धान के रकबे से अब पम्प हाउस आउट

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धान के रकबे से अब पम्प हाउस आउट

भुवन वर्मा बिलासपुर 18 अगस्त 2020

खेत मे बनाकच्चा-पक्का शेड को भी पंजीयन से अलग करने का आदेश

बलौदाबाजार- धान के रकबे में अब पंप हाउस शामिल नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही कृषि उपयोग के लिए बनाया गया कच्चा या पक्का शेड को भी अलग रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के लिए चालू हो चुकी तैयारियों के बीच गिरदावरी के कार्य के लिए यह निर्देश कलेक्टर ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को देते हुए कहा है कि इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के पहले पहली बार कुछ नए संशोधन किए जा रहे हैं। इसकी जानकारी विस्तार से देते हुए कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने गिरदावरी का कार्य त्रुटि रहित करने के निर्देश दिए हैं। नए संशोधन में पहली बार पम्प हाउस और कृषि उपयोग के लिए खेतों में बने कच्चे-पक्के शैड को अलग रखने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके पूर्व 2 साल पहले खेत के कुल रकबे में से मेड़ को अलग रखा जा चुका है। नई व्यवस्था से धान की फसल का सही रकबा सामने आ सकेगा।

मेड के बाद अब पंप हाउस भी आउट

खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी में पहली बार खेतों में बना पंप हाउस बोए गए कुल रकबे से अलग किया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी पहली बार देखा और जांचा-परखा जाकर खेतों में कृषि कार्य के लिए बना कच्चा या पक्का शेड भी बाहर किया जा रहा है। इस क्षेत्र में किसान फसल की रखवाली, कृषि उपयोग के काम, आने वाले उपकरण और उर्वरक जमा करने में किया करते हैं। यह क्षेत्र अच्छा खासा विस्तार लिए हुए होता है।

इन्हें भी किया बाहर

समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से शुरू होने वाली खरीदी के पहले चालू की जा रही पंजीयन और गिरदावरी में सब्जी, गन्ना, दलहन, तिलहन, फूल और फल की खेती को पूरी तरह अलग करने का निर्देश जारी हो गया है। यह देखा गया है कि करीबी का फायदा उठाकर ऐसे क्षेत्र का भी पंजीयन करवा लिया जाता है जिसमें दलहन तिलहन और उद्यानिकी फसलें ली जाती रही है। इसलिए ऐसी फसलों को धान के रकबे से पूरी तरह बाहर करने का फैसला लिया जा चुका है। इसके अलावा बंजर, पड़त, निजी तालाब और खलिहान भी बोई गई फसल के रकबे से पूरी तरह बाहर होंगे।

अब तहसीलदार के लिए ये काम

ट्रस्ट, मंडल, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, स्कूल की जमीन, राज्य शासन के संस्थान सहित दूसरी संस्थानों के पास की कृषि भूमि में जो किसान अधिया, रेगहा या अन्य समझौते के तहत एग्रीमेंट करके धान की फसल ले रहे हैं उनको ही उनके अपने नाम से धान बेचने का अधिकार होगा। इसकी अनुमति केवल तहसीलदार ही जारी करेंगे। यह काम भी तहसीलदार लिखित आदेश बाद ही पंजीकृत किया जा सकेगा। याने इस काम की निगरानी की जिम्मेदारी पूरी तरह तहसीलदार की होगी।

पंजीयन और गिरदावरी में रखें सावधानी

खरीफ विपणन सत्र 2020 21 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए जो दिशा निर्देश जारी किया गया है। उसमें पंजीयन और गिरदावरी का काम अत्यंत सावधानी पूर्वक करने का आदेश दिया गया है क्योंकि बीते कुछ सालों से ऐसी शिकायतें आती रही हैं कि नियम विरुद्ध भी काम किया जाकर ऐसे बड़े किसानों को लाभान्वित किया जाता रहा है। इससे शासन को लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए इस बार छोटी सी भी त्रुटि पंजीयन और गिरदावरी का काम करने वालों पर भारी पड़ेगी।


धान की फसल के रकबे में पंप हाउस के साथ रखवाली के लिए बनाए गए कच्चे-पक्के शेड या मकान को बाहर किया जा रहा है। गिरदावरी के कामों में इस बात का विशेष ध्यान रखने के कड़े निर्देश दिए जा चुके हैं।
सुनील कुमार जैन
कलेक्टर, बलौदाबाजार

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1 thought on “धान के रकबे से अब पम्प हाउस आउट

  1. काश इतनी ही सजगता माननीय कलेक्टर साहब किसानों को फ़सल बीमा का लाभ दिलाने में भी दिखाए

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