छत्तीसगढ़ी सिनेमा के वर्तमान दिशा अउ दशा ; छत्तीसगढ़ राज्य बने के बाद “छत्तीसगढ़ी फिल्म बनाय के जत्तेक लालसा रहिस, तऊन उत्साह अब ठंडा पड़त जाथे,,,,, !”

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छत्तीसगढ़ी सिनेमा के वर्तमान दिशा अउ दशा ; छत्तीसगढ़ राज्य बने के बाद “छत्तीसगढ़ी फिल्म बनाय के जत्तेक लालसा रहिस, तऊन उत्साह अब ठंडा पड़त जाथे,,,,, !”

भुवन वर्मा बिलासपुर 16 अक्टूबर 2020

कोटा । विचार विमर्श ये संबंध म मोर व्यक्तिगत विचार हवय-” हमर छत्तीसगढ म छालीवुड सिनेमा के भरपूर संभावना हवय |” ये बात ह “घर द्वार” अउ कहि देबे संदेश” के सफलता से स्वयं प्रमाणित हो चुके हवय |
छत्तीसगढ़ राज्य गठन होते ही”,मोर छइहां-भुइयां जेकर निर्माता-शिवदयाल जैन अउ निर्देशक-सतीश जैन द्वारा रिलीज करे गईस,तौ सुपर डुपर हिट होय रहिस |
तेकर बाद तो छत्तीसगढ़ी फिलिम बनाय बर जैसे होड़ लग गईस,लेकिन अपेक्षा म खरा साबित नइ होईन ,बाक्स आफिस म हिट होना तो दूर,बजट के हिसाब से निर्माता के लागत राशि वसूल होना मुश्किल हो गे ! जबकि छालीवुड के बड़े परदा के बजाय कई गायक/गायिका मन के विडियो एलबम ज्यादा हिट साबित होईस |
छत्तीसगढ़ राज्य बने के बाद”छत्तीसगढ़ी फिल्म बनाय के जत्तेक लालसा रहिस,तऊन उत्साह अब ठंडा पड़त जाथे !”
तेकर जबरदस्त कारण हवय-ये बीच म जत्तेक फिलिम आईस,तेमा कोई भी फिल्म के कहानी दमदार नइ रहिन,न ही डायलाग,एक्शन,न ही फिल्म के गीत मन दर्शक ला टाकीज तक खींच के लाए बर प्रभावशाली साबित होईन !
मोर छइहां भुइयां के हिट होय के मुख्य कारण-उहीच समय हमर छत्तीसगढ राज्य के स्थापना होए रहिस,लोगन के मन म अपार उत्साह रहिस-हमर छत्तीसगढ़ी भाषा के फिलिम रिलीज होय हवय,साथ ही बड़े परदा “,नदिया के पार” जैसे कहानी, ग्रामीण परिवेश,वार्ता,गीत सब कुछ सराहनीय रहिस
कुछ दिन बाद सुंदरानी कृत “मयारू भौजी” फिल्म के गीत संगीत,मंजे हुए कलाकार के किरदार, प्रसिद्ध गीतकार गायक संगीतकार सब के खूब मेहनत से सुपरहिट होय रहिस
लेकिन बाद म छत्तीसगढ़ी फिल्म बना के हमू मन मोटी रकम कमाबो सोच के जत्तेक फिल्म बनीस,तिंकर निर्माता निर्देशक मन कंजूसी करके कलाकार मन ला वाजिब पारिश्रमिक नइ देहिन,तेकर सेती कलाकार मन”,जतके दाम-ततके काम” के हिसाब से मेहनत करिन , अर्थात् कम खर्चा म जादा कमाई के ख्वाब देखे से वो फिलिम के क्वालिटी स्वत: गिर जाथे, निर्माता निर्देशक ला नकल करे बर घलो अकल के जरूरत होथे “

