कोरोना की लड़ाई में चैंपियन की तरह उभरा है हिमाचल — महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

0

कोरोना की लड़ाई में चैंपियन की तरह उभरा है हिमाचल — महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

भुवन वर्मा बिलासपुर 17 सितंबर 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

शिमला — कोविड महामारी का सामना करने में पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश ने देश में सबसे पहले वैक्सीन की पहली डोज़ शत-प्रतिशत आबादी को लगाने का कीर्तिमान स्थापित किया है। हिमाचल प्रदेश इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई में चैंपियन बनकर सामने आया है। इसके लिये हिमाचल प्रदेश के सभी कोरोना वॉरियर्स की मैं सराहना करता हूं और कामना भी करता हूं कि हिमाचल प्रदेश एक दिन देश का सिरमौर बने।
उक्त बातें महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज हिमाचल प्रदेश द्वारा पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करने की स्वर्ण जयंती से जुड़े विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुये कही। यह स्वर्ण जयंती 25 जनवरी 2021 को थी , लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर तब यह विशेष सत्र स्थगित कर दिया गया था और अब राज्य में पूरे वर्ष स्वर्ण जयंती का जश्न मनाया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा के इस विशेष सत्र को संबोधित करते हुये मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। लोकतंत्र के इस उत्सव के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के विकास में योगदान देने वाले आप सभी महानुभावों के साथ-साथ मैं प्रदेश के लगभग 70 लाख निवासियों को पूरे देश की ओर से बधाई देता हूं। यह वर्ष हिमाचल प्रदेश तथा पूरे देश के निवासियों के लिये विशेष हर्ष और उल्लास से परिपूर्ण है। इसी वर्ष हम सब स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में “आजादी का अमृत महोत्सव” के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश राज्य की स्थापना की स्वर्ण जयंती भी मना रहे हैं। महामहिम ने आपदाओं को लेकर उनकी चिंता के निराकरण पर भी बात की। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ समय में हिमाचल में बादल फटने और लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं के प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्र और राज्य सरकार ऐसी आपदाओं को रोकने के लिये वैज्ञानिक तरीकों का सहारा लेकर जरूर कोई रास्ता निकालेगी। अपने भाषण में राष्ट्रपति ने इस दौरान देश के पहले वोटर कल्पा के श्याम शरण नेगी को याद करते हुये कहा इस क्षेत्र के जन-जन में व्याप्त लोकतान्त्रिक चेतना के कारण ही शायद यह ऐतिहासिक संयोग बना कि स्वतंत्र भारत के पहले चुनाव का पहला वोटर होने का श्रेय हिमाचल प्रदेश के ही श्याम सरन नेगी को जाता है। उन्हें भारतीय निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में ब्रांड एंबेसेडर बनाया था। मुझे बताया गया है कि सौ वर्ष से अधिक आयु के नेगी आज भी सक्रिय हैं और एक सजग मतदाता के रूप में उनका उदाहरण राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भी प्रस्तुत किया जाता है। साथ ही जिस भी शख्स ने हिमाचल के विकास के योगदान दिया , उन सबका आभार व्यक्त किया। उन्होंने हिमाचल के पहले सीएम यशवंत सिंह परमार , रामलाल ठाकुर , प्रेम कुमार धूमल के अलावा वीरभद्र सिंह के योगदान को याद करते हुये कहा कि इनके प्रयासों से हिमाचल विकास के पथ पर अग्रसर है। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की विकास-यात्रा को जन-मानस तक पहुंचाने की पहल अत्यंत सराहनीय है। हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नये आयाम स्थापित किये हैं। हिमाचल प्रदेश कई मापदंडों पर देश में अग्रणी राज्य है , इसके लिये मैं यहां के राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित प्रदेश सरकार की पूरी टीम को साधुवाद देता हूं। राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल वीरभूमि है और यहां के एक लाख बीस हजार सैनिक हैं , उन्होंने कहा कि रक्षा बल का प्रमुख होने के नाते मैं देश की सेवा करने वाले हिमाचल प्रदेश के बहादुर सैनिकों को सलाम करता हूं। उन्होंने पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा , कारगिल शहीद विक्रम बत्ता, सौरव कालिया समेत कई वीर सैनिकों को याद किया।महामहिम ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुये कहा कि उन्हें हिमाचल प्रदेश से गहरा लगाव था। उनके द्वारा वर्ष 2002 में एक परियोजना की आधारशिला रखी गई थी जो आज ‘अटल टनल” के नाम से दुनियां की सबसे लंबी राजमार्ग-टनल के रूप में स्थापित है। इससे हिमाचल और लेह-लद्दाख के हिस्से , देश के अन्य क्षेत्रों से सदैव जुड़े रहेंगे और वहां के लोगों का तेजी से आर्थिक विकास होगा। मेरे लिये यह सुखद संयोग है कि हिमाचल की धरती मुझे लगभग 45 वर्षों से आकर्षित करती रही है। मैं पहली बार वर्ष 1974 में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली क्षेत्र में आया था और उसके बाद कई बार इस प्रदेश में आना होता रहा है। सार्वजनिक-जीवन से जुड़े अनेक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये भी हिमाचल प्रदेश आने का अवसर मुझे मिलता रहा था। यहां की प्राकृतिक सुंदरता , लोगों की कर्मठता , सरलता व अतिथि सत्कार ने मेरे मानस-पटल पर गहरी छाप छोड़ी है। हिमाचल प्रदेश की प्रत्येक यात्रा मुझ में एक नई स्फूर्ति का संचार करती है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदन को संबोधित करते हुये राष्ट्रपति का प्रदेश में आने के लिये आभार जताया।

