नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग की कार्यशाला के मुख्य अतिथि रहे : स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.के.वर्मा – हमारी कल्पना मातृभाषा में ही होती है किसी दूसरी भाषा में नहीं

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नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग की कार्यशाला के मुख्य अतिथि रहे : स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.के.वर्मा – हमारी कल्पना मातृभाषा में ही होती है किसी दूसरी भाषा में नहीं

भुवन वर्मा बिलासपुर 20 जुलाई 2022

बिलासपुर । नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग की कार्यशाला के तृतीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.के.वर्मा सम्मिलित हुये, बतौर मुख्य अतिथि। उन्होंने नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग की प्रासंगिकता को रेखांकित किया और कहा कि यह आज की आवश्यकता है तथा इसमें शोध को नई दिशा मिल रही है। साथ में उन्होंने इस क्षेत्र में चुनौती को भी चिन्हांकित कर इस दिशा में शोध कार्य को आगे बढ़ाने हेतु निवेदन शोधार्थियों तथा छात्रों से किया। उन्होंने कहा कि यह हमें देखना है, कि एक ही शब्द के विभिन्न समानार्थी शब्दों को मशीन किस प्रकार किसी विशेष संदर्भ में चिन्हांकित कर सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति मातृभाषा में अध्ययन-अध्यापन पर जोर देती है। हमारी कल्पना मातृभाषा में ही होती है किसी दूसरी भाषा में नहीं अतैव इस दिशा में नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। उन्होंने विभाग को नित नये तकनीक पर लगातार कार्यशाला एवं कांन्फ्रेंस के आयोजन हेतु बधाई दी।

कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी जी ने मुख्य अतिथि की बात को आगे बढ़ाते हुये कार्यशाला के विषय की प्रासंगिकता को रेखांकित किया तथा विभाग को कार्यशाला हेतु बधाई प्रेषित की।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुये विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.एच.एस.होता ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुये स्नातकोŸार तथा शोध छात्रों हेतु इसे महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम के समन्वय डॉ. रश्मि गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन विभाग के शिक्षक श्रिया साहू ने किया।

कार्यक्रम में मुख्यरूप से विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुधीर शर्मा भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साइंस एण्ड एप्लीकेशन विभाग के द्वारा दिनांक 18 – 25 जुलाई 2022 तक नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें इस विषय वस्तु का विभिन्न जगहों पर अनुप्रयोग एवं शोध की संभावनाओं को रेखांकित किया जावेगा। कार्यशाला संयुक्त रूप से कम्प्यूटर साइंस एण्ड एप्लीकेशन विभाग, साइंस एवं इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड, विज्ञान एवं तकनीक विभाग भारत सरकार के द्वारा किया जा रहा है।

कार्यशाला में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के विषय विशेषज्ञ अपना व्याख्यान देंगे जिसमें आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.आई.टी.एम. एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालय सहित सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थान सम्मिलित है। कार्यशाला में उद्घाटन सत्र सहित कुल सत्र होंगे जिसमें विषय विशेषज्ञ मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, सेन्टीमेंट एनालिसिस इत्यादि विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे।

कार्यशाला में विभिन्न प्रदेशों के 25 शोधार्थियों तथा स्नातकोतर छात्रों का पंजीयन मेरीट के आधार पर किया गया है।
उल्लेखनीय है, कि विभाग द्वारा लगातार नवीन तकनीक पर आधारित शिक्षक विकास कार्यक्रम तथा कार्यशालाओं का आयोजन भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों में आयोजित किया जाता रहा है। पूर्व में इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार एवं इसके द्वारा स्थापित आई.सी.टी. अकादमी, आई.आई.आई.टी. के सहयोग से 22 शिक्षक विकास कार्यक्रम का सफल आयोजन भौतिक रूप से तथा कोविड-19 के दौरान ऑनलाईन माध्यम से किया जा चुका है। साथ ही साथ विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाता रहा है।

वर्तमान में आयोजित कार्यशाला नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग तकनीक से संबंधी एक नयी विधा है, जिसमें मानवीय भाषाओं यथा हिन्दी, अंग्रेजी अथवा अन्य कोई भी भाषा का प्रोसेसिंग मशीन लर्निंग तकनीक के माध्यम से किया जाकर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जाती है। वर्तमान में इसका उपयोग व्यायस टू टैक्सट ट्रांसलेशन अथवा साइन लैंग्वेज ट्रांसलेशन के रूप में बहुतायत में किया जा रहा है। गूगल ट्रांसलेटर भी एक प्रकार से नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का एक उदाहरण है, जो मानवीय भाषाओं को प्रोसेस कर टैक्स्ट में परिवर्तित करता है।
वर्तमान में इस क्षेत्र में अनेक शोध कार्य संपादित किये जा रहे है। जिसमें मशीन लर्निंग एवं डीप लर्निंग का उपयोग बहुतायत में किया जा रहा है। डीप लर्निंग ने कम्प्यूटर विजन सहित अनेक क्षेत्र में किया जा रहा है तथा इस क्षेत्र में जॉब की भी अपार संभावनाएं है। कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 18-07-2022 को 10ः00 बजे कम्प्यूटर साइंस विभाग में भौतिक रूप से सम्पन्न हुआ। जिसमें जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के कुलपति मुख्य अतिथि थे तथा विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी अध्यक्षता करेंगे।

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