वैसे तो छत्तीसगढ़ म शूटिंग करे बर सुंदर सुंदर जघा अउ दृश्य हवंय , अच्छा से अच्छा कलाकार भी तैयार हो सकथें, कलाकार मन ला वाजिब पारिश्रमिक मिलना चाही, लेकिन कलाकार के हक ला छीन के निर्माता निर्देशक, छत्तीसगढ फिल्म विकास बोर्ड ह अपनेच कमाई बर चेत करहीं,तब भला विकास कैसे होही ?
चाहे हालीवुड, बालीवुड या छालीवुड होय-फिल्म के पटकथा ऐतिहासिक या रोमांटिक मन जादा हिट साबित होथें
फिल्म के तासीर ल मैं भली-भांति जानथौं,तेकरे सेती दिनांक १५.०५.२००१ के दिन मैं भी एक फिल्म “, छत्तीसगढ़िया” के पटकथा,संवाद,गीत आदि लिख के २००३ म रायपुर के मोतीबाग के सामने स्टेडियम म ०३ दिवसीय”फिल्म फेस्टिवल” आयोजित होय रहिस,तब बालीवुड के प्रसिद्ध निर्माता महेश भट्ट जी, मुख्य अतिथि के रूप म पधारे रहिन,तब मोर लिखे छत्तीसगढ़ी फिल्म “छत्तीसगढ़िया” के कहानी, संवाद, गीत आदि ला आदरणीय महेश भट्ट जी ला दिखायेंव,साथ म आजू-बाजू मुख्यमंत्री माननीय स्व. अजीत प्रमोद जोगी जी बईठे रहिन,ऊंकर तिर आटोग्राफ भी लेहे रहेंव,तब महेश भट्ट जी कहिन-साहू जी मैं छत्तीसगढ़ी फिल्म में जोखिम नहीं उठाना चाहता, ये सुन के मैं एकदम हताश हो गयेंव !
बाद म सोचेंव-मैं खुद बजट लगा के ये फिलिम ला बनाहूं-मैं स्वंय कहानीकार, गीतकार,गायक,संवाद,अभिनय करहूं,तब आधा बजट सिर्फ हिरोइन,साईड हीरो, सहयोगी कलाकार, कैमरामैन, कोरियोग्राफर, टेक्नीशियन, संगीतकार सब मिला के आधा बजट म तैयार हो जाही, एक फिल्म सफल होय के बाद आगामी फिल्म के लिए रास्ता स्वयं तय हो जाही,ओ समय मोर पास ओतेक नगद राशि मुश्किल रहिस,तब अपन पैतृक निवास घर ला बेंच के फिल्म बनाय बर संकल्पित हो गए रहेंव,जब ये संबंध म अपन धर्मपत्नी अउ परिवार म चर्चा करेंव,तब ओमन खूब नाराज हो गईन, मोर धर्मपत्नी तो इहां तक कहि देहिस-“हम सब ला जहर दे दे अउ फिल्म बनाए के अपन शौक ला पूरा कर लेबे !”
ये बात ला सुन के मैं अवाक हो गएंव,मोर नाडी जुड़ा गईस !”
मैं एकदम निराश हो गयेंव, खोए-खोए रहौं,तब मोर धर्मपत्नी सलाह देईस-कम लागत म तुंहर गीत मन ला आडियो कैसेट बनवा लेवा,तब सन् २००४ म मोर लिखे गीत के आडियो कैसेट-” वाह रे अलबेली” रिलीज करेंव
लेकिन रिलीज करे के समय ह उचित नइ रहिस,मोर कैसेट रिलीज होय के तीन-चार महीना पहिली नीलकमल वैष्णव के पहिली आडियो वीडियो-“सतरंगी रे” रिलीज होय रहिस,अल्का चंद्राकर के पहिली आडियो वीडियो-“चमचम चमके रे बिंदिया” रिलीज होय रहिस, सीमा कौशिक के “गुलाबी कली” आदि आडियो वीडियो मन खूब धूम मचावत रहिन, तेकर सेती मोर आडियो कैसेट के विडियो एलबम नइ बनवा सकेंव
अभी समय खूब तेज गति से आगू बढ़ते जाथे,अब आडियो वीडियो रिलीज करना भी रिस्क हो गए हवय,अब तो सिर्फ”यू ट्यूब” के जमाना हवय
फिर भी छत्तीसगढ़ी फिल्म ला ऐतिहासिक, रोमांटिक पृष्ठभूमि म तैयार करे जाही,तौ अभी भी छत्तीसगढ़ी फिल्म के विकास की सफलता बर संभावना व्यक्त करे जा सकथे

(सर्वाधिकार सुरक्षित)
लेखक चिंतक व वरिष्ठ साहित्यकार के कलम से

गया प्रसाद साहू
“रतनपुरिहा”
मु. वो पोस्ट करगी रोड कोटा जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़

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