प्रादेशिक उत्थान के लिये कार्यरत है सरकार – मुख्यमंत्री

राष्ट्रपति के हिमाचल आने पर उनका आभार व्यक्त करने के बाद अपने संबोधन में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जब हिमाचल को पूर्ण राज्य का अस्तित्व हासिल हुआ, तब आय के साधन नहीं थे। भौगोलिक परिस्थितियां विकास में बाधा बन रही थी , लेकिन अब हिमाचल की गिनती प्रगतिशील प्रदेशों में की जाती है। बहुत से युवा सेना और राजनीति के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सरकार वर्तमान में भी राज्य के उत्थान के लिये कार्य कर रही है।

शालीनता के लिये मशहूर हिमाचल – राज्यपाल

हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल अपनी शालीनता के लिये देश भर में मशहूर है। जब विधानसभा का पिछला सत्र हुआ, तब वह टीवी के माध्यम से पूरा सत्र देख रहे थे। उन्होंने कहा कि विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार बेहतर तरीके से सदन को चला रहे हैं।

हिमाचल के लिये अलग रेजिमेंट बने – नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने राष्ट्रपति के समक्ष सेना में हिमालय रेजिमेंट का गठन करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे पहले मुख्यमंत्री रहे प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल भी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष यह मामला उठा चुके हैं , ऐसे में इस पर ध्यान दिया जाना चाहिये। इसके अलावा मुकेश ने हिमाचल में रेल और हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार देने की बात भी राष्ट्रपति के सामने रखी।

कोरोना के चलते वनमंत्री अनुपस्थित

वनमंत्री राकेश पठानिया के पीएसओ की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण वनमंत्री इस विशेष सत्र का हिस्सा नहीं बन सके। दरअसल राष्ट्रपति के कार्यक्रम में स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसलिये वन मंत्री ने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

गौरतलब है कि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 16 सितंबर से चार दिवसीय शिमला दौरे पर हैं। अपने शिमला दौरे के दूसरे दिन विधानसभा को संबोधित करने वाले तीसरे राष्ट्रपति बन गये। इनसे पहले अब्दुल कलाम और प्रणव मुखर्जी भी हिमाचल विधानसभा को संबोधित कर चुके हैं। आज 18 सितंबर शनिवार को वे राष्ट्रीय लेखा परीक्षा और लेखा अकादमी , शिमला में भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा के विदाई समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इसके पश्चात कल 19 सितंबर रविवार को पूर्वान्ह ग्यारह बजे दिल्ली के लिये रवाना हो जायेंगे। राष्ट्रपति के आगमन से पहले ही राजधानी शिमला एक अभेद किले में बदल चुकी है। पूरा शिमला शहर छावनी में तब्दील हो गया है , हैलिपैड से लेकर होटल तक चप्पे चप्पे पर हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसके अलावा बालूगंज से लेकर विधानसभा तक भी पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है। पुलिस के अलावा सेना के जवान भी तैनात किये गये हैं। सीआईडी सहित सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी भी तैनात कर दिये गये हैं।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *