छालीवुड सितारा अपूर्वधर ने किया बड़गैया परिवार का नाम रौशन
भुवन वर्मा बिलासपुर 27 जून 2020
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अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
चाँपा — एक तरफ जहाँ आज की युवा पीढ़ी पीएससी फाईट करने के लिये एड़ी चोटी एक करने में अनेकों वर्षों से प्रयासरत हैं। वहीं दूसरी ओर बड़गैया परिवार का युवा अपूर्व धर दीवान (30 वर्षीय) ने अपने छत्तीसगढ़ी फिल्म ” चमन बहार ” के द्वारा बड़गैया परिवार के साथ साथ पूरे अंचल का गौरव बढ़ाया है।
गौरतलब है कि कोसा , काँसा एवं कंचन की नगरी चाँपा से लगे गौरव ग्राम अफरीद और सारंगढ़ एक ही बड़गैया परिवार है जिससे अपूर्व धर दीवान ताल्लुकात रखते हैं। इनका लालन पालन भी सांस्कारिक कुलीन ब्राह्मण परिवार की परंपरा में हुआ। परन्तु बचपन से ही इनके मन में पारिवारिक पृष्ठभूमि से अलग हटकर कैरियर बनाने की जीजिविषा थी , जिसके चलते इन्होंने फिल्मी कैरियर को चुना। जबकि इनके पारिवारिक पृष्ठभूमि में दूर दूर तक फिल्मी लाईन का कोई रिश्ता नही है। ये छत्तीसगढ़ी फिल्म चमन बहार के निर्देशक , कहानीकार , गीतकार हैं। इसके अलावा ये एक — दो दृश्यों में अभिनय के क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके है। इनका बचपन कुछ समय मुँगेली क्षेत्र में भी गुजरा क्योंकि तब इनके पिताश्री की पदस्थापना वन विभाग अधिकारी के रूप में मुँगेली में थी। और यही कारण है कि इनकी फिल्म में मुँगेली क्षेत्रकी मिट्टी की सौंधी महक है। लोरमी मुँगेली क्षेत्र की पृष्ठभूमि का चुनाव उनके इस क्षेत्र विशेष के प्रति लगाव को दर्शाता है।यह आवश्यक नहीं है कि आज का युवा अपने पुस्तैनी व्यवसाय को चुने या परिवार की इच्छानुरुप ही कार्य करे। वह अपनी सोच , आत्मविश्वास से नया क्षेत्र चुनकर भी सफल हो सकता है। बचपन से ही फिल्मी लाईन में काफी रूचि होने के कारण अपूर्व धर बारहवी की पढ़ाई करने के बाद ऐच्छिक क्षेत्र में अध्ययन , प्रशिक्षण के लिये मुम्बई चले गये। फिल्मी लाईन में उनके लगाव को देखते हुये घर से उनको मुम्बई जाने की अनुमति भी मिल गयी। जहाँ से अध्ययन , प्रशिक्षण और अनुभव के बाल उनके बहुआयामी प्रतिभा रूपहले पर्देपर साकार करने का स्वप्न फिल्म “चमन बहार” के रूप में पूरा हुआ। इनके फिल्म में छत्तीसगढ़ संस्कृति की मधुरता भी है। एक प्रतिभाशाली युवक के लिये प्रतिस्पर्धायुक्त इस फिल्मी लाईन में पदार्पण स्वागत योग्य है , बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस फिल्म की कहानी की मौलिकता भी एक विशेषता है कि जहांँ आजकल फिल्मों की कहानी में दक्षिण भारत या विदेशी फिल्मों की नकल का आरोप लगता है ,इन सबसे अलग इस फिल्म की कहानी में नवीनता है ,जो एक अच्छी शुरुआत है।
बड़गैया परिवार के इस उभरते सितारे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये अफरीद निवासी प्रोफेसर बी०डी०दीवान ने कहा कि मैं कोई फिल्म समीक्षक नहीं हूंँ, बड़गैया परिवार के कुलदीपक की प्रतिभा देखकर मन गदगद हुआ तो चंद बातें आप सबसे साझा कर लिया। आप सब नेटफ्लिक्स पर चमन बहार अवश्य देंखे और दुआ है कि छत्तीसगढ़ के अलावा बालीवुड में भी छत्तीसगढ़ का युवा सितारा अपनी रोशनी बिखेरता रहे । छत्तीसगढ़ी संस्कृति जिसमें सरलता , सहजता , संतोष , अन्य आंचलिक संस्कृति को सामंजस्य के साथ आत्मसात करने की अद्भुत क्षमता है , वह पूरे देश में अनुकरणीय हो। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया कहावत चरितार्थ हो।
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