धान उठाव में लापरवाही पर मुंगेली डी एम ओ को नोटिस
भुवन वर्मा बिलासपुर 01 जुलाई 2020
शेष मात्रा के खराब होने की स्थिति में तय होगी जवाबदेही
मुंगेली- समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद उठाव को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर मुंगेली के जिला विपणन अधिकारी को नोटिस जारी कर दी गई है। सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा जारी नोटिस में 4 लाख 41हजार 563 क्विंटल धान का उठाव के लिए प्रतिदिन 80 ट्रकें लगाने के आदेश दिए गए हैं। समय सीमा भी तय करते हुए कहा गया है कि इस अवधि में उपार्जित मात्रा में धान का उठाव नहीं होने और खराब होने पर पूरी जिम्मेदारी डी एम ओ की होगी।
समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की समाप्ति के 3 माह बाद भी मुंगेली जिला में उपार्जन केंद्रों में धान उठाव को लेकर भारी लापरवाही बरती जा रही है। लगातार पत्राचार के बाद भी जिस तरह अनदेखी की जा रही है उसके बाद सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने बेहद नाराजगी जताई है। कहा है कि जिस गति से धान का उठाव हो रहा है उससे बारिश में धान खराब होने, अंकुरित होने और चूहों द्वारा नुकसान पहुंचाने जैसी समस्या आ सकती है। इससे भी ज्यादा सूखत की समस्या आना निश्चित है लिहाजा गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जाए और यह काम सुनिश्चित करें। नुकसान होने की स्थिति में समितियों की बजाय जिला विपणन अधिकारी पर कार्रवाई की जा सकती है।
46 केंद्रों में बफर लिमिट से ज्यादा
सहायक पंजीयक ने अपनी जांच में पाया है कि जिले के 89 उपार्जन केंद्रों से 40 केंद्रों में उपार्जित धान की मात्रा बफर लिमिट से ज्यादा है। जो नोटिस जारी की गई है उसमें बताया है कि 6 उपार्जन केंद्रों में से हर एक में 10 हजार क्विंटल से ज्यादा धान संग्रहित है। 20 ऐसे उपार्जन केंद्र हैं जिनमें प्रत्येक में 5 हजार क्विंटल से ज्यादा है तो बीस केंद्र ऐसे हैं जिनमें प्रत्येक में 3000 क्विंटल धान अभी तक परिवहन नहीं हो पाया है। यह मात्रा बफर लिमिट को जाहिर करती है। उठाव की गति यदि यही रही तो शेष मात्रा के परिवहन में 45 दिन और लगेंगे। नोटिस में शेष मात्रा 4 लाख41हजार 563 क्विंटल का होना बताया गया है।
उठाव में प्रदेश में सबसे पीछे
जिला सहकारी बैंक के नोडल ऑफिसर ने इसके पूर्व कलेक्टर को जो जानकारी भेजी है उसमें मुंगेली जिले को धान उठाव में प्रदेश में सबसे पीछे 26 वें नंबर पर बताया गया है। नोडल ऑफिसर ने पत्र में लिखा है कि 20 अप्रैल की स्थिति में 89 उपार्जन केंद्रों में जो धान शेष है उसे प्रतिदिन 80 गाड़ियां लगाने पर 19 दिन में संपूर्ण मात्रा का उठाव किया जा सकता है। इसमें नोडल ऑफिसर ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि शेष मात्रा के उठाव के लिए गाड़ियों की संख्या बढ़ाने के लिए आदेश जारी करें। पत्र में ताजा स्थिति की जानकारी देते हुए बताया गया है कि इस समय प्रतिदिन मात्र 35 गाड़ियां ही चल रही है।
दिया नियम का हवाला
सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने जिला विपणन अधिकारी को जो नोटिस जारी किया है उसमें अपने पिछले 10 पत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि धान उठाव में तेजी लाने की बजाय जिस तरह की लापरवाही दिखाई जा रही है इससे होने वाले संभावित नुकसान की पूरी जिम्मेदारी सहकारी समितियों के बजाय आप पर होगी। कहा गया है कि धान खरीदी की कंडिका 16/4 के तहत बफर स्टॉक होने की स्थिति में 72 घंटे के भीतर प्राथमिकता के आधार पर उठाव किया जाना है। नहीं होने पर जवाबदेही तय की जा सकती है।
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