ज़िद्दी घुन और इल्ली से छुटकारा दिलाएगी हल्दी
भुवन वर्मा, बिलासपुर 16 मई 2020
भंडारित कृषि उपज को सुरक्षित रखने का प्राकृतिक उपाय
बिलासपुर। रबी फसलों का भंडारण करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी। अब भंडारण के दौरान उपज को सुरक्षित रखने के लिए महंगी दवाओं की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रयोगों के बाद हल्दी को सबसे सुरक्षित उपाय माना गया है। दिलचस्प यह है कि 1 क्विंटल कृषि उपज के भंडारण में मात्र 250 ग्राम हल्दी पाउडर सभी प्रकार के कीट प्रकोप से बचाव के लिए पर्याप्त होगा।
रबी फसलों की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है। खरीफ की तैयारियों के बीच अब भंडारण का काम ना केवल गांवों में बल्कि शहरी क्षेत्रों के भंडारण केंद्रों में भी चालू हो चुका है। इसके बाद जो काम सबसे पहले करना होगा वह है भंडारित कृषि उपज को घुन, फंगस, इल्ली और सुरही जैसे कीट से बचाने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना। इसमें ना केवल निजी क्षेत्र बल्कि सरकारी क्षेत्र के उपक्रम भी बड़ी मात्रा में सल्फास टेबलेट और पाउडर का उपयोग करते हैं और इस पर बड़ी रकम जाया करते हैं। इस उपाय से भंडारित उपज में कीटनाशक के असर रह जाते हैं जो प्रोसेस के बाद भी कायम रहते हैं। इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने नया प्राकृतिक उपाय खोज निकाला है। यह हल्दी पाउडर के रूप में भंडार गृह के लिए उपयोगी होगा और सल्फास का विकल्प बनेगा।
इसलिए हल्दी पाउडर
कृषि वैज्ञानिक ने सल्फास को छोड़ने की सलाह इसलिए दी है क्योंकि इसे डाले जाने के बाद भंडारित कृषि उपज में सल्फास के तत्व रह जाते हैं। यह तत्व प्रोसेस के बाद भी बने रहते हैं। इसकी वजह से एलुमिनियम सल्फाइड, फास्फाइड केमिकल जैसे घातक तत्व कैंसर जैसी बीमारियों की बड़ी वजह बनते हैं। इन्हीं सब वजह को देखते हुए कई प्रयोग के बाद हल्दी को सल्फास का सबसे बेहतर और प्राकृतिक विकल्प माना गया है।
इन कीटों से छुटकारा
अनुसंधान और उपयोग के बाद मिली बड़ी सफलता में यह पाया गया है कि हल्दी पाउडर के छिड़काव से फंगस, घुन, इल्ली और सुरही जैसे छोटे-छोटे कीट जो उपज के भीतर प्रवेश कर उसे पूरी तरह ना केवल क्षतिग्रस्त कर देते हैं बल्कि उनकी गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं। प्रोसेस के पहले सफाई में भी इन्हें पूरी तरह नहीं हटाया जा सकता। इसलिए इन कीटों से बचाव के लिए सल्फास का सहारा लिया जाता है। इसके बावजूद यह जिद्दी घुन को भी नष्ट नहीं कर सकता।
250 ग्राम हल्दी में एक क्विंटल सुरक्षित
अपने औषधीय गुणों की वजह से हल्दी को लगभग हर बीमारी से बचाने में सहायक माना गया है लेकिन पहली बार इसमें कृषि उपज को भी सुरक्षित रखने के गुणों का होना प्रमाणित हुआ है। हल्दी में एंटीफंगस, एंटीबैक्टीरियल जैसे महत्वपूर्ण मेडिशनल प्रॉपर्टीज है। अपने इन्हीं गुणों की वजह से यह भंडारित कृषि उपज को प्राकृतिक तौर पर सुरक्षित रखने में सहायक सिद्ध हुआ है। मात्र ढाई सौ ग्राम हल्दी पाउडर से 1 क्विंटल कृषि उपज को सुरक्षित रखा जा सकता है।
ऐसे करें भंडारित उपज को सुरक्षित
नए गुण के खुलासे के बाद भंडार गृह या फिर घर में कृषि उपज को सुरक्षित रखने के पहले ढाई सौ ग्राम हल्दी पाउडर एक क्विंटल उपज में अच्छी तरह मिलाकर डालना होगा यदि इसे और भी ज्यादा असरकारक बनाना है तो इसके मिश्रण में नीम और तुलसी की पत्ती डाली जा सकती है। वैसे भी नीम की पत्तियों को भंडारित कृषि उपज या खाद्य सामग्री को सुरक्षित रखने में प्रयोग करने की प्राचीन विधि है जो अब भी कारगर है। इस तरह पहली बार हल्दी पाउडर सल्फास का विकल्प बनने जा रहा है।
” एंटी फंगस और एंटीबैक्टीरियल जैसे कई मेडिशनल प्रॉपर्टीज के वजह से हल्दी पाउडर का उपयोग भंडारित कृषि उपज को सुरक्षित रखा जा सकता है। इस पाउडर को डाले जाने के बाद घुन, फंगस, इल्ली और सुरही से कृषि उपज को सुरक्षित रखने में सहायक पाया गया है ” – डॉ अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन बिलासपुर।
भूपेंद्र वर्मा भाठापारा की रपट