महामहिम मैडम जी छत्तीसगढ़ इतिहास पढ़ें : कुर्मी समाज सदैव से छत्तीसगढ़ के निर्माण विकास से लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उच्च शिक्षा में अग्रणी रहे -वर्तमान कुलपतियों का चयन योग्यता पर पिछले सरकार ने की
महामहिम मैडम जी छत्तीसगढ़ इतिहास पढ़ें : कुर्मी समाज सदैव से छत्तीसगढ़ के निर्माण विकास से लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उच्च शिक्षा में अग्रणी रहे -वर्तमान कुलपतियों का चयन योग्यता पर पिछले सरकार ने की
भुवन वर्मा बिलासपुर 20 फरवरी 2022
रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा स्थानीय कुलपति के मांग का समर्थन पर ….महामहिम राज्यपाल का जवाब कि क्या एक ही समाज के लोग कुलपति बनेंगे । महामहिम का इशारा कुर्मी समाज की ओर है जो न्याय उचित नही है । महामहिम मैडम जी छत्तीसगढ़ इतिहास पढ़ें कुर्मी समाज सदैव से छत्तीसगढ़ के निर्माण विकास से लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी में, उच्च शिक्षा में सदैव अग्रणी रहे हैं । छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वप्न दृष्टा डॉ खूबचंद बघेल, स्वामी आत्मानंद , चंदूलाल चंद्राकर , शिक्षा एवं संस्कार व्यवसाय में सबसे अग्रणी समाज के रूप में की जाती है । रही बात जिन कुलपतियों की बात कुलपति मेडम कह रही हैं । उनकी नियुक्तियां पिछले सरकार के कार्यकाल में योग्यता के आधार पर की गई थी । ना कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में स
संयोग यह है कि भूपेश बघेल जीस कुर्मी समाज से आते हैं उसमें शिक्षाविद ,चिकित्सक ,इंजीनियर बड़ी संख्या में हैं
संयोग की बात है कि मुख्यमंत्री कुर्मी समाज से है ।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की प्रतिभा और छतीसगढ़ी जनभावनाओं का सम्मान करते हुये जो मांग रखी है ,जो कि सर्वथा जायज़ है ।
आप वर्मा कुलपतियों की डिग्री और योग्यता चेक करले उपरांत इस तरह की बयानबाजी करें ।
मेडम राज्यपाल की योग्यता पर ही संदेह हो रहा है जो नियम कानून की बात कर रही है ।
वे शायद भूल रही है कि जितने भी कुलपतियों की नियुक्ति हुई उनमें तत्कालिन महामहीम राज्यपाल की भूमिका ही महत्वपुर्ण हुआ करती थी ।और इस तरह वे पू्र्व राज्यपालों की योग्यता पर भी सवाल उठा रही है ।
वे यह भी भूल गयी कि अधिकांश कुलपतियों की नियुक्ति भाजपा शासन काल में हुई इस तरह वो भाजपा पर भी जातिवाद का आरोप लगा बैठी ।
वे कहना चाह रही हैं कि जो कुलपति नियुक्ति हैं वे योग्यता के बलबूते नही है, बल्कि जाति विशेष के होने के कारण है ।इस तरह वे वर्तमान कुलपतियों का भी अपमान कर रही है ।
यह मामला केवल मुख्यमंत्री और राज्यपाल का नही है या केवल कुलपतियों के नियुक्ति का नहीं है ।यह मामला केवल एक समाज का भी नहीं है ।यह छतीसगढ़ी अस्मिता और स्वाभिमान का है। जिसे महामहीम के द्वारा अपमानित किया जा रहा है और भी ऐसे अवसर आये हैं जहां उन्होने छतीसगढ़ी हितों को अनदेखा किया है ।
उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ी हितों की बात करने वाले तमाम संगठन इस मुद्दे पर एक मंच पर आकर महमहीम के द्वारा जो छतीसगढ़ के प्रतिभाओं का अपमान किया जा रहा है और पर प्रांतिय ब्यक्तियों को बढ़ावा दिया जा रहा है ।उसका पूरजोर विरोध करेंगे ।
आलेख का अंश आई एस मनु वरिष्ठ लेखक विचारक एवम छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच से ,,,।