जानिए, 41 पार्टियों में कौन कितना दमदार: क्या नीतीश कुमार-चंद्रबाबू नायडू साथ छोड़ दें तो गिर जाएगी NDA सरकार? समझें गणित

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नई दिल्ली/ 8वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव-2024 में पार्टी वार प्रदर्शन की पूरी तस्वीर साफ हो चुकी है। भाजपा को उसकी उम्मीदों से बहुत कम सीटें मिली हैं। 2019 में 303 सीट खुद के दम लाने वाली इस बार भाजपा 240 पर सिमट गई। हालांकि NDA को 291 सीटों के साथ बहुमत मिला है। विपक्षी दलों में कांग्रेस 99 सीटों के साथ देश की दूसरी सबसे बड़ी बनकर उभरी है। INDIA गुट ने 234 सीटें जीती हैं।

नतीजों के बाद एक चर्चा आम है कि राजनीति में बड़बोलापन काम नहीं चलेगा। महंगाई-बेरोजगारी के मुद्दे पर काम धरातल पर करना पड़ेगा। लोगों का कहना है कि भाजपा की अगुवाई वाले NDA को भी जनादेश एक चेतावनी के साथ मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही तीसरा कार्यकाल हासिल कर लिया हो, लेकिन भाजपा को अपने गठबंधन में अन्य दलों- JDU(U) प्रमुख नीतीश कुमार और TDP के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के समर्थन पर निर्भर रहना होगा। क्योंकि भाजपा 272 बहुमत के आंकड़े से 32 सीटें कम हैं।

क्या है NDA का नंबर गेम?
एनडीए गठबंधन चुनाव से पहले नहीं बना है। यह पहले भी अस्तित्व में रहा है। उसे 291 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत मिला है। इसलिए सरकार एनडीए की ही बनेगी।
भाजपा अकेले की 240 सीटें हैं, जो बहुमत से 32 कम है। यह कमी उसके तीन सबसे बड़े सहयोगी टीडीपी-जदयू और शिवसेना-शिंदे पूरी कर देते हैं। शिवसेना शिंदे गुट की 7 सीटें हैं।

अगर TDP अपने 16 सांसदों को लेकर भाजपा का छोड़ भी दे तो बहुमत (272) से 4 ज्यादा यानी 275 एनडीए के पास रहेंगी। जदयू के 12 सांसद पाला बदलें तो भी एनडीए के पास 279 सीटें होंगी, जो बहुमत से 7 ज्यादा हैं। हालांकि दोनों दल स्पष्ट कर चुके हैं कि वे एनडीए के साथ हैं। 7 निर्दलीय व 11 छोटे दलों के सांसद हैं, जो किसी के साथ नहीं हैं। इनमें कुछ भाजपा के पूर्व सहयोगी हैं। ये एनडीए में जा सकते हैं।

कैसा है INDI गठबंधन का समीकरण?
INDIA गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है। उसकी अकेले 99 सीटें हैं। INDIA के सभी दलों को जोड़ें तो सीटें 234 पहुंचती हैं, जो बहुमत से 38 सीटें कम हैं। टीडीपी (16) और जदयू (12) मिलकर सिर्फ 28 सीटें होंगी, जो बहुमत से 10 कम है। अन्य 18 में से एकमुश्त 10 को साधना मुश्किल है। ऐसी दशा में INDIA गठबंधन का बहुमत के जादुई नंबर 272 तक पहुंचना बहुत कठिन है।

कांग्रेस ने कहा- यह मोदी की नैतिक हार
फिलहाल, अपने प्रदर्शन से कांग्रेस उत्साहित है। भाजपा की सीटों में आश्चर्यजनक गिरावट को देखते हुए विपक्षी गठबंधन INDIA ने दावा किया कि उन्होंने एक तरह की जीत हासिल की है। कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी की यह नैतिक और राजनीतिक हार है।

देश की तीसरी सबसे बड़ी सपा
उत्तर प्रदेश में भाजपा को समाजवादी पार्टी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। सपा ने 37 सीटें जीतीं। समाजवादी पार्टी ने 2019 में भाजपा की सीटों की संख्या को 62 से घटाकर 35 कर दिया। इसी तरह अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) ने 29 सीटें, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने 22 सीटें और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने 16 सीटें हासिल कीं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने 8 सीटें हासिल कीं।

 

अन्य परिणामों में जनता दल (यूनाइटेड) – जेडी(यू) को 12 सीटें, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को 9 सीटें, शिवसेना (एसएचएस) को 7 सीटें और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 सीटें मिलीं। युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई(एम)) ने 4-4 सीटें हासिल कीं। इसके अलावा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), आम आदमी पार्टी (आप) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने 3-3 सीटें जीतीं।

जन सेना पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन), जनता दल (सेक्युलर), विदुथलाई चिरुथैगल काची, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी), जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 2 सीटें हासिल कीं। कई अन्य दलों, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, असम गण परिषद, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर), केरल कांग्रेस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी, ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी), राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम), अपना दल (सोनीलाल), आजसू पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने 1-1 सीट हासिल की।

बिहार में INDI गठबंधन रहा बेअसर
भाजपा की 240 सीटों की संख्या पिछले चुनावों से कम है, जबकि कांग्रेस ने 2019 में अपनी सीटों की संख्या 52 से बढ़ाकर 2024 में 99 कर ली है। भाजपा को उत्तर प्रदेश में असफलताओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, ओडिशा में इसने 21 में से 20 सीटें जीतकर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने शेष सीटें जीतीं और बीजू जनता दल (बीजेडी) एक भी सीट जीतने में विफल रही।

बिहार में, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन मतदाताओं को उत्साहित करने में विफल रहा, और एनडीए गठबंधन ने अपनी स्थिति बनाए रखी। एनडीए की अपने दो सबसे बड़े सहयोगियों, टीडीपी और जेडी(यू) के साथ बैठक और इंडिया ब्लॉक की बैठक आज आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए होगी।

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