कोरोना को मात देकर लौटी बहादुर योद्धा अर्चना झा : वायरस यात्रा संस्मरण

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भुवन वर्मा बिलासपुर 29 जुलाई 2020

निगेटिव होकर लौटी देता पॉजिटिव संदेश

बिलासपुर । एक दिन ऑफिस के सभी लोगों के साथ मैंने भी अपना कोरोना टेस्ट करवाया था । मुझे किसी प्रकार के लक्षण नहीं थे, ना ही मैं किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आई थी । और कॉन्फ़िडेन्स तो कूट कूट के भरा था, लगा जैसे मुझे तो करोना हो ही नहीं सकता


और मैं अपने सामान्य दिनचर्या शासकीय कार्यों इत्यादि का संपादन करती रही। अचानक 3 दिन बाद शाम को एक फोन आया और मेरे पैर के नीचे से जमीन खिसक गई यह सुनकर कि मैं कोरोना पॉजिटिव हूं।
जैसे कोरोनावायरस को लेकर बाकी सभी में जिस प्रकार भय एवं आतंक व्याप्त है, वही दशा मेरी भी थी , कि पता नहीं अब क्या होगा और मेरे कारण मेरे परिवार और मुझसे मिले बाकी सभी लोगों को कितनी तकलीफ होगी ।
पर मन में एक विश्वास तो था कि नहीं मुझे कुछ नहीं हो सकता मैं इस इस समस्या को भी सुलझा के आगे बढ़ जाऊँगी और पूरी तरह स्वस्थ व सुरक्षित होकर घर आऊंगी।
लेकिन अपने प्रिय जनों व शुभचिंतकों को लेकर बहुत से चिंताएं मन में घर कर गई थी। सभी का सैंपल लिया गया, रिपोर्ट के इंतजार में रात भर सो नहीं पाई । कितने ही प्रकार की भय एवं चिंताओं ने मन को घेर रखा था ।
दूसरे दिन से टेस्ट रिपोर्ट आनी शुरू हुई जिसमें मेरी बेटी और मेरे पति की रिपोर्ट नेगेटिव आई , उसके बाद चिंता की लकीरें कुछ कम होना शुरू हुई , उसके बाद आने वाले 5-6 दिनों में मेरे ऑफिस के समस्त स्टाफ, मुझसे जुड़े कॉलोनी वासियों व अन्य जहां अभी मैं ड्यूटी में गई हूं, वहां के लगभग 60-70 लोगों का टेस्ट जो कराया गया था , सभी की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई । जो कि मेरे लिए एक बहुत बड़ी राहत थी।
मैं 10 दिनों तक एम्स में एडमिट रही। आमज़नो की भांति मेरे मन में भी कुछ भ्रांतियां थी – पता नहीं क्या इलाज होगा ? डॉक्टर्स का सही ट्रीटमेंट मिलेगा या नहीं मिलेगा मैं ठीक होकर कब तक आ पाऊंगी इत्यादि…

किंतु हॉस्पिटल में मैंने देखा की डॉक्टर द्वारा ना केवल मुझे ही बल्कि अन्य सभी मरीजों को पर्याप्त देखभाल और अटेंशन देते हुए प्रतिदिन सुबह शाम चेकिंग की जा रही थी। साथ ही दवाइयां व सही समय पर भोजन इत्यादि की भी पर्याप्त व्यवस्था थी, जोकि सभी के लिए के लिए बिल्कुल मुफ्त थी। इस अच्छी देखभाल के कारण मैं पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर आ चुकी हूँ। छत्तीसगढ़ शासन एवं स्वास्थ्य मंत्री महोदय को इसके लिए बहुत-बहुत साधुवाद देना चाहूंगी।
इस पैंडेमिक सिचूएशन में जो डाक्टर्ज़ स्वयं को जोखिम में डाल कर हमारा इलाज कर रहे उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूँ। ????????

इस दौरान मेरे परिजनों, मित्रों एवं सभी शुभचिंतकों के द्वारा मेरा मनोबल बढ़ाया गया , उन सभी प्रति कृतज्ञ हूँ????????

साथ ही सभी पुलिसकर्मी, सफ़ायी कर्मी, व सभी कोरोना वोरीयर्स को नमन करती हूँ, निस्वार्थ भाव से देश जनताकेलिये , इस वाइरस को हराते हुए रोज़ इससे लड़ रहे हैं????????

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