छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा यह नई पहल “हमर बेटी हमर मान” : हमारे राज्य की बेटियों के लिए बहुत ही सकारात्मक प्रयास-गोपिका बघेल

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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा यह नई पहल “हमर बेटी हमर मान” : हमारे राज्य की बेटियों के लिए बहुत ही सकारात्मक प्रयास-गोपिका बघेल

भुवन वर्मा बिलासपुर 25 सितम्बर 2022

रायपुर से क्षितिज मिश्रा की रिपोर्ट

रायपुर: हमर बेटी हमर मान विषय को लेकर अस्मिता और स्वाभिमान के रायपुर जिला ब्यूरो क्षितिज मिश्रा की चर्चा गोपिका बघेल से हुई जो की पेशे से साइबर फोरेंसिक कंसलटेंट रायपुर छत्तीसगढ़ में अपना दायित्व निभा रही हैं और चर्चा के कुछ अंश जो आप इस लेख में पढ़ेंग:-

आज भी लाखों लड़कियां स्कूल या किसी समुदाय में, अपने घर में, संस्थागत किसी के देखभाल में और अन्य संस्थानों में मानसिक शारीरिक और यौन हिंसा से पीड़ित हैं। बहुत से देशों के साक्ष्य बताते हैं गलत कामों में शामिल लड़कियों में से 80-90% पहले ही अपने घरों में या अन्य संस्थानों में हिंसा का शिकार हो चुकी है।

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कई रूप हैं, जिसमें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक हिंसा, पारिवारिक हिंसा शामिल है। ज्यादा मामलों में लिंग आधारित हत्याएं, सोशल मीडिया से जुड़े अपराध, बलात्कार और यौन हिंसा, बाल विवाह, सार्वजनिक संस्थानों स्कूलों पर यौनउत्पीड़न शामिल है।

कई लड़कियों को उनकी अलग पहचान के कारण ज्यादा मुश्किलों में डाल दिया जाता है, जैसे कि विकलांगता के साथ रहना या समलैंगिक होना अभयलिंगी या ट्रांसजेंडर होना। इन सारे बढ़ते अपराधों का मुख्य कारण लोगो और बच्चों में जागरूकता की कमी है माता पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा बेहतर खानपान अच्छे संस्कार देने तक सीमित रहते हैं लेकिन अभी के समय में बच्चों को बाहरी दुनिया मैं रहने की शिक्षा देना ज्यादा जरूरी है, बच्चों को गुड टच बैड टच, साइबर से जुड़ी घटनाओं के बारे में जागरूक करना बहुत आवश्यक है।

आज के समय में बच्चों के मन से डर को दूर रखना बहुत जरूरी है। बच्चों में आत्मविश्वास होना चाहिए, उन्हें किसी गलत बात के लिए ना कहना सिखाएं। उन्हें यह बताएं अगर कोई गलत तरीके से छूने की कोशिश करता है या प्रताड़ित करने की कोशिश करता है तो उन से डरे नहीं उन्हें ऐसा ना करने के लिए कहे और अपने बड़ों को बताने के लिए कहे। बच्चों को ऐसी मुसीबतों से बचने के लिए उन्हें आसपास की घटनाओं से अवगत कराते रहने की बहुत आवश्यकता है हम यह सोच कर बच्चों को अपराधिक मामलों से दूर रखते हैं कि वह अभी छोटे हैं और वह नहीं समझेंगे लेकिन हमें यह भी सोचना चाहिए कि कभी उनके साथ ऐसा कुछ हो रहा हो उसके लिए बच्चों को अपराधिक और उनसे बचने के उपायों के बारे में जानना अति आवश्यक है और कभी उनके साथ ऐसा कुछ अपराध घटित होने पर या उसका आभास होने पर उससे बचने की तरकीब सिखाएं।

हमें हमारे बच्चों के व्यवहार पर नजर रखने की बहुत जरूरत है। अगर उनके साथ कुछ घटित होता है तो उनमें साइकोलॉजिकल चेंज देखने को मिलते हैं, जैसे कि आप पता लगा सकते हैं कि आपका बच्चा किसी मुसीबत में है परेशान है या नहीं इसके लिए आपको रेगुलर अपने बच्चे से बात करते रहना चाहिए उसके आसपास की चीजों के बारे में जानने की कोशिश करते रहना चाहिए। छोटे बच्चों को हमें उनके अंगों के बारे में बताना अति आवश्यक है, ऐसा करने पर उनको फर्क समझ में आएगा कि कौन हमें कहां छू सकता है।

हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए की आस पास अगर हमारे किसी दोस्त के साथ या पहचान वाले के साथ गलत हो रहा हो तो उसके विरोध में हमें उसे आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उसे सपोर्ट करना चाहिए जिससे कि वह अपनी परेशानी सुलझा सकें।

पिछले ढाई सालों में भारत की आबादी के अधिकांश हिस्सों से बच्चे सोशल मीडिया और दैनिक जरूरतों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगे हैं, करोना काल में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे ऑनलाइन क्लासेस अटेंड करने के लिए बच्चे मोबाइल फोंस और गैजेट्स का यूज करने लगे जिसके साथ वह सोशल प्लेटफॉर्म्स जैसे कि फेसबुक इंस्टाग्राम व्हाट्सएप स्नैपचैट गेमिंग एप्लीकेशन का ज्यादा यूज करने लगे हैं, जिससे कि क्राइम रेट में बढ़ोतरी हुई है, बच्चों के साथ साथ उनका फायदा उठाने वाले ऐसे क्रिमिनल माइंड्स भी एक्टिव हो गए जो कि अपने फायदे के लिए बच्चों का ध्यान आकर्षित कर उनके साथ क्राइम करते हैं।

ज्यादातर इन अपराधों में साइबर बुलिंग, साइबर स्टॉकिंग, सोशल मीडिया हैकिंग जैसे फिशिंग, विशिंग शामिल है। सोशल मीडिया में हर दिन महिलाएं और बच्चियां बुरे व्यवहार धमकी छेड़खानी और स्टॉकिंग का शिकार बन रही हैं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है, हमें खुद को सुरक्षित करने के लिए छोटे कदम उठाने की आवश्यकता है, जिसके द्वारा हम साइबर की दुनिया में सुरक्षित रह सकते हैं।

अगर हमारे साथ किसी भी प्रकार का अपराध घटित होता है तो हमें सबसे पहले अपने करीबी लोगों को इसकी जानकारी देनी चाहिए बड़े जानकार लोगों से मदद लेनी चाहिए, और पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट करनी चाहिए और अगर आपके साथ कोई साइबर अपराध घटित हुआ है तो आप cybercrime.gov.in अथवा 1930 पर अपनी शिकायत ऑनलाइन रजिस्टर करवा सकते हैं।

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