आज लता मंगेशकर की जन्मदिन पर प्रधानमंत्री ने दी बधाई

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आज लता मंगेशकर की जन्मदिन पर प्रधानमंत्री ने दी बधाई

भुवन वर्मा बिलासपुर 28 सितंबर 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — भारत रत्न से सम्मानित सुर साम्राज्ञी एवं लोकप्रिय गायिका लता मंगेशकर का आज अपना 91वाँ जन्मदिन मना रही है। जिनका गाना सुनना देश का हर व्यक्ति पसंद करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ साथ सिनेमा जगत के कलाकारों ने भी उन्हें शुभकामनायें दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट पर उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हुये लिखा कि उनकी लंबी और स्वस्थ जिंदगी की कामना करता हूंँ। लता दीदी हमारे देश के घर-घर में जानी जाती हैं , मैं उनका प्यार और दुआयें पाने के लिये खुद को सौभाग्यशाली मानता हूँ। मोदी ने लता जी को देश की पहचान बताया। लता का जन्म 28 सितंबर 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में इंदौर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती की पुत्री के रूप में हुआ था। लता के पिता मराठी संगीतकार , शास्त्रीय य गायक और थिएटर एक्टर थे जबकि माँ गुजराती थी। बचपन से ही लता को घर में गीत संगीत और कला का माहौल मिला और वे उसी ओर आकर्षित हुई। उनका जीवन अनेकों कठिनाईयों एवं उपलब्धियों से भरा पड़ा है। लता का पहला नाम ‘हेमा’ था लेकिन जन्म के पांँच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया। लता अपने सभी भाई-बहनों मीना मंगेश्कर , आशा भोसले , उषा मंगेश्कर तथा हृदयनाथ मंगेश्कर से बड़ी हैं। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेश्कर रंगमंच के कलाकार और गायक थे। जब लता मात्र तेरह वर्ष की थी तभी 1942 में इनके पिता का देहांत हो गया और घर में बड़ी होने के कारण सबकी जिम्मेदारी लता के ऊपर आ गयी। बाद में लता ने सबकी शादी कर दी उसके बाद बहनों के बच्चों को संभालने की जवाबदारी भी आ गई और इस तरह से उनका वक्त निकलता चला गया और वह शादी नहीं की। इनको गायन के क्षेत्र में लाने वाले लता के पिता के दोस्त मास्टर विनायक रहे हैं। वैसे तो लता ने सिनेमा जगत में बहुत गीत गाए हैं, लेकिन कुछ गीत लोगों को जुबान पर हमेशा रहते हैं।  40 के दशक में लता मंगेशकर ने फिल्मों में गाना शुरू किया था उस दौरान वह लोकल ट्रेन पकड़कर स्टूडियों जाती थी। इस दौरान उन्हें किशोर कुमार भी मिलते हैं। किशोर कुमार के साथ भी उन्होंने बहुत गीत गाए हैं। लता की जिंदगी में एक ऐसा भी समय आया जब उनकी जान लेने की कोशिश की गयी थी।लता ने अपने संगीत की सफर की शुरूआत मराठी फिल्मों से ही 1960 में लता ने कई लोकप्रिय फिल्मों के लिये गाना गाये।1961 में लता ने लोकप्रिय भजन “अल्लाह तेरो नाम” और “प्रभु तेरो नाम” गाये। वहीं 1963 में पंडित जवाहर लाल नेहरू की उपस्थिति में देश का सबसे जीवंत गीत ” ऐ मेरे वतन के लोगों ” गाया जिसे सुनकर नेहरू के आँखों से आँसू आ गये। लता ने तीस हजार से ज्यादा गाना गाकर एक रिकॉर्ड बनाया है वहीं एक हजार से भी ज्यादा हिन्दी फिल्मों और छत्तीस से भी ज्यादा भाषाओं में गीत गाये हैं। लता को 06 विश्वविद्यालयों ने मानक उपाधि से नवाजा है। वे फिल्म इंडस्ट्रीज की पहली महिला है जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इन्होंने बीस भाषाओं में तीस हजार से ज्यादा गाना गाये हैं। इनको भारतीय संगीत में महत्‍वपूर्ण योगदान देने के लिये 1969 में पद्मभूषण, 1999 में पद्मविभूषण, 1989 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, 1999 में महाराष्‍ट्र भूषण अवॉर्ड, 2001 में भारतरत्‍न, तीन राष्‍ट्रीय फिल्‍म अवॉर्ड, 12 बंगाल फिल्‍म पत्रकार संगठन अवॉर्ड तथा 1993 में फिल्‍म फेयर लाईफटाइम अचीवमेंट पुरस्‍कार सहित कई अवॉर्ड जीत चुकी हैं। देश दुनियाँ में उनकी अनेकों फैन हैं। सुरीली आवाज और सादे व्यक्तित्व के लिए विश्व में पहचानी जाने वाली संगीत की देवी लता आज भी गीत रिकार्डिग के लिए स्टूडियो में प्रवेश करने से पहले चप्पल बाहर उतार कर अंदर जाती हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने लता मंगेशकर के नाम पर पुरस्कार भी स्थापित किया है।

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