अमेरिका की कमान जो बिडेन के हाथों में
अमेरिका की कमान जो बिडेन के हाथों में
भुवन वर्मा बिलासपुर 08 नवम्बर 2020
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
वाशिंगटन — लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के परिणाम सामने आ चुके हैं और व्हाईट हाऊस की कमान डेमोक्रैटिक उम्मीद्वार जो बिडेन के हाथ लगी है। उन्होंने रिपब्लिकन कैंडिडेट और निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पीछे छोड़ते हुये व्हाईट हाऊस अपने नाम कर लिया है। अब जो बिडेन अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बन चुके हैं और 20 जनवरी 2021 को राष्ट्रपति पद की शपथग्रहण करेंगे , इनके साथ ही इसी दिन उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी शपथग्रहण करेंगी। राष्ट्रपति चुनाव हारने के साथ ही ट्रंप 1990 के बाद सिर्फ़ एक कार्यकाल के लिये राष्ट्रपति रहने वाले पहले राष्ट्रपति बन गये हैं। इससे पहले ट्रंप ने ख़ुद को गलत तरीक़े से विजेता घोषित कर दिया था। उन्होंने वोटों की गिनती में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, लेकिन चुनाव में छेड़छाड़ से जुड़े कोई सबूत वो नहीं दे पाये।
जीत के बाद जो बिडेन ने कहा कई बाधाओं का सामना करते हुये बड़ी संख्या में अमेरिकी जनता ने मतदान किया। इससे एक बार फिर यह साबित हो गया है कि लोकतंत्र अमेरिका के दिल की गहराई में बसता है। चुनावी अभियान समाप्त होने के साथ ही यह समय क्रोध और कठोर बयानबाजी को पीछे छोड़कर राष्ट्र के तौर पर एक साथ आने का है. यह अमेरिका को एकजुट करने का समय है। अमेरिका ने हमारे महान देश का नेतृत्व करने के लिये मुझे चुना, इससे मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूंँ। आगे का काम मुश्किल जरूर है लेकिन मैं आपसे वादा करता हूंँ, मैं सभी अमेरिकियों का राष्ट्रपति बनूंँगा-भले ही आपने मुझे अपना मत दिया हो या नहीं। आपने मुझमें जो भरोसा जताया है, मैं उसे कायम रखूंँगा। उन्होंने आगे कहा कि वे एक ऐसे राष्ट्रपति बनने का वादा करते हैं जो देश और समाज को तोड़ने का नही बल्कि जोड़ने का काम करेगा। बिडेन ने स्पष्ट करते हुये आगे कहा कि भले ही वो डेमोक्रेटिक उम्मीद्वार रहे हों, लेकिन जीत के बाद वे पूरे अमेरिका के राष्ट्रपति हैं। उन्होंने कहा कि मैं जीत के बाद राज्यों को लाल रंग वाले और नीले रंग वाले के रूप में नहीं देखूंँगा , मैं सभी राज्यों के साथ केवल संयुक्त राज्य अमेरिका के नजरिये से व्यवहार करूंँगा और सबकी भरोसा जीतने की दिल से कोशिश करूँगा। हम कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिये पहले ही दिन से अपनी योजना को अमल में लाने जा रहे हैं। बिडेन के इस घोषणा से स्पष्ट संकेत मिलता है कि अमेरिका में एक बार फिर से कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिये कुछ कड़े प्रावधान लागू किये जा सकते हैं। गौरतलब है कि अमेरिका में डेमोक्रेट ब्लू कलर से पहचाने जाते हैं, जबकि लाल रंग रिपब्लिकन का है।
सबसे युवा सीनेटर, सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति
अमेरिकी इतिहास में सबसे युवा सीनेटरों में से एक रहे जो बिडेन अब अमेरिकी इतिहास के सबसे अधिक आयु वाले राष्ट्रपति भी बन गये हैं। बिडेन का जन्म 20 नवंबर 1942 को पेंसिल्वेनिया के स्क्रैंटन में हुआ था। बिडेन को दुनियाँ के सबसे अनुभवी राजनेताओं में से एक माना जाता है। इनका लंबा सियासी अनुभव है। ये पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में 2009 से 2017 तक अमेरिका के 47वें उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा दे चुके हैं। वहीं उपराष्ट्रपति के लिये कमला हैरिस को चुनाव में मिली जीत के बाद भारत के तमिलनाडु के तिरुवर जिले के उनके तुलासेंद्रापुरम गांव में भी जश्न मनाया जा रहा है। उपराष्ट्रपति के लिये निर्वाचित भारतीय मूल की कमला हैरिस ने कहा कि मेरे और बिडेन के लिये ये चुनाव बेहद महत्वपूर्ण था जो अमेरिका की आत्मा के बारे में और हमारे लड़ने की इच्छाशक्ति के बारे में था , हमें आगे बहुत काम करना है।
कमला हैरिस ने बनाया इतिहास
अमेरिका के इस ऐतिहासिक चुनाव में भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस ने भी इतिहास रच दिया है। कमला हैरिस को बिडेन ने अपना रनिंग मेट यानी उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया था। इस जीत के साथ ही हैरिस पहली ऐसी महिला बन गई हैं जो अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होंगी। इसके साथ ही वह पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति होंगी।
ट्रंप का राजनीतिक इतिहास
वहीं चुनाव हारने के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप 28 साल के बाद के ऐसे पहले राष्ट्रपति बने जो दूसरे कार्यकाल के लिये व्हाइट हाऊस नहीं पहुंँच पाये। इससे पहले साल 1992 में जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश दूसरे कार्यकाल के लिये जीत हासिल नहीं कर पाये थे, जब उनके विपक्षी डेमोक्रेट उम्मीदवार बिल क्लिंटन ने जीत दर्ज की थी। जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश के बाद बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और फिर बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बने और तीनों ने अपने दो-दो कार्यकाल पूरे किये।