विश्वनाथ कश्यप प्राचार्य को पीएच-डी.की मानद : समतुल्य विद्यावाचस्पति उपाधि से जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्विद्यालय चित्रकूट में सम्मानित

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विश्वनाथ कश्यप प्राचार्य को पीएच-डी.की मानद : समतुल्य विद्यावाचस्पति उपाधि से जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्विद्यालय चित्रकूट में सम्मानित

भुवन वर्मा बिलासपुर 27 नवम्बर 2021

बिलासपुर । -कला, साहित्य संस्कृति संरक्षण संवर्धन हेतु निरंतर 25 वर्षों तक पत्र पत्रिका संपादन लेखन हिन्दी, छत्तीसगढ़ी साहित्य सेवा के लिए पीएचडी समतुल्य विद्यावाचस्पति उपाधि से विश्वनाथ कश्यप को सम्मानित किया गया । उपाधि वितरण कार्यक्रम थावे विद्यापीठ गोपालगंज पटना बिहार द्वारा स्थल- चित्रकूट अधिवेशन जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्विद्यालय चित्रकूट उप्र में हुआ । डॉ विश्वनाथ कश्यप बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं । आपका हनुमत विनय छत्तीसगढ़ी लोक भक्ति परक खंडकाव्य , मीरा का जीवनवृत्त ,पं सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के निबंधों का अनुशीलन के साथ स्थानीय विद्यालयीन ‘सुहाई’ महाविद्यालयीन ज्योति,शैलूषी , संस्कार भारती , भरत भारती , विश्वविद्यालयीन ‘आकलन’ रासेयो पत्रिका संपादन के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना के लिए आजीवन समर्पित व सम्मानित प्रो बांकेबिहारी शुक्ल स्मृति ग्रन्थ का संपादन किया है । भारतीय संस्कृति में “कला साहित्य* का महत्व विषय पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में शोध पत्र प्रस्तुत किया । अखिल भारतीय काव्य कुंभ में काव्यपाठ भी किया । संप्रति -आप शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोंडी लाफा विकास खंड पाली में प्राचार्य हैं ।
थावे विद्यापीठ गोपालगंज पटना द्वारा आयोजित विश्विद्यालय चित्रकूट में उपाधि वितरण के उद्घाटक रहे डॉ विनय कुमार पाठक
चित्रकूट- जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय अष्टावक्र सभागार चित्रकूट में थावे विद्यापीठ गोपालगंज पटना द्वारा आयोजित 20 व 21 नवंबर को दो दिवसीय चित्रकूट महा अधिवेशन के दौरान उपाधि वितरण समारोह को डॉक्टर विनय कुमार पाठक सुप्रसिद्ध समीक्षक ,साहित्यकार भाषाविद् पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ने उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित किया । द्वितीय दिवस उपाधि सम्मान समारोह के उद्घाटन कर्ता के रूप में डॉ पाठक ने विद्यावाचस्पति एवं विद्यासागर सम्मानोपाधि धारकों को उद्घाटन कर्ता बतौर अतिथि वितरण किया । उपाधि अलंकरण व सम्मान समारोह में कुलाधिपति डॉ कैलाश नारायण तिवारी दिल्ली , कुलपति डॉ शिवनारायण , कुलसचिव डा पी एस दयाल यति एवं विशिष्ट अतिथि डॉक्टर जे पी पांडे रांची मंचस्थ थे । इस समारोह में देशभर के अलग-अलग हिंदी सेवी , शिक्षाविद् साहित्यकार व कला साहित्य एवं संस्कृति के लिए अनवरत कार्य करने वाले विशिष्ट व्यक्तित्व के धनी उपस्थित रहे । उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ से विद्यासागर की मानद उपाधि डॉ मुकेश पांडे व डॉक्टर आनंद कश्यप तथा विद्या वाचस्पति सम्मान उपाधि प्राचार्य विश्वनाथ कश्यप , गिरधारी अग्रवाल तथा डॉ सुप्रिया भट्टाचार्य को प्रदान किया गया ।

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