डॉक्टर को डॉक्टर ही रहने दें । डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की बेहतर के लिए हमेशा तत्पर रहता है : डॉक्टर को भगवान और न ही शैतान न माने: इंसान है इंसान ही रहने दें : डॉ अभिजीत रायजादा

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डॉक्टर को डॉक्टर ही रहने दें । डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की बेहतर के लिए हमेशा तत्पर रहता है : डॉक्टर को भगवान और न ही शैतान न माने: इंसान है इंसान ही रहने दें : डॉ अभिजीत रायजादा

भुवन वर्मा बिलासपुर 14 जून 2021

बिलासपुर । नगर के वरिष्ठ चिकित्सक आईएमए के अध्यक्ष डॉ अभिजीत रायजादा ने लोगों के बीच वर्षों से उप जी भ्रांतियों को दूर करते हुए एक वीडियो जारी कर बताया है कि डॉक्टर को डॉक्टर ही रहने दें । डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की बेहतर के लिए हमेशा तत्पर रहता है । कृपया भगवान ना माने अंचल युवा चिकित्सक डॉक्टर अभिजीत रायजादा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे वर्तमान में आईएमए बिलासपुर के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने अपने एक वीडियो में दिल को छू जाने वाली और दिमाग में समा जाने वाली कुछ ऐसी बातें कहीं हैं।। जिन्हें खारिज तो कतई नहीं किया जा सकता है। आप वीडियो को गंभीरता से सुने । वैश्विक महामारी कोरोना काल मे हमने हॉस्पिटल डॉक्टर और मरीज के बीच जो देखें वह निश्चित ही दुख दाई रही है ।

हालांकि उनका मानना हैं कि डॉक्टर कोई भगवान नहीं होते..! लेकिन पूरे देश और इसी तरह बिलासपुर में भी ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है। जो उनके विचारों से इत्तेफाक न रखते हुए, अभी भी डॉक्टरों को, भगवान का ही दर्जा देते है । डॉक्टरों को भगवान मानने का यह विचार हमें अपनी तीन चार पीढ़ियों से पारंपरिक रूप से मिला हुआ है। और इसे बदला भी नहीं जा सकता। क्योंकि लगातार कई पीढ़ियों से डाक्टरों को भगवान मानने की हमारी आदत अब हमारा संस्कार बन चुकी है। और लोग जिस तरह भगवान से,अपनी गलतियों , अपने सुख-दुख और स्वास्थ्य को लेकर दया-मया की अपेक्षा रखते हैं। कुछ वैसी ही उम्मीद, हम सब डॉक्टरों से भी लगा बैठते हैं। डॉक्टर अभिजीत रायजादा ने बहुत अच्छी-अच्छी बातें कहीं हैं।

लेकिन बीते कुछ सालों से चिकित्सकों और मरीजों के बीच, या कहना चाहिए चिकित्सकों और मरीजों के परिजनों के बीच भक्त और भगवान का जो मर्यादित रिश्ता बरसों से चलता आया है, वह कुछ नाजुक होता चला जा रहा है। और ऐसा क्यों हो रहा है..? इसकी चिंता समाज के साथ ही चिकित्सकों को भी करनी चाहिए। इस नाजुक रिश्ते को जोड़ने वाला धागा जिन कारणों से कमजोर होता जा रहा है, वह वास्तव में चिंतनीय है।

चिकित्सकीय कार्य तथा इसी तरह चिकित्सक ही ईश्वर के बाद दूसरे वह शख्स रहते हैं, जिन पर लगभग हर कोई अपने जीवन की डोर मजबूत करने की उम्मीद लगा बैठता है। और इसलिए उनके मन में हर चिकित्सक के लिए एक अलग तरह का ऐसा श्रद्धा भाव, सम्मान का भाव बना रहता है, जो दूसरे किसी के लिए नहीं रहता। ईसकी चिंता हमारे समाज के साथ ही चिकित्सक वर्ग को भी करनी चाहिए। पूरा देश इस बात को मान रहा है कि आज अगर भारत की तरह का 135 करोड़ की आबादी (और अमेरिका ब्रिटेन इटली जापान तथा रूस की तुलना में बहुत कम चिकित्सकीय संसाधनों) वाला देश, जान और माल…? के तमाम नुकसान के बावजूद अगर कोविड-19 जैसी जानलेवा महामारी से सुरक्षित है, तो इसके पीछे चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों सरकार के नुमाइंदों,शासन के अधिकारियों, पदाधिकारियों नगर निगम के अधिकारियों और प्रशासन के अधिकारियों को ही शत-प्रतिशत श्रेय जाता है। वहां कोविड-19 सरीखी महामारी से अगर (जैसे तैसे भी) हम निपट पाए हैं तो, केवल और केवल चिकित्सकों के कारण। इस पूरी जंग में चिकित्सकों ने लीडर का काम किया है। वहीं प्रशासन ने उनके पीछे पीछे उनके कहे मुताबिक व्यवस्थाएं और इंतजाम करने की अपने तई पूरी कोशिशें कीं, इसलिए ही हम कोविड-19 की दूसरी लहर पर काबू पाने जैसा,आज का दिन देख पा रहे हैं। अब ऐसे में हम अगर चिकित्सकों को भगवान मानकर उनसे बेहतर स्वास्थ्य का वरदान चाहते हैं तो उसमें कुछ भी अन्यथा नहीं है ।
साभार:-हमर देश हमर प्रदेश,,,

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