डॉ. खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ के महान कर्मवीर सपूत-शैलेश पांडेय, अब हो रहा है साकार डॉ बघेल के सपनो का छत्तीसगढ़ – प्रमोद नायक : छत्तीसगढ़ निर्माण में डॉ बघेल का योगदान अविस्वामरणी-रामशरण यादव

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भुवन वर्मा बिलासपुर 19 जुलाई 2020

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वप्न दृष्टा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ खूबचंद बघेल जी की 120 वीं जयंती समारोह 19 जुलाई 2020 रविवार को प्रातः डॉ खूबचंद बघेल चौक (नूतन चौक) सरकंडा बिलासपुर में पुण्यस्मरण के साथ पुष्पांजलि व वारियर्स सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया है । प्रतिभावान छात्राओ का सम्मान भी किया गया ।
उक्त अवसर पर अंचल के अनेक जनप्रतिनिधि, समाजसेवी संगठन के कार्यकर्तागण विशेष रुप से उपस्थित होंकर पुरखा के सुरता कर पुण्य स्मरण किये । शैलेष पांडेय कहा छत्तीसगढ़ के महान संत सेनानी और छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम बार स्वप्न देखने वाले और छत्तीसगढ़ राज्य की आवश्यकता को महसूस कराने वाले डॉ खूबचंद बघेल की 120 वीं जयंती है इस अवसर पर आमंत्रित किये आप सभी का धन्यवाद करता हूं इस समिति का धन्यवाद करता हूं डॉ बघेल राजनीतिक व सामाजिक परिवर्तन के जनक थे ।


प्रमोद नायक ने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल का सम्पूर्ण जीवन समाज और कृषकों के कल्याण तथा विभिन्न रचनात्मक कार्यो के लिए समर्पित था । आपका जन्म रायपुर जिले के पथरी ग्राम में 19 जुलाई 1900 को हुआ था । पिता का नाम जुड़ावन प्रसाद तथा माता का नाम केकती बाई था । आपकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में तथा हाईस्कूल की पढ़ाई रायपुर में हुई । 1925 में नागपुर से चिकित्सा परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् असिस्टेंट मेडिकल आफिसर के रुप में कार्यरत रहे ।


नागपुर में अध्ययन के समय से आप राष्ट्रीय विचारधारा से प्रभावित होकर राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करने लगे । महात्मा गांधी से प्रभावित होकर गांव-गांव में घूमकर असहयोग आंदोलन का प्रचार किया । 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान शासकीय नौकरी छोड़कर आन्दोलन में शामिल हो गए । 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में तीसरी बार जेल गए ।1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में आपको फिर ढाई वर्ष की कठोर कैद हुई । 1951 में कांग्रेस मतभेद की वजह से आचार्य कृपलानी की किसान मजदूर पार्टी में शामिल हो गए ।
आप 1951 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और 1962 तक सदस्य रहे । 1967 में आप राज्यसभा के लिए चुने गए,व्यवसाय से चिकित्सक होने के बावजूद आप कृषि और कृषकों की उन्नति के लिए निरंतर प्रयासरत रहे । आप छत्तीसगढ़ केअनेक आदिवासी
किसान आंदोलनों के प्रेरणा स्रोत एवं नेतृत्वकर्ता थे । आपने कृषि को उद्योग के समकक्ष विकसित करने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किया । पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के लिए, जन जागृत करने की दिशा में आप लगातार संलग्न रहे
साहित्य सृजन, लोकमंचीय प्रस्तुति तथा बोल-चाल में आप छत्तीसगढ़ी के पक्षधर थे।इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आपने 1967 में रायपुर में छत्तीसगढ़ भ्रातृसंघ नामक संस्था का गठन किया।22 फरवरी 1969 को आपका देहावसान हो गया।छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान स्थापित किया है।
जयंती पर छत्तीसगढ़ के सपूत को विनम्र श्रधांजलि अर्पित करता हु ।
उक्त अवसर पर महापौर रामशरण यादव ने भी अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ के महान प्रेणता के रूप में स्मरण किए ।अरुण चौहान ने
की मूल छत्तीसगढ़ी यों के पर्याय थे डॉक्टर बघेल उक्त अवसर पर प्रकाश सोथालिया, दूज राम सेंदरी को पर्यावरणके क्षेत्र, निलेश मसीह कोरोना वारियर्स पर डॉ खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ी सपूत सम्मान से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का संचालन भुवन वर्मा संयोजक डॉ खूबचंद बघेल सेवा समिति डॉ शंकर यादव महासचिव ने किया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विनय शुक्ला रामकुमार वर्मा सुरेश कश्यप, डॉ निर्मल नायक सिद्धेश्वर पाटनवार, डॉक्टर के के साव, एल के गहवाई, श्रीकांत चंद्र्रा्कर चंद्र प्रकाश वर्मा भविष्य चंद्राकर पूर्ण चंद्रा, प्रकाश बंजारे ,हीरेंद्र ठाकुर, बृजेश साहू, नंदिनी पाटन वार ,तानसेन चंद्रवंशी, डॉक्टर सोमनाथ यादव ,राजेंद्र वर्मा बिलासपुर

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  1. You actually make it seem so easy with your presentation but I find this matter to be actually something which I think I
    would never understand. It seems too complicated and very broad for me.
    I’m looking forward for your next post, I’ll try to get the hang of it!

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