मरवाही उपचुनाव में जोगी दंपत्ति का नामांकन निरस्त

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मरवाही उपचुनाव में जोगी दंपत्ति का नामांकन निरस्त

भुवन वर्मा बिलासपुर 17 अक्टूबर 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

मरवाही — आज नामांकन पत्रों की छानबीन के दौरान गहमागहमी और बहस के बाद छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी दोनों का नामांकन रद्द कर दिया गया है जाति प्रमाण पत्र निलंबित किये जाने की वजह से उनका पर्चा भी रद्द किया गया है। इस कार्यवाही के बाद एक ओर जोगी कांग्रेस में हड़कंप की स्थिति है वहीं दूसरी ओर विपक्षियों में खुशी का माहौल दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी 2019 के पिछले विधानसभा चुनाव में मरवाही सीट से विधायक चुने गये थे। मई 2019 में उनके निधन के बाद यह सीट खाली हुई है ।जिसके लिये उपचुनाव कराए जा रहे हैं , इस उपचुनाव हेतु 16 अक्टूबर को नामांकन का अंतिम दिन था ।आखरी तारीख तक 19 पर्चे भरे गये। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल करने वाले अमित जोगी का नाम ग्यारहवें नंबर पर आया। उनके नामांकन पर कांग्रेस की ओर से कई लोगों ने आपत्ति दर्ज करायी। निर्वाचन अधिकारी को सूचना दी गई कि उच्च स्तरीय छानबीन करनी कमेटी ने 15 अक्टूबर को अमित जोगी के कंँवर जाति का प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया है।

इस आधार पर अनुसूचित जाति जनजाति के लिये रिजर्व मरवाही सीट से उनका नामांकन रद्द किया जाना चाहिये। इस दौरान अमित जोगी ने भी जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने अपना पक्ष रखा। बंद कमरे में उन्होंने काफी समय तक अपनी बातें रखी लेकिन मिली जानकारी के अनुसार वे अनुसूचित जनजाति के रूप में अपना कोई प्रमाण पत्र पेश नहीं कर सके। इस आधार पर लंबी बहस के बाद निर्वाचन अधिकारी ने मरवाही विधानसभा उपचुनाव में उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। इस मौके पर उर्मिला मार्को की ओर से पक्ष रखने के लिये अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ केके ध्रुव की ओर से पक्ष रखने के लिये अधिवक्ता संदीप दुबे उपस्थित रहे। नामांकन निरस्त होने पर जोगी के जाति मामले को लेकर लड़ाई लड़ने वाले अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष संत कुमार नेताम ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताता हूँ, उन्होने सत्य सामने लाया..फर्जी आदिवासीयों के विरुद्ध संघर्ष जारी रहेगा। इस खबर के सामने आने के बाद अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा है कि रातों रात उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति ने मेरा प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया , इसकी खबर मुझे छोड़ बाक़ी सबको थी। मैंने उसे पढ़ने के लिये समय मांँगा, वो भी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कातिल ही मुनसिफ है, क्या मेरे हक में फैसला देगा।

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