ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ एक और बड़ी सफलता: तीन दिन में 6 आतंकी ढेर, सेना और पुलिस का साझा ऑपरेशन

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। पिछले तीन दिनों में त्राल और शोपियां जिलों में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल छह आतंकवादी मारे गए। ये ऑपरेशन सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर चलाए। शुक्रवार को आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने इन ऑपरेशनों की जानकारी दी और कहा कि आने वाले समय में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और तेज की जाएगी।
सेना ने बताया कि एक ऑपरेशन ऊंचे पहाड़ी इलाकों में जबकि दूसरा गांव में चलाया गया। दोनों ही ऑपरेशन में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के आधार पर घेराबंदी की गई थी। बेहद सतर्कता और सुनियोजित रणनीति के साथ सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों को मार गिराया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतरीन तालमेल की वजह से यह मिशन पूरी तरह सफल रहा।
तीनों जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे
इस दौरान मारे गए आतंकियों की पहचान भी उजागर हो गई है। मारे गए आतंकियों में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT)/TRF जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के सदस्य शामिल हैं। 15 मई को त्राल में मारे गए आतंकियों की पहचान आसिफ अहमद शेख (निवासी: अवंतीपोरा), आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट (दोनों निवासी: पुलवामा) के रूप में हुई है। तीनों जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे।
13 मई को शोपियां में हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा/टीआरएफ से जुड़े तीन आतंकी मारे गए। इनमें एहसान अहमद शेख (निवासी: पुलवामा), शाहिद अहमद कुटे और अदनान शफी डार (दोनों निवासी: शोपियां) शामिल थे। शाहिद अहमद कुटे पहले एक सरपंच की हत्या और एक पर्यटक पर हमले में शामिल पाया गया था, जबकि अदनान शफी डार एक प्रवासी मजदूर पर हमले में शामिल था।
सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि इन आतंकियों के बारे में पहले से पुख्ता जानकारी थी और इसी के आधार पर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। सुरक्षा बलों ने स्थानीय लोगों का भी आभार जताया और कहा कि उनके सहयोग के बिना यह सफलता संभव नहीं थी। स्थानीय समर्थन आतंकवाद विरोधी अभियानों की रीढ़ साबित हो रहा है।
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