गोधन न्याय योजना से पशुधन का संरक्षण और संवर्धन के साथ चहुंमुखी विकास — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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गोधन न्याय योजना से पशुधन का संरक्षण और संवर्धन के साथ चहुंमुखी विकास — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

भुवन वर्मा बिलासपुर 10 जून 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर — गोधन न्याय एक ऐसी योजना है, जिसके कई लाभ हैं। यह योजना समाज के सभी वर्गों एवं लोगों के लिये फायदेमंद साबित हो रही है। गोधन न्याय योजना से पशुधन का संरक्षण और संवर्धन , फसल एवं पर्यावरण की सुरक्षा , गोबर विक्रय से ग्रामीण और पशुपालकों को आय , वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद के निर्माण से महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार एवं आय का जरिया तथा जैविक खेती को प्रोत्साहन मिला है। वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट खाद के उपयोग से खाद्यान्न की गुणवत्ता एवं उर्वरा शक्ति में सुधार और खेती की लागत में कमी आ रही है , जिसका लाभ किसानों को मिलने लगा है। वर्मी कम्पोस्ट का खेती-किसानी में प्रयोग के बेहतर परिणाम देखने और सुनने को मिल रहे हैं।
उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोठान समितियों , स्वसहायता समूहों एवं गोबर विक्रेताओं के खाते में तीन करोड़ सात लाख अठारह हजार रुपये की राशि अंतरित करते हुये कही। इस योजना के अंतर्गत अब तक गोठानों में क्रय किये गये गोबर के एवज में 95 करोड़ 94 लाख रूपये कि भुगतान किया गया है , जिसमें एक लाख 68 हजार 531 पशुपालक किसान एवं ग्रामीण लाभान्वित हुये हैं। इस अवसर पर सीएम ने आगे कहा कि ऐसे लोग जो डेयरी व्यवसाय संचालन अथवा गौपालन करना चाहते हैं उनके लिये गोधन न्याय योजना के कारण यह अब आसान हो गया है क्योकि गोबर के विक्रय से उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा। उन्होंने राज्य में निर्मित समस्त गौठानों के संचालन के लिये समितियों का गठन एवं उन्हें सक्रिय करनेे के निर्देश दिये ताकि इसका लाभ मिल सके।मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्रिय गौठानों में गोबर खरीदी से ग्रामीण और पशुपालकों की आय बढ़ी है , जिससे उनके लिये दैनिक जीवन में उपयोगी सामग्रियों को क्रय करना आसान हुआ है। सीएम ने गोधन न्याय योजना की सफलता के लिये सभी लोगों को शुभकामनायें एवं बधाई देते हुये गोधन सुपर कम्पोस्ट मोबाइल एप का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा है। पार्लियामेंट कमेटी ने केन्द्र सरकार से इस योजना को लागू करने की अनुशंसा की है। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों , किसानों से 96 करोड़ रूपये की गोबर खरीदी से ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि स्व सहायता समूहों से जुड़ी 80 हजार महिलाओं को आजीविका का काम मिला है। वे अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि अभी मात्र 5590 गौठान सक्रिय हैं, जबकि 9950 गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी गौठानों को सक्रिय होने से लाभ और बढ़ जायेगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.एम.गीता ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना की अब तक की उपलब्धियों की जानकारी देते हुये बताया कि गौठानों से जुड़ी महिला स्वसहायता समूहों को आयमूलक गतिविधियों से 27.78 करोड़ रूपये की आय प्राप्त हुई है। गौठानों में उत्पादित 03 लाख 06 हजार 770 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट में से एक लाख 44 हजार 320 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। राज्य के 5590 गौठानों में से 913 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं। कार्यक्रम में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू , वनमंत्री मोहम्मद अकबर , महिला एवं बाल विकास मंत्री  अनिला भेड़िया , मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय  रूचिर गर्ग एवं प्रदीप शर्मा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू , कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारीडॉ.एस.भारतीदासन , उद्यानिकी एवं पशुचिकित्सा संचालक माथेश्वरन वी. एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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