हमर लैब योजना ध्वस्त : 14 जिलों में शुरू नहीं हो पाया, जहां खुला वहां की हालत भी बदतर

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रायपुर। निजी लैब में पैथालॉजी जांच के लिए पैसे खर्च करने से बचाने के लिए जिला अस्पतालों में शुरू की गई हमर लैब की योजना अब उपेक्षा की शिकार होने लगी है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा करीब चार साल पहले इस योजना को प्रारंभ किया था मगर 14 जिलों में अब तक इसी शुरुआत नहीं हो पाई है। जिन जिला अस्पतालों में यहां संचालित हो रहा है वहां की व्यवस्था भी लचर हो रही है। रायपुर में थायराइड, लीवर, हार्मोन्स से संबंधित कई जांच बंद है तो राजनांदगांव में टेस्ट के लिए सैंपल देने लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। खून सहित पैथालॉजी से संबंधित जांचों के लिए निजी लैब में मरीजों को काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए चार साल पहले रायपुर जिला अस्पताल और पाटन ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इसकी शुरुआत की गई थी।

प्रारंभिक दौर में इसे मिले रिस्पांस के आधार पर अन्य जिलों के साथ देशभर में हमर लैब की योजना को अपनाने की बात सामने आई थी। रायपुर के बाद हमर लैब का विस्तार 27 जिले और 41 ब्लाक स्तर पर किए जाने का विचार किया गया था। चार साल का लंबा समय बीतने के बाद संख्या 13 जिले और सात ब्लाक से आगे नहीं बढ़ पाया। नतीजा यह हुआ कि 14 जिले और 34 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों को अभी भी अपनी जांच के लिए निजी लैब में जाकर राशि खर्च करनी पड़ती है। यहीं नहीं जिन जिलों में इसे प्रारंभ किया गया वहां भी स्थिति ठीक- ठाक नहीं है। ज्यादातर स्थानों रीएजेंट, स्टाफ अथवा अन्य कारणों से पूरी 120 जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है।

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