सिविल जज रिजल्ट को चुनौती वाली सभी याचिकाएं खारिज: याचिकाकर्ताओं ने कहा-हमारी आंसरशीट जांची नहीं गई, PSC का जवाब-गलत तरीके से हल किया पर्चा
बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) द्वारा आयोजित सिविल जज परीक्षा 2023 (एंट्री लेवल) के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दी है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नहीं गई है।
वहीं, PSC ने तर्क दिया कि एग्जाम के पैटर्न में बदलाव किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि गलत तरीके से सवाल हल करने पर उसकी जांच नहीं की जाएगी। इसके साथ ही 15 से 20 डिस्ट्रिक्ट जजों की कमेटी मूल्यांकन करती है, जिनके अभिमत पर PSC ने रिजल्ट जारी किया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एनके व्यास ने एग्जाम के रिजल्ट को सही ठहराया है।
2023 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी
राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल जज के 49 पदों के लिए 3 सितंबर 2023 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके परिणाम 24 जनवरी 2024 को घोषित किए गए, जिसमें याचिकाकर्ताओं समेत सभी याचिकाकर्ता सफल रहे। इसके बाद मुख्य परीक्षा 25 अगस्त 2024 को आयोजित की गई और इसका परिणाम 8 अक्टूबर 2024 को जारी किया गया।
इस परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया था, जिसके अनुसार प्रश्न के ठीक नीचे दिए गए बाक्स में उत्तर लिखना था। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्होंने उत्तर लिखते समय एक प्रश्न के नीचे किसी अन्य प्रश्न का उत्तर लिख दिया, जिसके कारण उनके उत्तरों की जांच नहीं की गई। इसके बाद जब परिणाम घोषित हुआ, तो याचिकाकर्ताओं असफल हो गए।
परीक्षा परिणाम को दी चुनौती, कहा- हमारी कॉपी नहीं जांची गई
इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों में श्रेया उर्मलिया, हेमंत प्रसाद, पराग उपाध्याय, अनुराग केंवट, हेमू भारद्वाज समेत अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर परिणाम को चुनौती दी थी। इसमें कहा गया कि आयोग के परीक्षकों ने उनकी आंसरशीट की ठीक से जांच नहीं की है। इस वजह से उन सबका परिणाम खराब आया।
PSC ने कहा- केवल 20% ने गलत आंसर हल किया
PSC के एडवोकेट डा. सुदीप अग्रवाल ने कहा कि उत्तर पुस्तिका में पहले ही यह स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि उत्तर की जांच की जाएगी, जो निर्धारित स्थान पर दिए गए हों। उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने सही तरीके से अपने उत्तर दिए थे। केवल 20 फीसदी ने गलती की थी। इनमें महज 10 फीसदी उम्मीदवारों ने ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि 15 से 20 जिला जजों की एक कमेटी द्वारा परीक्षा का मूल्यांकन किया गया था, जिन्होंने भी इस प्रक्रिया को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा परिणाम को सही ठहराया है।
Noodlemagazine Good post! We will be linking to this particularly great post on our site. Keep up the great writing
Noodlemagazine Very well presented. Every quote was awesome and thanks for sharing the content. Keep sharing and keep motivating others.
Thank you for the good writeup It in fact was a amusement account it Look advanced to far added agreeable from you However how could we communicate