नेपाल शासनतंत्र को चीन की चालों से सावधान करने पुरी शंकराचार्य का संदेश
भुवन वर्मा बिलासपुर 30 जून 2020
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
जगन्नाथपुरी — चीन द्वारा भारत के पड़ोसी देशों को अपने पक्ष में करने की कूटनीति के तहत नेपाल को सहायता प्रदान की जा रही है। इस परिप्रेक्ष्य में पुरी शंकराचार्य ने नेपाल शासनतंत्र को एक हिन्दू राष्ट्र होने की मूलभावना के तहत सचेत करते हुये सावधान किया है। लद्दाख के गलवान घाटी सीमा में भारत और चीन के मध्य चल रहे तनाव के बीच ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने नेपाल शासन को अपने दिव्यतम संदेश में कहा है कि यदि नेपाल के शासनतन्त्र की आस्था और आत्मीयता (अपनत्व) का केन्द्र कुटिल चाल चलने में दक्ष चीन है; तब नेपाल के शासनतन्त्र तथा नेपाल का अपकर्ष सुनिश्चित है । यदि नेपाल के शासनतन्त्र की आस्था नेपाल के प्रति है और आत्मीयता कुटिल चीन के प्रति है; तब भी नेपाल के शासनतन्त्र तथा नेपाल का अपकर्ष सुनिश्चित है। यदि नेपाल के शासनतन्त्र की आस्था और आत्मीयता नेपाल और भारत के प्रति है; तब नेपाल के शासनतन्त्र का और नेपाल का सर्वविध उत्कर्ष सुनिश्चित है।
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