शेड की क्षमता का होगा पूरा उपयोग : शेड के नीचे नीलामी के बाद मंडी प्रशासन का नया फैसला
भुवन वर्मा बिलासपुर 30 जून 2020
भाटापारा- अब शेड की क्षमता का पूरा उपयोग किया जाएगा। ताजा फैसले से किसानों की उपज भीगने से बचाई जा सकेगी तो मिलों की भी शिकायत दूर की जा सकेगी। मंडी प्रबंधन ने अपने इस फैसले की जानकारी सभी पक्षों को देते हुए निर्देशित किया है कि वे तय व्यवस्था के अनुसार ही काम करें।
सोमवार की सुबह से ही बरसने वाले बादलों को देखते हुए कृषि उपज मंडी ने कड़ा रुख बनाया और सभी पक्षों को आदेश जारी किया कि स्थिति को देखते हुए ही काम करें। जहां तक हो सके खुले में नीलामी से बचें और शेड के नीचे ही यह काम करवाएं। इसके बावजूद कुछ ने आदेश नहीं माना और दोपहर बाद मौसम बिगड़ने लगा जब तक बचाव के उपाय किए जाते तब तक प्रांगण में भरे बोरे भीगने लगे। ले- देकर व्यवस्था बनाई गई तब कहीं जाकर नुकसान से बचा जा सका। मंगलवार की सुबह से ही बूंदा-बांदी होते देख मंडी प्रशासन ने तेवर दिखाए और शेड में जगह बना कर नीलामी करवाई। तब तक सोमवार को भीगा हुआ धान किसी तरह मिलों को रवाना किया जा सका।
अब शेड की पूरी क्षमता का उपयोग
प्रांगण में धान की नीलामी के लिए 7 शेड बने हुए हैं। प्रत्येक शेड की क्षमता 1000 बोरा धान की है। फिलहाल इसका एक बड़ा हिस्सा जाम है। इनके मालिकों से कहा जा रहा है कि वह समय रहते शेड खाली करें ताकि मंडी का काम प्रभावित ना हो। वैसे भी शेड बारिश की स्थिति को देखते हुए नीलामी के लिए ही बनवाया गया है इसलिए अब इनका उपयोग इसी काम के लिए किया जाएगा ना कि स्टॉक के लिए। इसलिए सभी से सहयोग की अपेक्षा मंडी प्रबंधन ने की है।
मोटा धान के लिए बढ़ेगी जगह
प्रांगण में वैसे तो सात शेड हैं। इनमें मोटा और बारीक धान की दोनों प्रजातियों की नीलामी के लिए पर्याप्त जगह है लेकिन ताजा स्थिति में अधिकतर शेड का उपयोग स्टॉक के लिए किया जा रहा है। अब इस पर कड़ा तेवर दिखाने के मूड में आ चुका मंडी प्रशासन मोटा धान के लिए ज्यादा जगह बनाने के प्रयासों में लगा हुआ है क्योंकि आवक इसी प्रजाति की धान की ज्यादा होती है। प्रबंधन ने संकेत दिए हैं कि तीन शेड इसके लिए तय कर दिया जाए ताकि बारिश के दिनों में होने वाली आवक का काम व्यवस्थित तरीके से पूरा किया जा सके।
मंगलवार को रही ऐसी स्थिति
सोमवार से मंडी प्रशासन के कड़े तेवर को देखते हुए ना तो मंडी अभिकर्ताओं ने ना तो खुले में धान की कटाई करवाई न हीं किसानों ने जिद की और ना मिलों ने कुछ कहा क्योंकि यह तीनों सोमवार को हुए नुकसान को देख चुके थे लिहाजा फैसले को पूरा सम्मान दिया गया और शेड के नीचे की व्यवस्था के तहत खरीदी बिक्री के काम संपन्न करवाए। प्रबंधन ने आग्रह किया है कि मिलें खरीदी के बाद की सारी प्रक्रिया तत्काल शुरू करें और खरीदी गई उपज मिलों के लिए रवाना करें ताकि दूसरे दिन के लिए जगह बनाई जा सके।
वर्जन
प्रांगण में बने प्रति शेड की क्षमता 1000 बोरा की है। लिहाजा इस क्षमता का अब पूरा उपयोग किया जाएगा। किसानों अभिकर्ता और मिलों से आग्रह किया जा रहा है कि इस फैसले के अमल में पूरा सहयोग करें ताकि किसी भी पक्ष को नुकसान ना हो।
- डीके सिंह, सचिव, कृषि उपज मंडी भाटापारा