मनरेगा-“महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी”- ग्रामीण जीवन शैली के लिए वरदान

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भुवन वर्मा बिलासपुर 22 जून 2024

रायपुर।मनरेगा जो सरकार के द्वारा गांव में बेरोजगारों को गांव में ही रोजगार दिया जाता है जिसके अंतर्गत मनरेगा कार्य आता है , मनरेगा का कुछ लोग गलत अर्थ निकालाते जैसे प्रशासन इस के कार्य को प्रारंभ करके लोगों को आलसी बना दिया, सरकार पैसे का दुरुपयोग करना, और एक नया घोटाला लेकिन मेरे अनुभव से मनरेगा का कार्य प्रकृति को बचाना है। जल, जंगल, जमीन, को सुरक्षा प्रदान करना है, गांव के सुख-सुविधा के लिए अनेक कार्य जैसे वृक्षा रोपण, तालाब गहरीकरण साफ-सफाई, खेती में सुधार, नारवा, गोड़ा की मरम्मत एवं साफ-सफाई या गांव के नल जल सुरक्षा के तहत साफ-सफाई करना हो,, ऐसे अनेकों कार्य हमारे गांव एवं खेती खलिहान, जल संरक्षण के लिए हुए जो कि बहुत ही कारगर साबित हुआ, मनरेगा कार्य के अंतर्गत गांव के वातावरण काफी सुधार देखने को मिला, गांव वाले भी मनरेगा के कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मनरेगा के सभी कार्य में काफी उत्साह देखने को मिला, कई परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया, साथ ही कई लोगों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी लाभ मिला। जिसमें मैं भी शामिल हूं।

मेरे गांव (बकतरा तहसील-अभनपुर जिला-रायपुर छत्तीसगढ़)में इस वर्ष 2024 मनरेगा कार्य में लगभग 85 से 90 लख रुपए का कार्य हुआ जिसमें गांव के गरीब एवं सामान्य परिवार के लोग भी शामिल हुए साथ ही दिव्यांग जन भी शामिल हुए, मनरेगा कार्य में “एक वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत सरकार के द्वारा किया गया है जिसमें मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया।

इस वर्ष हमारे गांव में ऐसे कई परिवार है जिसके मनरेगा कार्य 100 दिन पूरा हो गया। मेरा सौभाग्य रहा कि मैं (पिन्टूराम साहू /दिव्याग 90%)भी इस मनरेगा “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी” के कार्य में शामिल हुआ और अपना योगदान दिया इसके लिए मैं अपने क्षेत्र के सीईओ सर , इंजीनियर सर , रोजगार साहयिका गांव के कार्यरत सभी मेड भाई-बहन तुल्य सरपंच-पंच सभी का आभार प्रकट करता हूं कि आप सभी के एकता एवं निष्ठा से मनरेगा 2024का कार्य सफल रहा।

अनुभव कर्ता – पिन्टूराम साहू , गांव-बकतरा, तहसील अभनपुर, जिला-रायपुर (छत्तीसगढ़)

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