प्लास्टिक के उपयोग को अपने आप में दृढ़ संकल्प के साथ अंकुश लगाना होगा : तभी बचेगी हमारी पर्यावरण और गौ माता
प्लास्टिक के उपयोग को अपने आप में दृढ़ संकल्प के साथ अंकुश लगाना होगा : तभी बचेगी हमारी पर्यावरण और गौ माता
भुवन वर्मा बिलासपुर 20 जुलाई 2022
बिलासपुर । सिंगल यूज़ पॉलीथिन कितनी हानिकारक है हमारे और हमारे पर्यावरण के लिए उसका परिणाम समय-समय पर मरती हुई गौमाता या ऑपरेशन के दौरान 3 से 4 किलो की पन्नी गायों को पेट से निकलते हमने देखा है।
रामायण की चौपाई मे वर्णित है, भूकम्प कि सम्भावनाएं क्यो हो जाती है –
भूकम्प कहे गाय की गाथा,
कापे धरा त्रास अति जाता ।
जा दिन धरा धेनु ना होई,
रसा रसातल ता छन तोई ।।
भूकम्प गाय की गाथा ही गा रहा है,जब गौ माता को त्रास होता है तब ही पृथ्वी कापती है जिस दिन धेनु पृथ्वी पर नही रहेगी, उसी क्षण पृथ्वी रसातल की ओर चली जायेगी ।
आप सभी को मालूम है हिंदू धर्म और भारत में गाय माता का काफी ऊंचा स्थान है, भारत में गाय माता को काफी अधिक महत्व दी जाती है। हिंदू धर्म में गाय माता की पूजा अर्चना की जाती है, यही कारण है कि हिंदू धर्म में गाय को गाय माता के नाम से पुकारा जाता है। लेकिन एक सत्य यह भी है कि एक तरफ भारत में गाय माता को पूजा जाता है वहीं दूसरी ओर भारत में कुछ ऐसे बुरे लोग भी मौजूद है जो गाय माता के साथ अत्याचार करते हैं। कुछ लोग गौ माता को कुछ पैसों के लिए बूचड़खाने में बेच देते हैं। कई लोग बूचड़खाना तो नही भेज रहे लेकिन गाय के जीवन से खिलवाड़ जरूर कर रहे है,,,जब तक गाय दूध दे रही होती है खूब सेवा सत्कार होता है,,,घर मे बांध कर खिलाते है बढ़िया चारा खिलाया जाता है,,जैसे ही दूध देना बंद करती है उसे रोड पर मरने और पन्नी / प्लास्टिक में थैली में बंधे हुए सब्जी के छिलके व जूठन खाने छोड़ दिया जाता है । ये भारी विडंबना है कि छत्तीसगढ़ शासन ने तो 1 जुलाई से प्लास्टिक बंद करने फरमान जारी कर दिया है,,,परंतु हम नही सुधरेंगे,,,,,की जिद लिए लोग घर से कपड़े की थैला ले जाने शरमा रहे है । होता यू है कि पन्नी में समान रख कर घर ले जाते है उसके बाद उस पन्नी को बाहर फेंक देते है,,,बेजुबान जानवर उसे अपने खाने की वस्तु समझ खा लेते है,,,कई बार यह भी देखा गया है कि हम खाने की चीजो को पन्नी में ही जानवर को खिलाते है,,,,जानवर उस प्लास्टिक को भी खा जाते है,,, लेकिन प्लास्टिक कितना घातक है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गाय जैसे अच्छी पाचनशक्ति वाले जानवर भी इसे नही पचा पाती है । धीरे धीरे कई बीमारियों से ग्रसित हो जाती है । इस दौरान कभी कभी मौत भी हो जाती है । गत दिवस अम्बिकापुर के केदारपुर इलाके में एक गाय प्लास्टिक नही पचा पाई और जुगाली कर कुछ पन्नी को बाहर निकल रही थी ।
चित्र में स्पष्ट दिख रहा है कि अगर वह पन्नी या प्लास्टिक उनके आंत में रह जाती तो कितना घातक होता,,,इसके लिए लोगो को खुद जागरूक होना होगा तभी हमारी गौ माता को इस विपदा से बचा पाने में सफलता मिल सकेगी। आइए संकल्प ले हम सिंगल यूज़ प्लास्टिक पन्नी व थैली का उपयोग नहीं करेंगे ।
आलेख संतोष श्रीवास, बिलासपुर
Very nice post. I just stumbled upon your blog and wanted to say that I’ve really enjoyed browsing your blog posts. In any case I’ll be subscribing to your feed and I hope you write again soon!
Thank you very much for sharing, I learned a lot from your article. Very cool. Thanks. nimabi
Thanks for sharing. I read many of your blog posts, cool, your blog is very good. https://accounts.binance.com/pl/register?ref=S5H7X3LP