आपसी सामंजस्य में है पारिवारिक जीवन का आनंद-डाॅ किरणमयी नायक

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आपसी सामंजस्य में है पारिवारिक जीवन का आनंद-डाॅ किरणमयी नायक

भुवन वर्मा बिलासपुर 09 सितंबर 2020


गुढ़ियारी की दंपती का परिवार टूटने से बचा
महिला आयोग की अध्यक्ष ने की प्रकरणों की सुनवाई


रायपुर 9 सितंबर 20/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ किरणमयी नायक ने आज विभिन्न प्रकरणों की सुनवाई की। गुढ़ियारी की एक महिला द्वारा अपने पति व सास-ससुर के विरुद्ध मानसिक रूप से परेशान करने और मारपीट करने की शिकायत के बाद दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए अध्यक्ष डाॅ नायक ने कहा कि पारिवारिक जीवन का आनंद पति-पत्नी के बीच आपसी सामंजस्य और एक दूसरे सदस्यों के बीच आपसी समन्वय, सम्मान से प्राप्त किया जा सकता है। किसी भी महिला से मारपीट, उसका अपमान एक तरह से अपराध है। महिला हो या पुरुष सबकों सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है। इसलिए इस तरह के कृत्य नहीं किए जाने चाहिए। आयोग की मध्यस्थता के पश्चात तीन साल से अलग रह रही गुढ़ियारी की महिला एवं उसके पति ने आपसी चर्चा की और अध्यक्ष की बातों से प्रभावित होकर पुनः साथ रहने का निर्णय लिया। आयोग द्वारा दोनों पक्षों को दो सप्ताह का समय और दिया गया है ताकि दोनों एक दूसरे की कमियों पर खुलकर बात कर सके और भविष्य में एक साथ रह सके। इसी तरह पिछली सुनवाईमे आवेदिका और उसके तीन बच्चों को आवेदक अपने घर ले गया था।आज इस प्रकरण में आवेदक एवं अनावेदक साथ साथ उपस्थित हुए और पिछले 15 दिनों से उनका दाम्पत्य जीवन हँसी खुशी से व्यतीत हो रहा है।इसकी सूचना आवेदिका ने दिया और प्रकरण को समाप्त करने कहा।आयोग में आज 15 प्रकरणों की सुनवाई रखी गई थी।
महिला आयोग के प्रकरणों के निराकरण में आई तेजी
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष का पद सम्हालते ही डाॅ किरणमयी नायक ने आयोग में लंबित मामलों की सुनवाई शुरु कर दी है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रकरणों की सुनवाई के लिए दौरा करने के साथ ही राज्य कार्यालय में भी वह लगातार सुनवाई कर रही है। आयोग द्वारा कोरोना संक्रमण के दौर में भी प्रकरणों को जल्दी से जल्दी निराकृत करने की पहल की जा रही है। मई 2020 से लेकर अभी तक घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, मारपीट आदि के दर्ज 195 प्रकरण में से 138 का निराकरण किया जा चुका है। घरेलू हिंसा के 89 मामलों में से 51 का, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न एवं प्रताड़ना के दर्ज 99 प्रकरणों में से 59 का दहेज प्रताड़ना के 20 में से 19 प्रकरणों का मारपीट के 30 में से 21 का निराकरण किया गया है। खास बात यह है कि महिला आयोग में अध्यक्ष बनते ही डाॅ किरणमयी नायक द्वारा लंबित प्रकरणों को निराकृत करने अलग-अलग तिथि में सुनवाई करने का कार्यक्रम बनाया है। सुनवाई तिथि को संबंधित पक्षकार उपस्थित रहे इसलिए उन्हें नोटिस भी भेजा गया है।

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