महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कारनामा, पन्द्रह साल से चल रहा था खेल
भुवन वर्मा, 25 August 2019
बिलासपुर । महिला एवम बाल विकास विभाग में 15 साल तक जिलों में बैठे अधिकारियों ने स्वेच्छाचारिता और मनमौजी पूर्वक कार्य करते हुए पसंदीदा अधीनस्थों को नियम विरुद्ध अपने कार्यालयों में रखकर काम लिया और उनका वेतन दूसरे स्थानों से निकाला जाता रहा ।पर्यवेक्षकों का जिला कार्यालय में कोई पद नही होता मगर कई पर्यवेक्षकों को अटैच कर सालों उनसे काम लिया जाता रहा जबकि दूरस्थ आदिवासी अंचलों में 200 स्थानों में वर्षों से पद खाली पड़े रहे क्योकि वहां कोई जाना नही चाहते थेऔर उनसे शहर का मोह नही छूट पा रहा था ।जिले में बैठे अधिकारी स्वार्थवश उनकी मदद करते रहे । अब जब महिला एवं बाल विकास मंत्री ने पूरी छानबीन कर एक्शन लेना शुरू किया है तो सबको तकलीफ होना लाजिमी है ।पिछली भाजपा सरकार के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक , परियोजना अधिकारी तथा जिला मुख्यालय में पदस्थ कई अधिकारियो ने एक ही जिले में 10 से 15 साल तक रहने का रिकार्ड कायम किया है । इतना ही नही विभाग के लिपिक पदोन्नति पाकर भी इसी जिले में और उसी स्थान पर अपनी पदस्थापना करा लेने में सफल रहे ।
कई परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक तो राज्य निर्माण के पहले से ही जिले में पदस्थ है और उनका तबादला नही हो पाया । कई तो सेवानिवृति के करीब है ।कुछ परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक तो या तो स्वयं रेडी टू इट संचालित करते है या फिर उनके पति रेडी टू इट का संचालन कर रहे है ।
कई के विरुद्ध तो विधानसभा चुनाव में खुले तौर पर भाजपा के पक्ष में काम करने के आरोप है ।हम यहां पर पूरी सूची दे रहे है जिसमें स्पष्ट है कि कौन किस स्थान पर कब से पदस्थ है ? 10 से 15 साल से पदस्थ अमले को एक ही झटके में अन्यंत्र भेजने के निर्णय का सुनियोजित ढंग से विरोध भी कराया जा रहा है । गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार में भी डंडी मारने का काम सुनियोजित ढंग से हो रहा था । इसके बाद भी मंत्री ने उन्ही अमले को तबादले के लिए चिन्हित किया जो वर्ष 2015 से पहले से पदस्थ है मगर 2016और 2017 से पदस्थ ऐसे लोगो पर भी तबादले के चाबुक चलाया गया जिनके विरुद्ध अनेको गम्भीर शिकायतें मिल रही थी । गलत व मनमाने ढंग से अटैच होकर काम करने वालो का भी काम तमाम किया गया ।तबादले के लिए जिला मुख्यालयों से पूरा ब्यौरा मंगाए जाने पर उसमे भी गड़बड़ी की गई और पसंदीदा अमले की पोस्टिंग तिथि कई की जानबूझकर गलत बताई गई ताकि उनका तबादला न किया जा सके और जिन पर्यवेक्षकों और परियोजना अदिकरियो से नही पटती उनकी जानकारी में जानबूझकर लम्बे समय से पदस्थ होना बताया गया ताकि उनका तबादला हो सके ।परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों का पूरा विवरण देखें साथ मे उनके पदस्थ होने का साल भी दे।