जिन लोगों ने लंदन और यूरोपीय देशों के अत्याधुनिक माहौल में शिक्षा पायी थी उन्ही लोगों ने लन्दन में बम धमाकों को अंजाम दिया था
भुवन वर्मा, बिलासपुर 15 अप्रैल 2020
अभी दो दिनों से एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमे कहा जा रहा है कि मुसलमानो में पढ़ी लिखी जो जमात है उन्हें मरकज के जमातियों का विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए उनका विरोध करना चाहिए।
ऐसा सिर्फ वो लोग ही सोचते हैं जो आज भी मुसलमानो को उदार और बुद्धिजीवी मानते हैं,,,,,
जिन मुसलमानो ने 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर पर हमला कर 3000 लोगों को मार दिया,,,,
वो कोई अनपढ़ गवाँर लोग नहीं थे।
अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन खुद एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर था।।
बगदादी फ्रोफेसर था।।
और अल जवाहिरी भी पीएचडी था।।
शिक्षित मुसलमान अनपढ़ जाहिल मुसलमानो से भी खतरनाक होता है।।
शिक्षित मुसलमानो के साथ समस्या ये होती है कि आप इनकी जाहिलियत का अंदाजा लगा ही नहीं पाएंगे।।
ये आपके साथ ही रहेंगे।
आपसे इस्लाम के उदारवादी पक्ष के बारे लम्बी लम्बी बाते करेंगे।अमन भाईचारे की बात करते करते ये गाज़ा पट्टी में इजराइल के जुल्म से लेकर ईराक में अमरीकी सरकार की दमनकारी और इस्लाम विरोधी घटनाओ का जिक्र करते करते भारत में हिन्दुओ के ऊपर असहिष्णुता का ठिकरा फोड़ देंगे।।
भारत में सभ्य से सभ्य और पढ़ा लिखा मुस्लमान भी मोदी विरोध से ऊपर नहीं सोचता।।
और दुनिया के कई मुस्लिम देशों में तो आपको तब तक मुसलमान समझा नहीं जाता जब तक वो अमेरिकी हुकूमत को पानी पी के गाली ना दे लें।।
और आप इनसे अपेक्षा करते हैं कि ये जमात के जाहिलपन के खिलाफ आवाज उठाएंगे???
आज तक आपने कभी देखा या सुना कि भारतीय मुसलमानो ने कभी काश्मीरी पंडितों के पक्ष में आवाज उठायी??
या फिर कभी भी किसी भी प्राकृतिक आपदा में इन्होंने देश हित में कभी कोई काम किया है??…नहीं ना,,,,
अब ये कोरोना जेहाद में लगे हुवे हैं।।
कोरोना दुनिया भर में पचास हज़ार लोगों को मार चुका है।। लेकिन भारत में अब तक ये संख्या 100 भी नहीं पहुँची है।।
अब पश्चिमी देशों और इस्लामिक समाज को ये बात कैसे पचेगी।।
भारत में कोरोना बढ़ेगा तो लॉक डाउन बढ़ेगा।।
अगर लॉक डाउन बढ़ा तो देश की इकॉनमी गिरेगी।।
इकोनॉमी गिरी तो मोदी पे सवाल उठेंगे।।
लोगों में असंतोष बढ़ेगा।।
विद्रोह होगा।।
गृह युद्ध की नौबत आएगी।।
और अंत में मोदी सत्ता से हट जाएंगे और सेक्युलर सत्ता गिरोह सत्ता पे काबिज होंगे जो अंत में इस्लाम के हित की योजनाएं और कानून संसद में लाएंगे और इनके गज़वा ए हिन्द का सपना पूरा होगा।।
आप खोजते रहिये मुसलमानो में बुद्धिजीवी।।
जैसे रेगिस्तान में पानी नहीं मिलता वैसे ही इस्लाम में शान्ति सौहार्द उदारता और बुद्धिजीविता खोजना विशुद्ध ~तियापन है।।
जय हिन्द !
????जय_भारत????