बिलासपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, पुरानी बिल्डिंग होगी संरक्षित: केंद्रीय मंत्री तोखन साहू के सुझाव पर रेल प्रशासन ने लगाई मुहर, 393 करोड़ होंगे खर्च

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बिलासपुर/ बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के दौरान पुरानी ऐतिहासिक बिल्डिंग को पूरी तरह से संरक्षित रखा जाएगा। दक्षिण पूर्व रेलवे बिलासपुर जोन ने कहा कि, आधुनिक विकास के धरोहर को सुरक्षित रखने पुरानी बिल्डिंग को सहेज कर रखा जाएगा।

माना जा रहा है कि, केंद्रीय राज्य मंत्री और बिलासपुर सांसद तोखन साहू के उस सुझाव जिसमें उन्होंने 135 साल पुरानी स्टेशन बिल्डिंग को सुरक्षित रखने कहा था, रेल प्रशासन ने अपनी मुहर लगा दी है।

दरअसल, 6 सितंबर को जोन महाप्रबंधक नीनु इटियेरा के साथ महाप्रबंधक कार्यालय में तोखन साहू केंद्रीय राज्यमंत्री आवास एवं शहरी मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में सांसदों की बैठक बुलाई गई थी । इसमें साहू ने स्टेशन के नवीनीकरण कार्य के दौरान 1890 में निर्मित बिलासपुर रेलवे स्टेशन बिल्डिंग को सहेजने का सुझाव दिया था।

रेल मंत्रालय के महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करने “अमृत भारत स्टेशन” योजना के तहत स्टेशनों के पुनर्विकास का काम कराया जा रहा है। बिलासपुर रेलवे स्टेशन को 392 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य यात्री सुविधाओं को उन्नत करना, भीड़ प्रबंधन में सुधार लाना और स्टेशन परिसर को आधुनिक बनाने के साथ-साथ इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।

सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा

पुनर्विकास के तहत बेहतर प्रतीक्षालय, अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता और हरित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। योजना के तहत बिलासपुर शहर के दोनों किनारों पर उचित एकीकरण के साथ स्टेशन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित करने और शहर को दोनों तरफ से जोड़ने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है।

स्टेशन भवन का डिजाइन छत्तीसगढ़ के स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा जिससे यह बिलासपुर शहर की खूबसूरती को प्रदर्शित करेगी।

800 यात्री एक साथ बैठ सकेंगे

रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास योजना के तहत एक साथ लगभग 800 यात्रियों के बैठने के लिए काफी बड़ा वेटिंग एरिया का प्रावधान, 1150 से अधिक वाहनों के लिए लगभग 28 हजार वर्ग मीटर पार्किंग एरिया का प्रावधान और बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए स्टेशन में प्रवेश और निकास के अलग-अलग मार्ग का प्रावधान किया जा रहा है।

इसी प्रकार 3 नए फीट ओवरब्रिज का प्रावधान किया गया है। जिसमें दो स्टेशन प्रवेश के लिए और एक स्टेशन से निकास के लिए होगा। 6051 वर्ग मीटर का कांन्कोर्स का प्रावधान किया गया है। जिसमें 1700 वर्ग मीटर का कॉमर्शियल एरिया होगा। जिसमें व्यवसायिक प्रतिष्ठान और दुकानें होगी।

बुजुर्ग और दिव्यांगों का खास ख्याल

स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों की विशेष सुविधा के लिए 30 लिफ्ट और 22 एस्केलेटर बनाए जाएंगे। जिससे यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने में आसानी होगी। पार्सल सर्विस मूवमेंट को यात्री आवागमन एरिया से अलग रखा जाएगा। जिससे यात्रियों को असुविधा न हो।

क्लीन एनर्जी के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र

पर्यावरण संरक्षण के लिए क्लीन एनर्जी के महत्व को रेखांकित करते हुए स्टेशन की छतों पर 20500 वर्ग मीटर में 1200 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा। जल संरक्षण के दृष्टिगत स्टेशन भवन के 16 पिट्स में 97 हजार लीटर क्षमता के रेन वाटर हार्वेस्टिंग और इमरजेंसी पावर बेक-अप के साथ फायर फाइटिंग स्थापित किए जाएंगे।

यात्रियों को दी जाने वाली जरूरी सुविधाओं में खान-पान, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट, वॉशरूम, कवर शेड, स्टैंडर्ड साइनेज आदि शामिल है।

ग्रीन स्टेशन का रूप दिया जाएगा

रेल प्रशासन का दावा है कि, बिलासपुर स्टेशन को विश्व स्तरीय रूप देते हुए ग्रीन स्टेशन का रूप दिया जा रहा है। जहां प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन का प्रावधान होगा। पुनर्विकास के बाद बिलासपुर स्टेशन हाईटेक यात्री सुविधाओं के साथ टेक्नोलॉजी, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक केंद्र बनेगा।

यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ रोजगार बढ़ने की व्यापक संभावना विकसित होगी। जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।

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