पर समस्त किसान भाइयों को शुभकामनाएं बधाई देता हूं ।

इसी विषय पर प्रमोद नायक अध्यक्ष जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर ने अपनी राय देते हुए कहा कि निश्चित ही किसान बिल वापसहोना ही था । साल भर तक संघर्षरत किसान भाइयों को मेरी शुभकामनाएं और एक नई दिशा मिलेगी और देश के किसान भाइयों को हमारी सरकार इस फैसले पर समस्त किसान भाइयों को शुभकामनाएं बधाई देते हैं बड़े जीत मोदी सरकार अंततः जो कि किसानों की मांग को मानना पड़ा । एसीपी आप बड़ी जीत है निश्चित ही यह बड़ी जीत है


आखिर था क्या था किसान बिल में ,,,,

किसान बिल 2020, सरकार की माने तो यह किसानों का बिल है और उनके हित के लिए बनाया गया है, जबकि कुछ राज्यों में इसका पुरजोर विरोध हो रहा है खासकर पश्चिमी राज्यो में जैसे कि पंजाब और हरियाणा। तो चलिए जानते है क्या है किसान बिल जिसे किसानों का काला बिल कहा जा रहा है।

: किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य( संवर्धन एवं सुविधा ) विधेयक 2020 के जरिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जहां किसान और व्यापारी किसी भी राज्य में जाकर अपनी उपज और फसल को बेच सकेंगे या फिर खरीद सकेंगे, यानी किसान किसी सीमा में रहकर अपनी फसल बेचने को प्रतिबद्ध नहीं रहेगा बल्कि कहीं भी किसी भी भारतीय राज्य में जाकर अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त कर सकेगा।


: बात करें दूसरे बिल ( सशक्तिकरण एवं संरक्षण ) की तो इसके अन्तर्गत मूल्य आश्वासन अनुबंध और कृषि सेवाएं है जिसको विस्तार से जानने के लिए हमे इसके अन्तर्गत आने वाले प्रावधानों को जानना होगा और जानना होगा बिल में शामिल चीजों के बारे में
आवश्यक वस्तु( संशोधन )2020 के तहत अनाज खाद्य तेल, आलू ,प्याज, आदि अनिवार्य सूची से बाहर है और अब इनका भंडारण किया जाएगा और कृषि में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश होगी ताकि भारतीय किसानों को नए नए तकनीकों के द्वारा और उन्नत तरीके से खेती करवाई जा सके और कम बजट में अधिक मुनाफा कमाया जा सके।

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