एकात्म मानववाद के महान चिंतक, अंत्योदय के प्रणेता, त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति व हमारे पथ प्रदर्शक पं दीनदयाल उपाध्याय: विपिन बिहारी वर्मा

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एकात्म मानववाद के महान चिंतक, अंत्योदय के प्रणेता, त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति व हमारे पथ प्रदर्शक पं दीनदयाल उपाध्याय: विपिन बिहारी वर्मा

भुवन वर्मा बिलासपुर 25सितंबर 2020

एकात्म मानववाद के महान चिंतक, अंत्योदय के प्रणेता, त्याग एवं
तपस्या की प्रतिमूर्ति व हमारे पथ प्रदर्शक पं दीनदयाल जी उपाध्याय की जयंती पर कोविड 19 के लॉकडाउन के चलते अपने घर पर ही परिवारजनों और कार्यकर्ताओं के साथ पुण्य स्मरन कर जिसमें प्रदेश प्रतिनिधि भाजपा विपिन बिहारी वर्मा,भाजपा मंडल अध्यक्ष नंदकुमार वर्मा , ललित कुमार वर्मा , अंकित शर्मा , युवा मोर्चा उपाध्यक्ष साकेत वर्मा , ताकेश्वर वर्मा आदि परिजन एवं कार्यकर्तागण

कार्यक्रम में प,दीनदयाल उपाध्याय जी के तैलचित्र पर माल्यार्पण ,दिप प्रज्वलित कर, पूजन आरती करते हुए उन्हें पुण्य स्मरण किया गया । उद्बोधन में कहा कि पण्डित दीनदयाल  उपाध्याय महान चिंतक थे. उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानव दर्शन जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद के दर्शन पर श्रेष्ठ विचार व्यक्त किए हैं. उन्होंने अपनी पुस्तक एकात्म मानववाद (इंटीगरल ह्यूमेनिज्म) में साम्यवाद और पूंजीवाद, दोनों की समालोचना की गई है. एकात्म मानववाद में मानव जाति की मूलभूत आवश्यकताओं और सृजित कानूनों के अनुरुप राजनीतिक कार्रवाई हेतु एक वैकल्पिक सन्दर्भ दिया गया है. दीनदयाल उपाध्याय का मानना है कि हिन्दू कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय संस्कृति हैं.

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