लिव-इन-रिलेशन की बजाय कैरियर और पढ़ाई को प्राथमिकता दें युवा, इसे सामाजिक मान्यता नहीं – एसपी सिंह

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बिलासपुर। मंगलवार को जिले के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह  बिलासपुर प्रेस क्लब के “हमर पहुना” कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने शहर की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि कम्युनिटी पुलिसिंग शुरू की तो अब दिखने लगा है कि सही-सही होता है और गलत गलत होता है। एनफोर्समेंट यानी कानून का पालन करने से ज्यादा जरूरी अपराध को रोकना या अपराध होने के बाद उसको सुलझाना जरूरी है। समाज के लोगों में पुलिस का भरोसा बैठना चाहिए। तब ही पब्लिक को लगेगा कि पुलिस की वजह से वह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई अपराध है, जिसमें पब्लिक की सहभागिता बेहद जरूरी होती है।
जमीन कब्जा हो या लिव-इन रिलेशनशिप में पहले कभी जल्द एफआईआर नहीं होती थी। हमने इस पर काम करना शुरू किया है। ‘चेतना अभियान’ का लाभ भी साथ में मिल रहा है। यातायात की पाठशाला में चेतना के तहत काम किया गया है। साथ ही यातायात को सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता के लिए पाठशाला प्रमुखता से चलाई जा रही है। जिसका फायदा लोगों को मिलने लगा है। साइबर के कई मामलों में दूर दराज या दूसरे राज्यों से भी अपराधियों को पड़कर लाते हैं। अपराध जान लेना ही काफी नहीं, अपराधी तक पहुंचना भी बहुत जरूरी है। साइबर क्राइम में 25 फ़ीसदी सफलता मिलती है, तो बाकी 75 फ़ीसदी लोगों को आस बन जाती है कि उनका भी काम देर सवेर हो ही जाएगा।

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने जागरूकता जरूरी
एसपी सिंह ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने जागरूकता फैलाने का काम शुरू किया गया है। सीनियर सिटीजन के बीच, किटी पार्टी व स्कूल में बच्चों के बीच खेल के माध्यम से साइबर अपराध को लेकर जागरूक करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मेरे  बिलासपुर आते ही एक छोटी बच्ची के साथ क्राइम हुआ था जो काफी संवेदनशील मामला था, जिसने मुझे इस दिशा में गंभीरता के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया।

00 लिव-इन को सामाजिक मान्यता नहीं करता
आधुनिकता और पाश्चात्य के बीच सामंजस्य बनाने की जरूरत है और उसके लिए बहुत जरूरी है कि हम मर्यादाओं का उल्लंघन न करें, क्योंकि आधुनिकता और पाश्चात्य के बीच एक बारीक लाइन होती है। हमें संस्कृति के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि लिव-इन-रिलेशन का मामला हमारा समाज स्वीकार नहीं करता है। युवा इसको समझे और अपना ध्यान करियर बनाने लगाएं और पढ़ाई करें। यही जीवन को प्रभावित करता है।

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